देहरादून: उत्तराखंड राज्य सहकारी कर्मचारी संघ लगातार यूसीएफ सदन के बाहर धरना-प्रदर्शन कर रहा है. दरअसल कर्मचारियों का कहना है कि राज्य सहकारी संघ के प्रबंध निदेशक द्वारा 2016 से लेकर 2018 तक के करीब 200 कर्मियों का सातवें वेतनमान का एरियर रोका गया है. जिसे शीघ्र भुगतान करने की कर्मचारी लगातार लंबे समय से मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांग पर उचित कार्रवाई नही हों रही है.
2016 से 2018 तक के कर्मचारी के साथ सौतेला व्यवहार : कर्मचारी संगठन के नेता पूरन चंद चौबे ने कहा कि राज्य सहकारी संघ के प्रबंध निदेशक द्वारा वर्ष 2016 से लेकर 2018 तक के कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है, जबकि 2018 के बाद के सभी कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के एरियर का लाभ मिल रहा है. उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान कई कर्मचारियों का भुगतान विभाग द्वारा किया जाना है और यह भुगतान इन कर्मचारियों के लिए बेहद आवश्यक है.
एरियर के अभाव में कर्मचारी हो रहे परेशान: कर्मचारी संगठन के नेता पूरन चंद चौबे ने कहा कि कर्मचारी लगातार अनेक माध्यमों और पत्राचार के जरिए विभागीय अधिकारियों से मांग कर चुके हैं, लेकिन प्रबंध निदेशक द्वारा कर्मचारियों की मांग पर संज्ञान नहीं लिया जा रहा है. ऐसे में जब तक कर्मचारियों की मांगें पूरी नहीं होती है, तब तक हड़ताल की जाएगी. उन्होंने कहा कि एरियर न मिलने से कर्मचारी कई परेशानियों का सामना कर रहे हैं.
कर्मचारी बोले प्रॉफिट में चल रहा था सहकारिता विभाग: कर्मचारियों का कहना है कि सहकारिता विभाग राज्य गठन के बाद से लगातार प्रॉफिट में चल रहा है, लेकिन कर्मचारियों के साढ़े 3 करोड़ के भुगतान को लेकर विभाग द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही है. कर्मचारियों ने आंकड़े जारी करते हुए बताया कि 2015 में विभाग 10 करोड़, 2016 में 7 करोड़, 2017 में 5 करोड़, 2018 में 3 करोड़, 2019 में 5 करोड़ और फिर 2020 में 4 करोड़ के प्रॉफिट में था, लेकिन उसके बावजूद भी कर्मचारी का एरिया का भुगतान विभाग द्वारा नहीं किया जा रहा है.