मसूरीः उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने गुरुवार को मसूरी के राजकीय उच्च प्राथमिक शिक्षा विद्यालय बालक और बालिका का औचक निरीक्षण किया. इस मौके पर राजकीय प्राथमिक शिक्षा विद्यालय में पहली कक्षा के बच्चों को तिरपाल के नीचे कक्षा संचालित किए जाने पर नाराजगी व्यक्त की. वहीं विद्यालय में गंदगी और अव्यवस्था को लेकर भी नाराजगी व्यक्त की गई.
उन्होंने बताया कि शिक्षकों द्वारा विद्यालयों को व्यवस्थित रूप से संचालित नहीं किया जा रहा है. विद्यालय में जहां पर बच्चों के लिए खाना बनता है, वहां पर भी साफ सफाई नहीं है. ऐसे में उनके द्वारा स्कूल के प्राचार्य को 'कारण बताओ नोटिस' जारी कर बाल संरक्षण आयोग में तलब किया गया है. उन्होंने राजकीय उच्च प्राथमिक शिक्षा विद्यालय बालिका की प्राचार्य को स्कूल का एक कमरा खाली कर तिरपाल के नीचे संचालित पहली कक्षा को शिफ्ट करने के निर्देश दिए हैं.
उन्होंने बताया कि शिक्षकों की जहां बच्चों को बेहतर शिक्षा देने की जिम्मेदारी है. वहीं कॉलेज परिसर की साफ सफाई के साथ स्कूल को व्यवस्थित रूप से संचालित करने की भी जिम्मेदारी है. सभी स्कूलों में आरटीई के नियमों का पालन करना अनिवार्य है. परंतु कई मिशनरी स्कूल आरटीई के कानून का पालन नहीं कर रहे हैं, जिनको आयोग के द्वारा चिन्हित किया जा रहा है. उन पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने प्रत्येक सरकारी और गैर सरकारी स्कूल में रोज सुबह राष्ट्रगान का आयोजन होना जरूरी के निर्देश जारी किए हैं.
उन्होंने कहा कि हमारा राष्ट्रीय गौरव हमारा राष्ट्रीय गान है. ऐसे में बच्चों को स्कूल स्तर पर ही राष्ट्र की भावना जगाने के लिए काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसी भी सरकारी और गैर सरकारी स्कूल में बच्चों का किसी भी हाल में उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. बच्चों का बौद्धिक विकास होना भी जरूरी है. ऐसे में देखा जा रहा है कि बच्चों के अंदर जो गलत और सही का डर था, वह खत्म होता जा रहा है व राष्ट्रीय चेतना की बात भी विद्यालयों में नहीं हो रही है.
राष्ट्रीय चेतना को जागृत करना विद्यालयों के शिक्षक और प्राचार्य का काम है. उन्होंने कहा कि आयोग में कोई भी विद्यालय ऑफिस असिस्टेंट भेजने की गलती ना करें, जब आयोग किसी भी विद्यालय को तलब करें. उसका प्राचार्य या मैनेजमेंट के उच्च पदाधिकारी मौजूद होने चाहिए.
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