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ऊर्जा प्रदेश अगले 5 साल में बिजली आपूर्ति के लिए होगा सेल्फ डिपेंडेंट, धामी सरकार ने तैयार किया ये प्लान

Uttarakhand Energy State उत्तराखंड को ऊर्जा प्रदेश बनाने के लिए धामी सरकार लगातार कार्य कर रही है. सब कुछ ठीक ठाक चला तो आने वाले दिनों में उत्तराखंड ऊर्जा को लेकर दूसरे राज्यों पर निर्भर नहीं रहेगा. इसके लिए सरकार छोटी परियोजनाओं और सौर ऊर्जा के दायरे को बढ़ाना चाहती है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 23, 2024, 6:43 AM IST

Updated : Jan 23, 2024, 7:37 AM IST

उत्तराखंड में विद्युत उत्पादन पर दिया जा रहा जोर

देहरादून: उत्तराखंड ऊर्जा प्रदेश के रूप में देश भर में जाना जाता है. लेकिन अपने नाम के अनुरूप राज्य आने वाले 5 सालों में बड़ी छलांग लगाने की तैयारी में है. धामी सरकार का दावा है कि आगामी 2028-29 तक उत्तराखंड ऊर्जा की डिमांड को लेकर किसी दूसरे राज्य पर निर्भर नहीं रहेगा. प्रदेश अपनी जरूरत के लिहाज से अगले 5 साल में बिजली का उत्पादन करने लगेगा.

उत्तराखंड में बढ़ती जनसंख्या और निवेश बिजली की मांग को भी तेजी से बढ़ा रहा है, हालांकि इस लिहाज से राज्य में बिजली का उत्पादन काफी पीछे रह गया है. शायद यही कारण है कि उत्तराखंड सरकार भी बिजली उत्पादन और इस पर होते खर्च को लेकर खासी चिंतित है. उत्तराखंड की धामी सरकार ने इन्हीं स्थितियों को देखते हुए राज्य के लिए बिजली उत्पादन को लेकर कुछ खास प्लान तैयार किया है. यह प्लान छोटी परियोजनाओं को शुरू करने से लेकर सौर ऊर्जा के क्षेत्र में खुद को स्थापित करने की है.
पढ़ें-UJVNL की खाली भूमि पर शुरू होंगी पर्यटन संबंधी गतिविधि, बिजली उत्पादन को बढ़ाने के निर्देश

उत्तराखंड में ऊर्जा विभाग का फोकस अब कुमाऊं की कुछ नदियां बन गई हैं. जिसमें छोटी परियोजनाओं के जरिए बिजली उत्पादन को बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. ऐसी ही करीब 14 परियोजनाओं के लिए टेंडर जारी किए जा चुके हैं जबकि 10 परियोजनाओं पर जल्द ही टेंडर जारी किए जाएंगे. इसी तरह सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी राज्य कुछ नए प्रयोग कर रहा है. इसके लिए हाल ही में नई नीति भी लाई गई थी.उत्तराखंड की धामी सरकार का दावा है कि इन सभी प्रोजेक्ट्स पर काम करने के बाद उत्तराखंड की 2028-29 तक किसी दूसरे राज्य या केंद्र सरकार पर निर्भरता खत्म हो जाएगी और उत्तराखंड अपनी जरूरत की बिजली खुद ही उत्पादन करने लगेगा.
पढ़ें-Investors Summit 2023: उत्तराखंड में बिजली संकट से इन्वेस्टर्स की बढ़ सकती हैं मुश्किलें! ऊर्जा संकट बड़े निवेश की बड़ी चुनौती

हालांकि इन परियोजनाओं और प्रोजेक्ट्स पर काम करने के दौरान आगामी 5 साल का इंतजार करना होगा. ऊर्जा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम कहते हैं कि प्रदेश में बिजली को लेकर सेल्फ डिपेंडेंट बनने की तरफ राज्य आगे बढ़ रहा है और इसके लिए नए कदम उठाए जा रहे हैं.उत्तराखंड सरकार के इन दावों पर यकीन करें तो राज्य आने वाली 5 सालों में एक बड़ी छलांग लगाने जा रहा है. हालांकि तब तक राज्य को खुले बाजार से बिजली खरीद करनी होगी और इसमें प्रदेश को मोटी धनराशि खर्च करने होगी. लेकिन यदि जल्द ही छोटी परियोजनाओं की बदौलत बिजली की मांग को राज्य खुद ही पूरा कर पाता है तो प्रदेश पर पड़ने वाला करोड़ का भार काम हो सकेगा.

उत्तराखंड में विद्युत उत्पादन पर दिया जा रहा जोर

देहरादून: उत्तराखंड ऊर्जा प्रदेश के रूप में देश भर में जाना जाता है. लेकिन अपने नाम के अनुरूप राज्य आने वाले 5 सालों में बड़ी छलांग लगाने की तैयारी में है. धामी सरकार का दावा है कि आगामी 2028-29 तक उत्तराखंड ऊर्जा की डिमांड को लेकर किसी दूसरे राज्य पर निर्भर नहीं रहेगा. प्रदेश अपनी जरूरत के लिहाज से अगले 5 साल में बिजली का उत्पादन करने लगेगा.

उत्तराखंड में बढ़ती जनसंख्या और निवेश बिजली की मांग को भी तेजी से बढ़ा रहा है, हालांकि इस लिहाज से राज्य में बिजली का उत्पादन काफी पीछे रह गया है. शायद यही कारण है कि उत्तराखंड सरकार भी बिजली उत्पादन और इस पर होते खर्च को लेकर खासी चिंतित है. उत्तराखंड की धामी सरकार ने इन्हीं स्थितियों को देखते हुए राज्य के लिए बिजली उत्पादन को लेकर कुछ खास प्लान तैयार किया है. यह प्लान छोटी परियोजनाओं को शुरू करने से लेकर सौर ऊर्जा के क्षेत्र में खुद को स्थापित करने की है.
पढ़ें-UJVNL की खाली भूमि पर शुरू होंगी पर्यटन संबंधी गतिविधि, बिजली उत्पादन को बढ़ाने के निर्देश

उत्तराखंड में ऊर्जा विभाग का फोकस अब कुमाऊं की कुछ नदियां बन गई हैं. जिसमें छोटी परियोजनाओं के जरिए बिजली उत्पादन को बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. ऐसी ही करीब 14 परियोजनाओं के लिए टेंडर जारी किए जा चुके हैं जबकि 10 परियोजनाओं पर जल्द ही टेंडर जारी किए जाएंगे. इसी तरह सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी राज्य कुछ नए प्रयोग कर रहा है. इसके लिए हाल ही में नई नीति भी लाई गई थी.उत्तराखंड की धामी सरकार का दावा है कि इन सभी प्रोजेक्ट्स पर काम करने के बाद उत्तराखंड की 2028-29 तक किसी दूसरे राज्य या केंद्र सरकार पर निर्भरता खत्म हो जाएगी और उत्तराखंड अपनी जरूरत की बिजली खुद ही उत्पादन करने लगेगा.
पढ़ें-Investors Summit 2023: उत्तराखंड में बिजली संकट से इन्वेस्टर्स की बढ़ सकती हैं मुश्किलें! ऊर्जा संकट बड़े निवेश की बड़ी चुनौती

हालांकि इन परियोजनाओं और प्रोजेक्ट्स पर काम करने के दौरान आगामी 5 साल का इंतजार करना होगा. ऊर्जा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम कहते हैं कि प्रदेश में बिजली को लेकर सेल्फ डिपेंडेंट बनने की तरफ राज्य आगे बढ़ रहा है और इसके लिए नए कदम उठाए जा रहे हैं.उत्तराखंड सरकार के इन दावों पर यकीन करें तो राज्य आने वाली 5 सालों में एक बड़ी छलांग लगाने जा रहा है. हालांकि तब तक राज्य को खुले बाजार से बिजली खरीद करनी होगी और इसमें प्रदेश को मोटी धनराशि खर्च करने होगी. लेकिन यदि जल्द ही छोटी परियोजनाओं की बदौलत बिजली की मांग को राज्य खुद ही पूरा कर पाता है तो प्रदेश पर पड़ने वाला करोड़ का भार काम हो सकेगा.

Last Updated : Jan 23, 2024, 7:37 AM IST
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