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राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में गूंजा उत्तराखंड का ये वाद्य मंत्र, जागर में इसकी थाप पर अवतरित होते हैं देव - राम मंदिर में बजा हुड़का

Ram Mandir Pran Pratistha Program in Uttarakhand अयोध्या राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है. राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में उत्तराखंड के हुड़के की थाप भी गूंजी. करोड़ों लोगों ने हुड़के की थाप अयोध्या राम मंदिर में सुनी. देश के विभिन्न राज्यों से लाए गए 18 वाद्य यंत्रों में उत्तराखंड के वाद्य यंत्र हुड़के को भी स्थान मिला.

Ram Mandir Pran Pratistha
अयोध्या में हुड़के की थाप
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 22, 2024, 2:34 PM IST

Updated : Jan 23, 2024, 12:18 PM IST

देहरादून: अयोध्या में भगवान राम अपने मंदिर में विराजमान हो गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ देश और दुनिया से आए वीआईपी की मौजूदगी में इस पूरे कार्यक्रम को संपन्न करवाया गया. देश के कोने-कोने से भगवान राम के लिए अलग-अलग उपहार आ रहे हैं. वहीं अयोध्या के कार्यक्रम स्थल पर भगवान राम की पूजा में शामिल वाद्य यंत्रों की अगर बात करें तो तमाम राज्यों से प्रमुख वाद्य यंत्रों की मौजूदगी में पूजा पाठ और आरती भी करवाई गई है. इसी कड़ी में उत्तराखंड से हुड़का वाद्य यंत्र अयोध्या में भगवान राम की पूजा अर्चना में इस्तेमाल किया गया है.

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में गूंजी उत्तराखंडी हुड़के की थाप: अयोध्या में आज राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है. भगवान श्रीराम अपने मंदिर में विराजमान हो गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ देश और दुनिया से आए वीआईपी अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का आकर्षण रहे. राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में देश भर के राज्यों से लाए गए वाद्य यंत्रों की धुन सुनाई दी. उत्तराखंड के एक वाद्य यंत्र को भी इस मौके पर स्थान मिला. उत्तराखंड के वाद्य यंत्र हुड़के की थाप भी अयोध्या के राम मंदिर में सुनाई दी.

हुड़का है उत्तराखंडी संस्कृति की पहचान: वरिष्ठ पत्रकार भागीरथ शर्मा कहते हैं कि हुड़का हमारी प्राचीन वाद्य यंत्रों की एक निशानी है. हालांकि लंबे समय से उत्तराखंड के वाद्य यंत्रों की अपेक्षा हो रही है. सरकार के कार्यक्रम हों या फिर अन्य शादी समारोह, अब उनकी जगह बड़े-बड़े डीजे और स्टेज प्रोग्राम ने ले ली है. जबकि आज भी उत्तराखंड के साथ-साथ पड़ोसी देश नेपाल में भी इस वाद्य यंत्र का खूब प्रयोग किया जाता है. भगवान की स्तुति आराधना और प्रार्थना में पारंपरिक वाद्य यंत्रों का आज भी नेपाल में अच्छी तरह से प्रयोग किया जाता है. लेकिन यह बात भी सही है कि यह वाद्य यंत्र हमारे उत्तराखंड का ही है.

आज अयोध्या में इतने बड़े आयोजन के दौरान अगर इस वाद्य यंत्र की गूंज सुनाई दे रही है और इसको और अच्छे से प्रचार प्रसार मिलता है तो लोग इसकी तरफ दोबारा से आकर्षित होंगे. हालांकि हमारे उत्तराखंड के प्रख्यात गायक पद्मश्री प्रीतम भर्तवाण हों या फिर नरेंद्र सिंह नेगी अपने कार्यक्रमों में इस वाद्य यंत्र का प्रयोग हमेशा से करते आए हैं.
ये भी पढ़ें: प्राण प्रतिष्ठा के दिन राम भक्ति में डूबे उत्तराखंड के सीएम धामी, ऐसे की दिन की शुरुआत

देहरादून: अयोध्या में भगवान राम अपने मंदिर में विराजमान हो गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ देश और दुनिया से आए वीआईपी की मौजूदगी में इस पूरे कार्यक्रम को संपन्न करवाया गया. देश के कोने-कोने से भगवान राम के लिए अलग-अलग उपहार आ रहे हैं. वहीं अयोध्या के कार्यक्रम स्थल पर भगवान राम की पूजा में शामिल वाद्य यंत्रों की अगर बात करें तो तमाम राज्यों से प्रमुख वाद्य यंत्रों की मौजूदगी में पूजा पाठ और आरती भी करवाई गई है. इसी कड़ी में उत्तराखंड से हुड़का वाद्य यंत्र अयोध्या में भगवान राम की पूजा अर्चना में इस्तेमाल किया गया है.

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में गूंजी उत्तराखंडी हुड़के की थाप: अयोध्या में आज राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है. भगवान श्रीराम अपने मंदिर में विराजमान हो गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ देश और दुनिया से आए वीआईपी अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का आकर्षण रहे. राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में देश भर के राज्यों से लाए गए वाद्य यंत्रों की धुन सुनाई दी. उत्तराखंड के एक वाद्य यंत्र को भी इस मौके पर स्थान मिला. उत्तराखंड के वाद्य यंत्र हुड़के की थाप भी अयोध्या के राम मंदिर में सुनाई दी.

हुड़का है उत्तराखंडी संस्कृति की पहचान: वरिष्ठ पत्रकार भागीरथ शर्मा कहते हैं कि हुड़का हमारी प्राचीन वाद्य यंत्रों की एक निशानी है. हालांकि लंबे समय से उत्तराखंड के वाद्य यंत्रों की अपेक्षा हो रही है. सरकार के कार्यक्रम हों या फिर अन्य शादी समारोह, अब उनकी जगह बड़े-बड़े डीजे और स्टेज प्रोग्राम ने ले ली है. जबकि आज भी उत्तराखंड के साथ-साथ पड़ोसी देश नेपाल में भी इस वाद्य यंत्र का खूब प्रयोग किया जाता है. भगवान की स्तुति आराधना और प्रार्थना में पारंपरिक वाद्य यंत्रों का आज भी नेपाल में अच्छी तरह से प्रयोग किया जाता है. लेकिन यह बात भी सही है कि यह वाद्य यंत्र हमारे उत्तराखंड का ही है.

आज अयोध्या में इतने बड़े आयोजन के दौरान अगर इस वाद्य यंत्र की गूंज सुनाई दे रही है और इसको और अच्छे से प्रचार प्रसार मिलता है तो लोग इसकी तरफ दोबारा से आकर्षित होंगे. हालांकि हमारे उत्तराखंड के प्रख्यात गायक पद्मश्री प्रीतम भर्तवाण हों या फिर नरेंद्र सिंह नेगी अपने कार्यक्रमों में इस वाद्य यंत्र का प्रयोग हमेशा से करते आए हैं.
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Last Updated : Jan 23, 2024, 12:18 PM IST
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