देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के सभी कार्मिकों के वेतन खातों को कारपोरेट सैलरी एकाउन्ट की सुविधा देने का निर्णय लिया है. जिसको मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है. दरअसल, राज्य में करीब डेढ़ लाख कार्मिक हैं, जिनको कारपोरेट सैलरी एकाउन्ट का लाभ नहीं मिल रहा था. जिसे देखते हुए राज्य सरकार, पहले चरण के तहत चार बैंको भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बडौदा, यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया, केनरा बैंक के साथ एमओयू साइन करने जा रहा है. जिसके बाद जिन भी कार्मिकों का इन बैंकों में खाता होगा, उनको कारपोरेट सैलरी एकाउन्ट की सुविधा मिलनी शुरू हो जायेगी.
राज्य के कार्मिकों को कॉरपोरेट सेविंग बैंक सैलरी पैकेज के तहत लाभ उपलब्ध कराने के लिए उत्तराखंड के राजकीय कार्मिक, जिनको कोषागार की ओर से तमाम अधिसूचित वाणिज्यिक बैंकों के जरिए वेतन भुगतान किया जाता है. उनको कॉरपोरेट सैलरी पैकेज का लाभ उपलब्ध कराये जाने के लिए प्रथम चरण में भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बडौदा, यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया, केनरा बैंक के साथ एमओयू साइन किए जाने को लेकर कैबिनेट ने सहमति दी है. साथ ही ट्रेजरी के डायरेक्टर को अधिकृत किया है कि वो बैंको के साथ एमओयू साइन कर लें.
सचिव एसएन पांडेय ने बताया राजकीय कार्मिकों को वेतन भुगतान के लिए कार्मिकों के पास किसी न किसी बैंक में खाता होता है. हालांकि, बैंकों की तरफ से तमाम तरह की सुविधाएं दी जाती हैं, लेकिन, इन सुविधाओं का लाभ कार्मिकों को इसलिए नहीं मिल पा रहा था क्योंकि सेवा प्रदाता को बैंक के साथ एमओयू करनी होती है. जिसको देखते हुए शासन स्तर पर 13 बैंकों के साथ बैठक की गई. जिसमें से चार बैंकों ने कार्मिकों को कारपोरेट सेलरी एकाउन्ट की सुविधा देने पर सहमति जता दी है. ऐसे में इन बैंकों में जिस भी कार्मिक का एकाउंट होगा, उसको कारपोरेट सैलरी एकाउन्ट की सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी.
उन्होंने बताया कारपोरेट सैलरी एकाउन्ट के तहत तमाम सुविधा मिलती है. जिसमें एक्सीडेंटल इंश्योरेंस की सुविधा, बच्चों की शिक्षा, बच्चों की शादी के लिए भी तमाम सुविधाएं दी जाएंगी. इन सुविधाओं के लिए कार्मिकों को किसी भी तरह के प्रीमियम देने की जरूरत नहीं है. एक्सीडेंटल इंश्योरेंस की सुविधा के तहत अगर किसी कार्मिक की एक्सीडेंट में मृत्यु हो जाती है तो उसके आश्रितों को 38 लाख से एक करोड़ रुपए देने का प्रावधान होगा. अपंगता की स्तिथि में 40 लाख से एक करोड़ रुपए देने का प्रावधान होगा. इसके अलावा, सामान्य मृत्यु की स्तिथि में एक लाख से 6 लाख रुपए तक का प्रावधान होगा.