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ईंट-भट्टा में करोड़ों की रॉयल्टी का मामला, कोर्ट ने सरकार को जवाब दाखिल करने के दिए निर्देश - Uttarakhand Highcourt

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 9, 2024, 10:44 PM IST

Uttarakhand Highcourt हाईकोर्ट ने ईंट भट्टा में करोड़ों की रॉयल्टी के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद सरकार को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं.

Uttarakhand Highcourt
हाईकोर्ट ने ईंट-भट्टा में करोड़ों की रॉयल्टी का मामले में सुनवाई की (FILE PHOTO ETV BHARAT)

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने ईंट भट्टा में 233 करोड़ रुपए की रॉयल्टी के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद सरकार को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं. मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई.

मामले के मुताबिक, जिला हरिद्वार ईंट भट्टा मजदूर यूनियन हरिद्वार के महासचिव गुरमीत सिंह खालसा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि हरिद्वार के लगभग 150 ईंट भट्टा मालिकों द्वारा 2009 से 2023 के बीच में 233 करोड़ रुपये की रॉयल्टी का भुगतान खनन विभाग को नहीं किया है. जिसके संबंध में याचिकाकर्ता ने सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत सूचना मांगी थी.

लोक सूचना अधिकारी द्वारा जो सूचना दी गई उससे यह पता चलता है कि खनन विभाग का 233 करोड़ रुपए ईंट भट्टा मालिकों द्वारा जो वर्ष 2009-10 से 2023 के बीच का भुगतान नहीं किया गया. याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि इस आर्थिक क्षति धनराशि के संबंध में ईंट भट्टों की जांच की जाएगी तो क्षति लगभग एक हजार करोड़ से अधिक की बैठेगी.

याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि इस वजह से सरकार को करोड़ों का नुकसान हो रहा है. यदि यह राशि वसूली जाए तो उत्तराखंड राज्य के विकास कार्यों में प्रयुक्त हो सकेगी और विकास कार्य और स्वास्थ्य सेवाओं पर व्यय हो सकेंगे. याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट से प्रार्थना की गई कि इस संबंध में हाई लेवल कमेटी का गठन कर रॉयल्टी की वसूली की जाए और जांच कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 5 लोगों के हत्यारे को किया 'आजाद', निचली अदालत ने सुनाई थी फांसी की सजा

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने ईंट भट्टा में 233 करोड़ रुपए की रॉयल्टी के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद सरकार को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं. मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई.

मामले के मुताबिक, जिला हरिद्वार ईंट भट्टा मजदूर यूनियन हरिद्वार के महासचिव गुरमीत सिंह खालसा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि हरिद्वार के लगभग 150 ईंट भट्टा मालिकों द्वारा 2009 से 2023 के बीच में 233 करोड़ रुपये की रॉयल्टी का भुगतान खनन विभाग को नहीं किया है. जिसके संबंध में याचिकाकर्ता ने सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत सूचना मांगी थी.

लोक सूचना अधिकारी द्वारा जो सूचना दी गई उससे यह पता चलता है कि खनन विभाग का 233 करोड़ रुपए ईंट भट्टा मालिकों द्वारा जो वर्ष 2009-10 से 2023 के बीच का भुगतान नहीं किया गया. याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि इस आर्थिक क्षति धनराशि के संबंध में ईंट भट्टों की जांच की जाएगी तो क्षति लगभग एक हजार करोड़ से अधिक की बैठेगी.

याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि इस वजह से सरकार को करोड़ों का नुकसान हो रहा है. यदि यह राशि वसूली जाए तो उत्तराखंड राज्य के विकास कार्यों में प्रयुक्त हो सकेगी और विकास कार्य और स्वास्थ्य सेवाओं पर व्यय हो सकेंगे. याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट से प्रार्थना की गई कि इस संबंध में हाई लेवल कमेटी का गठन कर रॉयल्टी की वसूली की जाए और जांच कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

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