हरिद्वार /लक्सर/रामनगर: देशभर में इन दिनों कांवड़ यात्रा चल रही है. कांवड़िये शिवभक्ति में डूबकर गंगाजल लेने के लिए कई किलोमीटर का पैदल सफर तय कर रहे हैं. देश के कोने कोने से कांवड़ यात्रा के अलग अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. कहीं नन्हें कांवड़िये कांवड़ यात्रा को लेकर उत्साहित हैं, तो कहीं कांवड़ के अलग स्वरूप को लेकर यात्रा की चर्चा हो रही है. कहीं कांवड़ियों पर फूलों की बारिश कर मिसाल पेश की जा रही है. आईये आपको कांवड़ यात्रा से जुड़ी खास खबरें सिलसिलेवार बताते हैं.
शिवभक्तों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा: कांवड़ यात्रा चरम पर है. ऐसे में खानपुर विधायक उमेश कुमार शर्मा ने हेलीकॉप्टर से शिव भक्तों और सभी शिवालयों पर पुष्प वर्षा की. खानपुर विधायक उमेश कुमार ने लक्सर व हर की पैड़ी के आसपास सभी शिवालयों पर पुष्प करने के साथ हाईवे व कांवड़ पटरी पर आने जाने वाले शिव भक्तों और लक्सर के खानपुर स्थित जटाशंकर महादेव मंदिर पर भी पुष्प वर्षा की. उमेश कुमार ने हिंदू मुस्लिम एकता को बढ़ावा देने के लिए ईद के समय नमाजियों पर पुष्प वर्षा की थी. वहीं, रविदास जयंती के अवसर पर भी उमेश कुमार ने हरिद्वार जिले के सभी रविदास मंदिरों पर पुष्प वर्षा करने का काम किया. अब उन्होंने कावंड़ यात्रियों पर भी पुष्प वर्षा कर मिसाल पेश की है.
खास हैं रामनगर के नन्हे कांवड़िये: कुमाऊं क्षेत्र में कांवड़ यात्रा की धूम है. नैनीताल जिले के रामनगर में भी बड़े कांवड़ियों के साथ ही अब नन्हे मासूम कांवड़िये भी पैदल यात्रा कर रहे हैं. ये नन्हें कांवड़िये हरिद्वार से जल भरककर ला रहे हैं. बाबा के छोटे-छोटे मासूम भक्त लक्की पांडे, रुद्र बेलवाल हैं. ये दोनों पूरी श्रद्धा से भोले के जयकारों के साथ कावंड़ यात्रा कर रहे हैं. लक्की कहते हैं वह भोलेनाथ के बहुत बड़े भक्त हैं. इसलिए वह अपने बड़ों के साथ पूरी श्रद्धा के साथ कावड़ लेने हरिद्वार को जा रहे हैं. धीरज बेलवाल ने कहा वे पिछले कई सालों से कावड़ ला रहे हैं.
हरिद्वार में कांवड़ियों के डूबने का सिलसिला जारी: कांवड़ मेले में नहाते हुए डूबने का सिलसिला लगातार जारी है. भीड़ बढ़ने के साथी कांवड़ियों के डूबने की संख्या भी बढ़ गई. कांगड़ा घाट पर नहाते हुए करीब 15 कांवड़िये पानी के तेज बहाव में बह गए. इसके साथ ही प्रेमनगर घाट पर भी एक कांवड़िया पानी में डूब गया. मौके पर तैनात एसडीआरएफ के जवान अपनी जान पर खेल कर डूब रहे कांवड़ियों को बचा रहे हैं. एसडीआरएफ की मुस्तैदी से अभी तक 85 कांवड़ियों को सकुशल बचाया गया है.