ETV Bharat / state

साइबर अटैक के बाद 'खजाने' की होगी सुपर सिक्योरिटी, उत्तराखंड सरकार ने बनाया प्लान, विस्तार से पढ़ें योजना

साइबर अटैक के बाद उत्तराखंड सरकार सतर्क हो गई है. सरकार ने ट्रेजरी को और सिक्योर करने के लिए अपग्रेड करने का फैसला लिया है.

UTTARAKHAND TREASURY
उत्तराखंड ट्रेजरी (photo-ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 17, 2024, 8:13 PM IST

देहरादून: किसी भी राज्य की ट्रेजरी उस राज्य के लिए काफी महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि सरकार का खजाना यही होता है. यही वजह है कि सरकार, अपने ट्रेजरी की सुरक्षा संबंधित व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान देती है, जहां से सारा फाइनेंशियल कामकाज चलता है. ऐसे में अब उत्तराखंड सरकार कोषागार को और अधिक अपग्रेड करने जा रही है, ताकि ट्रेजरी की सुरक्षा को और अधिक मजबूत किया जा सके. इसके अलावा, सर्वर डाउन होने की वजह से कई बार भुगतान नहीं हो पता है. लिहाजा वित्त विभाग, राज्य के ट्रेजरी को अत्याधुनिक तकनीकी से लैस करते हुए उसके डाटा को सुरक्षित करने पर विशेष जोर दे रहा है.

साइबर अटैक से शासन-प्रशासन में मच गया था हड़कंप: उत्तराखंड में दो अक्टूबर 2024 को हुए सबसे बड़े साइबर अटैक से शासन-प्रशासन में हड़कंप मच गया था. जब आईटीडीए के सर्वर को देखा गया तो सर्वर के सभी फोल्डर पर हैकिंग संबंधित मैसेज दिखाई दे रहा था. मैसेज के जरिए हैकिंग करने वाले व्यक्ति ने संपर्क करने के लिए मेल आईडी दी थी. साथ ही भुगतान के बाद डाटा सुरक्षित उपलब्ध कराए जाने की जानकारी दी थी, जिसके बाद प्रदेश के कार्यालयों को आपस में जोड़ने वाले स्वान (स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क) को सुरक्षा के दृष्टिगत बंद कर दिया गया था.

खजाने को और अधिक सुरक्षित करने में जुटी उत्तराखंड सरकार (video-ETV Bharat)

उद्योगों की सिंगल विंडो समेत तमाम सेवाएं बाधित: कुछ दिनों बाद ही वेबसाइट और एप्लीकेशन सुचारू हो गए थे, लेकिन अभी भी उद्योगों की सिंगल विंडो समेत तमाम सेवाएं बाधित हैं. हालांकि, आईटीडीए अभी भी अपने नेटवर्क को सिक्योर करने की कवायद में जुटा हुआ है, लेकिन इस साइबर अटैक की वजह से कई वेबसाइट न सिर्फ खत्म हो गई, बल्कि कई दिनों तक सरकारी कामकाज पूरी तरह से बाधित रहा. साथ ही करीब 25000 कर्मचारियों की सैलरी भी अटक गई थी.

सरकारी खजाने को वित्त विभाग और कर रहा सिक्योर: इस साइबर अटैक से ई- ऑफिस समेत 72 वेबसाइट और सरकारी सेवाओं से जुड़ी करीब 70 एप्लीकेशन प्रभावित हुई थी और उत्तराखंड ट्रेजरी भी प्रभावित हुई है. जिसके चलते सरकार की चुनौतियां और अधिक बढ़ गई थी. ऐसे में अब वित्त विभाग ने सरकारी खजाने को और अधिक सिक्योर करने का निर्णय लिया है, ताकि भविष्य में अगर साइबर अटैक की पुनरावृत्ति होती है, तो सरकार का खजाना सुरक्षित रहे.

ट्रेजरी की क्षमता बढ़ेगी: उत्तराखंड ट्रेजरी के निदेशक दिनेश चंद्र लोहनी ने बताया कि ट्रेजरी को और अधिक सिक्योर करने के लिए वित्त सचिव के निर्देश पर यूके आईएफएमएस (उत्तराखंड इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम) के जरिए हार्डवेयर का टेंडर फाइनल कर लिया गया है. लिहाजा, कॉन्ट्रेक्ट होने के बाद हार्डवेयर को खरीद लिया जाएगा. इससे ट्रेजरी की क्षमता बढ़ जाएगी. उन्होंने कहा कि यूके आईएफएमएस के नए वर्जन आईएफएमएस 3.0 को भी लाया जाएगा, जिसमें कर्मचारियों के प्रमोशन, लीव रजिस्ट्रेशन समेत तमाम सुविधाएं उपलब्ध होगी. साथ ही आईएफएमएस में नए वर्जन के आने से भुगतान की गति भी तेज हो जाएगी.

डेटा बेस का नया लाइसेंस खरीदा जाएगा: दिनेश चंद्र लोहनी ने बताया कि ट्रेजरी का डेटा बेस पहले से ही काफी सिक्योर है, क्योंकि ट्रेजरी ने ओरिकल से डाटा बेस लिया हुआ है, जो सबसे अधिक सुरक्षित माना जाता है. ऐसे में ट्रेजरी की सुरक्षा को देखते हुए जो नया हार्डवेयर लिया जा रहा है, उसके लिए ओरिकल से ही डेटा बेस का नया लाइसेंस खरीदा जाएगा, जिसकी कीमत करीब 8 करोड़ रुपए है. उन्होंने कहा कि आईटीडीए ही ट्रेजरी को इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध करता है, क्योंकि ट्रेजरी के पास इंटरनेट के लिए अतिरिक्त सुविधा नहीं है, लेकिन इस पर विचार किया जा रहा है कि ट्रेजरी के लिए एक अलग सिक्योर इंटरनेट लाइन ली जा सके.

ये भी पढ़ें-

देहरादून: किसी भी राज्य की ट्रेजरी उस राज्य के लिए काफी महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि सरकार का खजाना यही होता है. यही वजह है कि सरकार, अपने ट्रेजरी की सुरक्षा संबंधित व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान देती है, जहां से सारा फाइनेंशियल कामकाज चलता है. ऐसे में अब उत्तराखंड सरकार कोषागार को और अधिक अपग्रेड करने जा रही है, ताकि ट्रेजरी की सुरक्षा को और अधिक मजबूत किया जा सके. इसके अलावा, सर्वर डाउन होने की वजह से कई बार भुगतान नहीं हो पता है. लिहाजा वित्त विभाग, राज्य के ट्रेजरी को अत्याधुनिक तकनीकी से लैस करते हुए उसके डाटा को सुरक्षित करने पर विशेष जोर दे रहा है.

साइबर अटैक से शासन-प्रशासन में मच गया था हड़कंप: उत्तराखंड में दो अक्टूबर 2024 को हुए सबसे बड़े साइबर अटैक से शासन-प्रशासन में हड़कंप मच गया था. जब आईटीडीए के सर्वर को देखा गया तो सर्वर के सभी फोल्डर पर हैकिंग संबंधित मैसेज दिखाई दे रहा था. मैसेज के जरिए हैकिंग करने वाले व्यक्ति ने संपर्क करने के लिए मेल आईडी दी थी. साथ ही भुगतान के बाद डाटा सुरक्षित उपलब्ध कराए जाने की जानकारी दी थी, जिसके बाद प्रदेश के कार्यालयों को आपस में जोड़ने वाले स्वान (स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क) को सुरक्षा के दृष्टिगत बंद कर दिया गया था.

खजाने को और अधिक सुरक्षित करने में जुटी उत्तराखंड सरकार (video-ETV Bharat)

उद्योगों की सिंगल विंडो समेत तमाम सेवाएं बाधित: कुछ दिनों बाद ही वेबसाइट और एप्लीकेशन सुचारू हो गए थे, लेकिन अभी भी उद्योगों की सिंगल विंडो समेत तमाम सेवाएं बाधित हैं. हालांकि, आईटीडीए अभी भी अपने नेटवर्क को सिक्योर करने की कवायद में जुटा हुआ है, लेकिन इस साइबर अटैक की वजह से कई वेबसाइट न सिर्फ खत्म हो गई, बल्कि कई दिनों तक सरकारी कामकाज पूरी तरह से बाधित रहा. साथ ही करीब 25000 कर्मचारियों की सैलरी भी अटक गई थी.

सरकारी खजाने को वित्त विभाग और कर रहा सिक्योर: इस साइबर अटैक से ई- ऑफिस समेत 72 वेबसाइट और सरकारी सेवाओं से जुड़ी करीब 70 एप्लीकेशन प्रभावित हुई थी और उत्तराखंड ट्रेजरी भी प्रभावित हुई है. जिसके चलते सरकार की चुनौतियां और अधिक बढ़ गई थी. ऐसे में अब वित्त विभाग ने सरकारी खजाने को और अधिक सिक्योर करने का निर्णय लिया है, ताकि भविष्य में अगर साइबर अटैक की पुनरावृत्ति होती है, तो सरकार का खजाना सुरक्षित रहे.

ट्रेजरी की क्षमता बढ़ेगी: उत्तराखंड ट्रेजरी के निदेशक दिनेश चंद्र लोहनी ने बताया कि ट्रेजरी को और अधिक सिक्योर करने के लिए वित्त सचिव के निर्देश पर यूके आईएफएमएस (उत्तराखंड इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम) के जरिए हार्डवेयर का टेंडर फाइनल कर लिया गया है. लिहाजा, कॉन्ट्रेक्ट होने के बाद हार्डवेयर को खरीद लिया जाएगा. इससे ट्रेजरी की क्षमता बढ़ जाएगी. उन्होंने कहा कि यूके आईएफएमएस के नए वर्जन आईएफएमएस 3.0 को भी लाया जाएगा, जिसमें कर्मचारियों के प्रमोशन, लीव रजिस्ट्रेशन समेत तमाम सुविधाएं उपलब्ध होगी. साथ ही आईएफएमएस में नए वर्जन के आने से भुगतान की गति भी तेज हो जाएगी.

डेटा बेस का नया लाइसेंस खरीदा जाएगा: दिनेश चंद्र लोहनी ने बताया कि ट्रेजरी का डेटा बेस पहले से ही काफी सिक्योर है, क्योंकि ट्रेजरी ने ओरिकल से डाटा बेस लिया हुआ है, जो सबसे अधिक सुरक्षित माना जाता है. ऐसे में ट्रेजरी की सुरक्षा को देखते हुए जो नया हार्डवेयर लिया जा रहा है, उसके लिए ओरिकल से ही डेटा बेस का नया लाइसेंस खरीदा जाएगा, जिसकी कीमत करीब 8 करोड़ रुपए है. उन्होंने कहा कि आईटीडीए ही ट्रेजरी को इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध करता है, क्योंकि ट्रेजरी के पास इंटरनेट के लिए अतिरिक्त सुविधा नहीं है, लेकिन इस पर विचार किया जा रहा है कि ट्रेजरी के लिए एक अलग सिक्योर इंटरनेट लाइन ली जा सके.

ये भी पढ़ें-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.