मसूरी: उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष गीता खन्ना आज मसूरी पहुंची. जहां उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में डिप्टी डायरेक्टर और अन्य अधिकारियों के साथ बाल अधिकार ऑन बाल अधिकारों और जेंडर को लेकर चर्चा की. प्रदेश में बाल अधिकार संरक्षण आयोग के गठन का उद्देश्य प्रदेश में बाल अधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित करना है. एक ऐसी व्यवस्था स्थापित करना है जो बच्चों के हित में सभी कानूनी प्रावधानों, उनके संरक्षण और विकास के लिए प्रदेश में चलाई जा रही समस्त योजनाओं की सटीकता, सम्पूर्णता, प्रभावशीलता की निगरानी कर सके.
उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष गीता खन्ना ने बताया देश में जेंडर को लेकर जो भ्रांतियां हैं उसे पर काम करने की जरूरत है. स्कूलों में भी बाल संरक्षण के अधिकारों और जेंडर को लेकर पाठ्यक्रमों में विषयों को शामिल किया जाये. उन्होंने मसूरी के तिब्बतन होम्स रूकूल का भी निरीक्षण किया. जहां तिब्बती समुदाय के बच्चे पढ़ाई करते हैं. उन्होंने कहा तिब्बतन होम्स में बच्चों की संख्या बहुत कम थी. वहां बच्चे काफी प्रसन्न हैं. यहां पर बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जा रही है. पढ़ाई को लेकर बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है.
उन्होंने कहा उत्तराखंड में बाल श्रम को रोकने के लिए पहली जून से पहाड़ों की रानी मसूरी से एससीपीसीआर द्वारा अभियान शुरू किया जा रहा है. जिसके तहत मसूरी में होटल होमस्टे रेस्टोरेंट ढाबों में काम कर रहे बच्चों को रेस्क्यू किया जाएगा. उन्होंने मसूरी होटल एसोसिएशन, मसूरी व्यापार मंडल, होम स्टे एसोसिएशन से अपील की है कि बचपन को सुरक्षित रखने की कोशिशें करें. उन्होंने लोगो से भी बच्चों को बचाने की अपील की है. उन्होंने कहा बच्चों से संबंधी कोई भी शिकायत डीएम पोर्टल पर अपलोड करें. बाल संरक्षण आयोग को मेल कर जानकारी दें. जिससे बचपन को बचाया जा सके.