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किशोर न्यायालय बोर्ड मामले पर उत्तराखंड सरकार को झटका! HC ने नियुक्ति को बताया गलत - Juvenile Justice Board Udham Singh Nagar

Juvenile Justice Board Udham Singh Nagar उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने किशोर न्याय बोर्ड उधम सिंह नगर के सदस्य की नियुक्ति को अवैध घोषित करार दिया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को नियुक्ति देने के लिए उत्तराखंड सरकार को चार हफ्ते का समय दिया है.

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किशोर न्यायालय बोर्ड उधमसिंह नगर मामले पर उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई. (ETV BHARAT FILE PHOTO)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 10, 2024, 4:54 PM IST

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने किशोर न्यायालय बोर्ड उधमसिंह नगर में बोर्ड के सदस्य के नियम विरुद्ध जाकर नियुक्ति करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने याचिका को निस्तारित करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि चार सप्ताह के भीतर उनकी नियुक्ति करें. साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि बोर्ड के सदस्य को नियुक्ति करने का अधिकार सिलेक्शन कमेटी को है न की राज्य सरकार को. राज्य सरकार ने इनकी नियुक्ति नियमों के विरुद्ध जाकर की है.

मामले के अनुसार, वेदना गुप्ता ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा है कि उन्होंने किशोर न्यायालय बोर्ड उधमसिंह नगर के सदस्य पद हेतु आवेदन किया था. सिलेक्शन कमेटी ने इस पद पर चयन हेतु सूची बनाई गई थी. उसमें उनका स्थान पहले नंबर पर था. लेकिन राज्य सरकार ने इस पद पर उनकी नियुक्ति न करके दूसरे और तीसरे स्थान पाने वाले अभ्यर्थियों की नियुक्ति कर दी. जबकि सिलेक्शन कमेटी में उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश होते हैं. राज्य सरकार ने इसके विरुद्ध जाकर दूसरे और तीसरे स्थान पाने वाले अभ्यर्थियों की नियुक्ति कर दी है.

इस संबंध में उनके द्वारा राज्य सरकार को प्रत्यावेदन दिया गया. लेकिन उस पर राज्य सरकार ने कोई विचार नहीं किया. जिसको उनके द्वारा उच्च न्यायालय में चुनौती दी. जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि यह नियुक्ति नियम विरुद्ध जाकर की गई है. इसलिए राज्य सरकार चार सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता को नियुक्ति दे.

ये भी पढ़ेंः निकाय चुनावों को लेकर HC में सरकार के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर हुई सुनवाई, कोर्ट ने 11 जून तक स्थिति स्पष्ट करने का कहा

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने किशोर न्यायालय बोर्ड उधमसिंह नगर में बोर्ड के सदस्य के नियम विरुद्ध जाकर नियुक्ति करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने याचिका को निस्तारित करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि चार सप्ताह के भीतर उनकी नियुक्ति करें. साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि बोर्ड के सदस्य को नियुक्ति करने का अधिकार सिलेक्शन कमेटी को है न की राज्य सरकार को. राज्य सरकार ने इनकी नियुक्ति नियमों के विरुद्ध जाकर की है.

मामले के अनुसार, वेदना गुप्ता ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा है कि उन्होंने किशोर न्यायालय बोर्ड उधमसिंह नगर के सदस्य पद हेतु आवेदन किया था. सिलेक्शन कमेटी ने इस पद पर चयन हेतु सूची बनाई गई थी. उसमें उनका स्थान पहले नंबर पर था. लेकिन राज्य सरकार ने इस पद पर उनकी नियुक्ति न करके दूसरे और तीसरे स्थान पाने वाले अभ्यर्थियों की नियुक्ति कर दी. जबकि सिलेक्शन कमेटी में उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश होते हैं. राज्य सरकार ने इसके विरुद्ध जाकर दूसरे और तीसरे स्थान पाने वाले अभ्यर्थियों की नियुक्ति कर दी है.

इस संबंध में उनके द्वारा राज्य सरकार को प्रत्यावेदन दिया गया. लेकिन उस पर राज्य सरकार ने कोई विचार नहीं किया. जिसको उनके द्वारा उच्च न्यायालय में चुनौती दी. जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि यह नियुक्ति नियम विरुद्ध जाकर की गई है. इसलिए राज्य सरकार चार सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता को नियुक्ति दे.

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