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उत्तराखंड में बकायदारों से होगी वसूली, एक्शन में ऊर्जा विभाग, नोटिस के साथ कनेक्शन काटने का प्लान - defaulters Recovery in Uttarakhand - DEFAULTERS RECOVERY IN UTTARAKHAND

Uttarakhand Energy Department, Energy department recovery उत्तराखंड ऊर्जा विभाग बकायेदारों से वसूली के लिए एक्टिव हो गया है. इसके लिए कारपोरेशन की ओर से बाकायदा कैंप लगाये जा रहे हैं. बकायेदारों को नोटिस दिये जा रहे हैं. वसूली की प्रक्रिया तेज कर दी गई है. वसूली न होने पर कनेक्शन काटने तक को विभाग तैयार बैठा है.

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उत्तराखंड में बकायदारों से होगी वसूली
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 21, 2024, 5:29 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड को आखिरकार बकायेदारों से वसूली की याद आ गई है. पिछले कई सालों से बकायेदारों की लंबी फेहरिस्त कारपोरेशन के पास है. इसके बाद भी बकायेदारों पर सख्ती ना दिखाने के कारण वसूली नहीं हो पा रही थी. अब उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने अभियान के तहत बकायेदारों के खिलाफ कार्रवाई का मन बना लिया है. ये ऐसे बकायेदार हैं जिनपर 2 हज़ार से 2 लाख तक का बकाया है.

उत्तराखंड में ऐसे हजारों उपभोक्ता हैं जो बिजली का उपयोग तो कर रहे हैं लेकिन इसके भुगतान में उदासी दिखाते हैं. ऐसे ही उपभोक्ताओं के खिलाफ ऊर्जा विभाग ने कड़ा एक्शन लेने का फैसला लिया है. उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने अब ऐसे बकायेदारों के कनेक्शन काटने का मन बनाया है. अभियान पूरे प्रदेश में अलग-अलग जगह पर चल रहा है. शुरुआती चरण में देहरादून शहर में कॉरपोरेशन सख्ती कर वसूली करने की तैयारी कर रहा है.

राजधानी देहरादून के शहरी क्षेत्र में ही करीब 6000 उपभोक्ता ऐसे हैं जो बिजली के बिलों का भुगतान नहीं कर रहे हैं. वह उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के बकायेदार की सूची में शामिल हो गए हैं. पूरे प्रदेश में यह संख्या करीब 15 000 के आसपास है. अलग-अलग जगह पर बिजली के बिलों की वसूली के लिए कैंप लगाए जा रहे हैं. इतना ही नहीं लोगों को बिलों का भुगतान जल्द से जल्द करने के लिए भी अनाउंसमेंट किये जा रहे हैं.

ऊर्जा निगम ने ऐसे बकायदाओं के बिजली के कनेक्शन काटने की तैयारी कर ली है. इससे पहले 2 से 3 नोटिस भी उपभोक्ताओं को दिए जा चुके हैं. बार-बार दिए जा रहे हैं नोटिस के बावजूद भी जो उपभोक्ता भुगतान नहीं कर रहे हैं उनका कनेक्शन काटने के लिए सूची तैयार की जाने लगी है. प्रदेश में कुछ ऐसे बकायेदार भी हैं जो नोटिस रिसीव नहीं कर पा रहे हैं. इसकी एक वजह यह भी है कि कई घरों और कार्यालय में लंबे समय से ताला लगा हुआ है. यहां पर सीधे तौर पर उपभोक्ता से बात नहीं हो पा रही है.

इसके अलावा ऊर्जा निगम के बकायेदारों में सरकारी कार्यालय और राजनीतिक दफ्तर भी शामिल हैं. यही नहीं कुछ प्राइवेट कार्यालय भी बिजली के बिलों का भुगतान नहीं कर रहे हैं. उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के अधिकारी बिलों के भुगतान की वसूली पहले से बेहतर होने की बात कर रहे हैं. साथ ही अब इस अभियान के जरिए बकायदाओं से भी और अधिक वसूली का दावा किया जा रहा है.

पढे़ं-Power Crisis: ऊर्जा विभाग के इस फैसले से दूर होगा उत्तराखंड में बिजली संकट! दूसरे राज्यों से ट्रांसपोर्ट होगी 'पावर'

देहरादून: उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड को आखिरकार बकायेदारों से वसूली की याद आ गई है. पिछले कई सालों से बकायेदारों की लंबी फेहरिस्त कारपोरेशन के पास है. इसके बाद भी बकायेदारों पर सख्ती ना दिखाने के कारण वसूली नहीं हो पा रही थी. अब उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने अभियान के तहत बकायेदारों के खिलाफ कार्रवाई का मन बना लिया है. ये ऐसे बकायेदार हैं जिनपर 2 हज़ार से 2 लाख तक का बकाया है.

उत्तराखंड में ऐसे हजारों उपभोक्ता हैं जो बिजली का उपयोग तो कर रहे हैं लेकिन इसके भुगतान में उदासी दिखाते हैं. ऐसे ही उपभोक्ताओं के खिलाफ ऊर्जा विभाग ने कड़ा एक्शन लेने का फैसला लिया है. उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने अब ऐसे बकायेदारों के कनेक्शन काटने का मन बनाया है. अभियान पूरे प्रदेश में अलग-अलग जगह पर चल रहा है. शुरुआती चरण में देहरादून शहर में कॉरपोरेशन सख्ती कर वसूली करने की तैयारी कर रहा है.

राजधानी देहरादून के शहरी क्षेत्र में ही करीब 6000 उपभोक्ता ऐसे हैं जो बिजली के बिलों का भुगतान नहीं कर रहे हैं. वह उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के बकायेदार की सूची में शामिल हो गए हैं. पूरे प्रदेश में यह संख्या करीब 15 000 के आसपास है. अलग-अलग जगह पर बिजली के बिलों की वसूली के लिए कैंप लगाए जा रहे हैं. इतना ही नहीं लोगों को बिलों का भुगतान जल्द से जल्द करने के लिए भी अनाउंसमेंट किये जा रहे हैं.

ऊर्जा निगम ने ऐसे बकायदाओं के बिजली के कनेक्शन काटने की तैयारी कर ली है. इससे पहले 2 से 3 नोटिस भी उपभोक्ताओं को दिए जा चुके हैं. बार-बार दिए जा रहे हैं नोटिस के बावजूद भी जो उपभोक्ता भुगतान नहीं कर रहे हैं उनका कनेक्शन काटने के लिए सूची तैयार की जाने लगी है. प्रदेश में कुछ ऐसे बकायेदार भी हैं जो नोटिस रिसीव नहीं कर पा रहे हैं. इसकी एक वजह यह भी है कि कई घरों और कार्यालय में लंबे समय से ताला लगा हुआ है. यहां पर सीधे तौर पर उपभोक्ता से बात नहीं हो पा रही है.

इसके अलावा ऊर्जा निगम के बकायेदारों में सरकारी कार्यालय और राजनीतिक दफ्तर भी शामिल हैं. यही नहीं कुछ प्राइवेट कार्यालय भी बिजली के बिलों का भुगतान नहीं कर रहे हैं. उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के अधिकारी बिलों के भुगतान की वसूली पहले से बेहतर होने की बात कर रहे हैं. साथ ही अब इस अभियान के जरिए बकायदाओं से भी और अधिक वसूली का दावा किया जा रहा है.

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