देहरादून: उत्तराखंड में वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण के चलते करीब 2 महीने तक जिलाधिकारियों समेत जिले के कई अफसरों के तबादले नहीं हो सकेंगे. भारत निर्वाचन आयोग ने इस संदर्भ में निर्देश जारी कर दिए हैं. हालांकि अपरिहार्य स्थिति में निर्वाचन आयोग की NOC के बाद तबादले हो सकते हैं.
प्रदेश में जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी और एसडीएम जैसे अहम पदों पर तबादले को लेकर भारत निर्वाचन आयोग ने निर्देश जारी किए हैं. जारी किए गए निर्देशों के अनुसार करीब 2 महीने तक उत्तराखंड में इन अधिकारियों के तबादले नहीं किया जा सकेंगे. हालांकि किन्हीं विशेष परिस्थितियों में आयोग से NOC लेकर तबादले किए जा सकते हैं. भारत निर्वाचन आयोग ने 29 अक्टूबर से 6 जनवरी तक तबादलों पर रोक लगाई है.
आयोग द्वारा जिले के इन बड़े अधिकारियों के स्थानांतरण पर रोक की वजह वोटर लिस्ट का पुनरीक्षण होना है. राज्य में मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम शुरू होने जा रहा है, जिसके लिए जिले के इन महत्वपूर्ण पदों पर अधिकारियों का स्थानांतरण इस काम में बाधा डाल सकता है. इसी को देखते हुए भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य में ट्रांसफर को लेकर रोक के निर्देश दिए हैं.
बता दें कि धामी सरकार IAS और पीसीएस अधिकारियों के तबादले को लेकर काफी समय से होमवर्क कर रही है. इसके लिए विभिन्न पदों पर नई जिम्मेदारियों को भी तय कर लिया गया है. हालांकि कुछ महत्वपूर्ण पद ऐसे हैं, जिन पर लंबे समय से विचार चल रहा है. खास तौर पर जिलों में जिलाधिकारी पद पर बदलाव के लिए भी होमवर्क हुआ है और इसके लिए नाम तय किये जा रहे हैं.
भारत निर्वाचन आयोग के तबादलों में रोक के यह निर्देश अक्टूबर महीने के अंत से लागू होंगे, लिहाजा फिलहाल सरकार होमवर्क की गई सूची को जारी कर सकती है. माना यह भी जा रहा है कि जल्द ही इस पर शासन स्तर से तबादला सूची जारी हो सकती है.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने ईटीवी भारत से बात करते हुए भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों की पुष्टि की है. दरअसल जिलाधिकारी समेत जिले में बाकी कुछ अधिकारियों की काफी अहम जिम्मेदारी रहती है और जिलाधिकारी जिला निर्वाचन अधिकारी के रूप में काम करता है. मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम बेहतर तरीके से संपन्न कराया जा सके इसके लिए ऐसे निर्देश जारी हुए हैं.
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