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पीआरडी जवानों के लिए खुशखबरी, सरकार ने 80 रुपए बढ़ाया मानदेय, अब इतनी होगी टेक होम सैलरी - Honorarium of PRD Jawan

Honorarium of PRD Jawan increased in Uttarakhand  उत्तराखंड के पीआरडी जवानों के लिए खुशखबरी है. धामी सरकार ने पीआरडी जवानों के मानदेय में प्रतिदिन 80 रुपए की बढ़ोत्तरी कर दी है. इसका शासनादेश जारी हो गया है. पीआरडी जवानों का मानदेय प्रतिदिन 570 रुपये से बढ़कर अब 650 रुपये प्रतिदिन हो गया है. खेल एवं युवा कल्याण मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि पीआरडी जवानों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है.

Honorarium of PRD Jawan
पीआरडी जवानों का मानदेय बढ़ा (Photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 27, 2024, 10:03 AM IST

देहरादून: राज्य सरकार में पीआरडी स्वयंसेवक विभिन्न विभागों में अपनी सेवाएं देते रहते हैं. ऐसे में पीआरडी जवानों द्वारा लगातार अपनी कई मांगों से राज्य सरकार को अवगत कराया जाता रहा है. विभागीय मंत्री रेखा आर्या ने जानकारी देते हुए बताया कि पीआरडी जवानों के मानदेय में 80 रुपये प्रतिदिन की बढ़ोत्तरी कर दी गई है. इसका शासनादेश जारी कर दिया गया है. रेखा आर्या बताया कि पूर्व में पीआरडी स्वयंसेवकों को प्रतिदिन 570 रुपये मानदेय दिया जाता था. अब इसमें 80 रुपये की बढ़ोत्तरी करके 650 रुपये प्रतिदिन हो गई है.

पीआरडी जवानों का मानदेय बढ़ा: उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का धन्यवाद और आभार व्यक्त किया है. रेखा आर्या ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य कर्मचारियों के हित में लगातार कई अहम फैसले ले रहे हैं. मंत्री ने कहा कि इस निर्णय से विभाग के लगभग 9,400 पीआरडी जवानों को इस बढ़े हुए मानदेय का लाभ प्राप्त होगा. रेखा आर्या ने कहा कि हमारे पीआरडी स्वयंसेवक विभिन्न विभागों में अपनी सेवाएं देने के साथ ही विषम भौगोलिक परिस्थितियों में भी काम करते हैं. ऐसे में राज्य सरकार पीआरडी जवानों के हितों को सुरक्षित करने हेतु हर संभव कार्य कर रही है.

धामी सरकार ने पिछले साल किया था पीआरडी एक्ट में संशोधन: गौरतलब है कि पिछले साल मई में ही उत्तराखंड सरकार ने पीआरडी एक्ट 1948 में संशोधन किया था. तब पीआरडी जवानों को तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान किया गया था, जिस पर मंत्रिमंडल ने अपनी सहमति दे दी थी. दरअसल इससे पहले तक पीआरडी एक्ट 1948 लागू था, जो एक राज्य गठन के बाद से ही लगातार चलता आ रहा था. उत्तराखंड के पास अपना कोई पीआरडी एक्ट नहीं था. संशोधित पीआरडी एक्ट में पीआरडी जवानों के लिए ऐसी व्यवस्था की गई है जिसमें पहले पीआरडी जवानों की सुरक्षा के दृष्टि से रजिस्ट्रेशन और भर्ती का प्रावधान था उसमें संशोधन किया गया. ऐसे में अब टेक्निकल, चतुर्थ श्रेणी समेत अन्य विभागों में जहां पीआरडी जवानों की आवश्यकता हो, उन्हें वहां पर समायोजित किया जा सकता है.
ये भी पढ़ें: धामी कैबिनेट में संसोधित पीआरडी एक्ट को मंजूरी, PRD में तैनात महिलाओं को मिलेगा मातृत्व अवकाश

देहरादून: राज्य सरकार में पीआरडी स्वयंसेवक विभिन्न विभागों में अपनी सेवाएं देते रहते हैं. ऐसे में पीआरडी जवानों द्वारा लगातार अपनी कई मांगों से राज्य सरकार को अवगत कराया जाता रहा है. विभागीय मंत्री रेखा आर्या ने जानकारी देते हुए बताया कि पीआरडी जवानों के मानदेय में 80 रुपये प्रतिदिन की बढ़ोत्तरी कर दी गई है. इसका शासनादेश जारी कर दिया गया है. रेखा आर्या बताया कि पूर्व में पीआरडी स्वयंसेवकों को प्रतिदिन 570 रुपये मानदेय दिया जाता था. अब इसमें 80 रुपये की बढ़ोत्तरी करके 650 रुपये प्रतिदिन हो गई है.

पीआरडी जवानों का मानदेय बढ़ा: उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का धन्यवाद और आभार व्यक्त किया है. रेखा आर्या ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य कर्मचारियों के हित में लगातार कई अहम फैसले ले रहे हैं. मंत्री ने कहा कि इस निर्णय से विभाग के लगभग 9,400 पीआरडी जवानों को इस बढ़े हुए मानदेय का लाभ प्राप्त होगा. रेखा आर्या ने कहा कि हमारे पीआरडी स्वयंसेवक विभिन्न विभागों में अपनी सेवाएं देने के साथ ही विषम भौगोलिक परिस्थितियों में भी काम करते हैं. ऐसे में राज्य सरकार पीआरडी जवानों के हितों को सुरक्षित करने हेतु हर संभव कार्य कर रही है.

धामी सरकार ने पिछले साल किया था पीआरडी एक्ट में संशोधन: गौरतलब है कि पिछले साल मई में ही उत्तराखंड सरकार ने पीआरडी एक्ट 1948 में संशोधन किया था. तब पीआरडी जवानों को तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान किया गया था, जिस पर मंत्रिमंडल ने अपनी सहमति दे दी थी. दरअसल इससे पहले तक पीआरडी एक्ट 1948 लागू था, जो एक राज्य गठन के बाद से ही लगातार चलता आ रहा था. उत्तराखंड के पास अपना कोई पीआरडी एक्ट नहीं था. संशोधित पीआरडी एक्ट में पीआरडी जवानों के लिए ऐसी व्यवस्था की गई है जिसमें पहले पीआरडी जवानों की सुरक्षा के दृष्टि से रजिस्ट्रेशन और भर्ती का प्रावधान था उसमें संशोधन किया गया. ऐसे में अब टेक्निकल, चतुर्थ श्रेणी समेत अन्य विभागों में जहां पीआरडी जवानों की आवश्यकता हो, उन्हें वहां पर समायोजित किया जा सकता है.
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