देहरादून: आबकारी विभाग में अभी तक 200 करोड़ का बैक लॉग चल रहा है. जिसकी पूर्ति को लेकर के तत्काल कार्रवाई की जा रही है. विभाग ने इसके लिए अवैध शराब पर शिकंज कसने की तैयारी की है. जिसके लिए गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में अलग से अधिकारी नियुक्त किए गए हैं. साथ ही उन्हें एनफोर्समेंट के लिए भी अतिरिक्त स्टाफ भी दिया गया है. ये जानकारी नवनियुक्त आबकारी आयुक्त हरीश सेमवाल ने दी.
हाल ही में राज्य आबकारी के रूप में आईएएस अधिकारी हरिश्चंद्र सेमवाल की नियुक्ति हुई है. उन्होंने बताया आयुक्त का चार्ज लेने के बाद उन्होंने विभाग की समीक्षा की है. सबसे पहले प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित 4,440 करोड़ के लक्ष्य के सापेक्ष कितना प्राप्त हुआ उसकी जानकारी जुटाई है. जिसमें पता लगा है कि विभाग अभी अपने लक्ष्य से तकरीबन 200 करोड़ पीछे चल रहा है. यानी सितंबर माह की शुरुआत तक जितना राजस्व प्राप्त होना चाहिए था उसमें अभी 200 करोड़ का बैक लॉक है. उन्होंने बताया इस इस लक्ष्य के अनुसार आगे बढ़ाने और वार्षिक लक्ष्य 4440 करोड़ के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में लगातार विभाग आगे बढ़ रहा है. इसको लेकर के खास तौर से गढ़वाल मंडल और कुमाऊं मंडल में दो अलग-अलग अधिकारियों को नियुक्त किया गया है.
आबकारी आयुक्त हरिश्चंद्र सेमवाल ने बताया जिन-जिन मदों में रिकवरी काम हो पाई है उनको लेकर के लगातार समीक्षा की जा रही है. उन्होंने बताया जिलों में रिकवरी की जिम्मेदारी जिला आबकारी अधिकारियों की है. उनसे लगातार रिपोर्ट मांगी जा रही है.
अवैध शराब पर भी शिकंजा: उन्होंने बताया प्रदेश में अवैध शराब को लेकर के खास तौर से अधिकारियों को अलर्ट किया गया है. उन्होंने बताया अवैध रूप से प्रदेश में आने वाली शराब या फिर कहीं पर यदि कच्ची शराब या फिर देसी शराब अवैध रूप से बेची जा रही है उसको लेकर के भी टीम में सर्विलांस पर रखी गई है. उन्होंने बताया इसके लिए गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में अलग से अधिकारी नियुक्त किए गए हैं.साथ ही उनको एनफोर्समेंट के लिए भी अतिरिक्त स्टाफ दिया गया है.
सभी शराब की दुकानों में CCTV, सी विसिल एप पर करें शिकायत: उन्होंने बताया शराब बिक्री में यदि किसी ग्राहक को ओवरराइटिंग की शिकायत है या फिर शराब विक्रेता को किस तरह की कोई समस्या आ रही है उसके लिए भी सभी दुकानों को सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से आबकारी मुख्यालय से जोड़ा गया है. उन्होंने बताया प्रदेश के सभी 627 दुकानों को सीसीटीवी के माध्यम से आबकारी मुख्यालय से जोड़ा गया है. यही नहीं है यदि किसी ग्राहक को किसी भी तरह की कोई शिकायत है तो जिस तरह से इलेक्शन कमीशन द्वारा सी विजिल एप से आम व्यक्ति शिकायत कर सकता था उसी तरह से ओवर रेटिंग या फिर शराब मामले में भी शिकायत की जा सकती है.