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उत्तराखंड में चारधाम यात्रा विकास प्राधिकरण को लेकर चर्चाएं तेज, कमेटी जल्द सरकार को सौंपेगी रिपोर्ट - Yatra Development Authority

Chardham Yatra Development Authority, Devasthanam Board vs Yatra Development Authority उत्तराखंड चारधाम यात्रा में यात्रियों के लगातार बढ़ते दबाव को देखते हुए चारधाम यात्रा विकास प्राधिकरण पर कार्रवाई तेज हो गई है. इसे लेकर के बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष का बयान सामने आया है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 27, 2024, 7:55 PM IST

Updated : May 27, 2024, 8:09 PM IST

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उत्तराखंड में चारधाम यात्रा विकास प्राधिकरण (Etv Bharat)
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा विकास प्राधिकरण (ईटीवी भारत)

देहरादून: उत्तराखंड चारधाम यात्रा को लेकर के इस साल 80 लाख यात्रियों के पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है. 10 मई से शुरू हुई यात्रा में 27 मई तक के 17 दिनों में चारों धामों में 11.5 लाख से ज्यादा यात्री आ चुके हैं. उत्तराखंड चारधाम यात्रा में लगातार बढ़ रही यात्रियों की संख्या के दबाव को देखते हुए प्रदेश में लगातार एक मजबूत प्रबंधन की मांग लंबे समय से की जा रही है. वर्तमान धामी सरकार भी चारधाम यात्रा के प्रबंधन के लिए यात्रा प्राधिकरण की बात कह रही है. हालांकि, यात्रा प्राधिकरण को लेकर के अभी ज्यादा कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया है. यात्रा प्राधिकरण को लेकर यात्रा से जुड़ी महत्वपूर्ण संस्था बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय का इस पर बयान सामने आया है.

चारधाम यात्रा विकास प्राधिकरण के लिए तैयार की जा रही रिपोर्ट: बदरी केदार मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया सरकार चारधाम यात्रा पर लगातार बढ़ रहे यात्रियों के दबाव को लेकर के बेहद गंभीर है. यात्रा की तमाम व्यवस्थाओं को मजबूत बनाने और सुगम बनाने के लिए लगातार सरकार काम कर रही है. इसी दिशा में एक प्रयास के रूप में यात्रा प्राधिकरण को भी देखा जा रहा है. उन्होंने बताया चारधाम यात्रा विकास प्राधिकरण को लेकर के सरकार लगातार होमवर्क कर रही है. उन्होंने बताया सरकार ने चारधाम यात्रा विकास प्राधिकरण पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए एक टीम का गठन भी किया है. यह टीम जल्द अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी.

त्रिवेंद्र सरकार ने किया था देवस्थानम बोर्ड का गठन: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को लेकर के आ रही चुनौतियों को लेकर के पहली बार पहल नहीं की गई है, इससे पहले भी भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार में बतौर मुख्यमंत्री रहते हैं त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देवस्थानम बोर्ड का गठन किया था. जिसे विधानसभा से भी पारित कर दिया गया था. यह 1 साल तक लागू भी रहा, लेकिन व्यापारियों और चारों धामों के पांडा पुरोहितों के विरोध के बाद देवस्थानम बोर्ड को रद्द कर दिया गया था. हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी इस बात का जिक्र किया था. उन्होंने कहा काफी पहले चारधाम यात्रा पर बढ़ाने वाले इस दबाव का अनुमान लगाया जा चुका था. जिस तरह से प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर पिछले कुछ सालों में बहुत तेज गति से बढ़ा है उसे इसका अंदाजा पहले ही लगा दिया गया था. इसे देखते हुए उत्तराखंड में देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया था.

देवस्थानम बोर्ड vs यात्रा प्राधिकरण: बता दें यात्रा प्राधिकरण में सरकार जो शुरुआती जानकारी दे रही है उसके अनुसार यात्रा प्राधिकरण केवल चारधाम यात्रा नहीं बल्कि उत्तराखंड में होने वाले तमाम बड़े धार्मिक आयोजन जिस तरह की कावड़ यात्रा कुंभ इत्यादि जहां पर भी अत्यधिक संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं उनके प्रबंधन को लेकर के काम करेगा. देवस्थानम बोर्ड मुख्य रूप से चार धाम यात्रा के लिए ही बनाया गया था. इसके अलावा एक मूल सवाल और भी है. क्या यात्रा प्राधिकरण चारधाम यात्रा के दौरान मंदिरों में चढ़ने वाले चढ़ावे पर भी अपना अधिकार रखेगा? जिस पर सरकार ने पहले ही अपना मत स्पष्ट कर दिया है. सरकार ने कहा यात्रा प्राधिकरण का काम केवल यात्रा को व्यवस्थित करने का होगा. जिसमें सभी नोडल विभागों के अधिकारियों को तैनात किया जाएगा. सभी विभागों के आपसी सामंजस्य की जिम्मेदारी यात्रा प्राधिकरण की होगी. देवस्थान बोर्ड की बात करें तो वह केवल चारधाम के प्रबंधन को लेकर समर्पित था.

पढे़ं-चारधाम यात्रा में अव्यवस्था पर याद आ रहा है देवस्थानम बोर्ड, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र बोले व्यवस्थित होती यात्रा - Trivendra Rawat On Chardham Yatra

पढे़ं- तो ऐसे काम करेगा उत्तराखंड की धार्मिक यात्राओं में प्राधिकरण, क्या मंदिरों की व्यवस्था अपने हाथ में लेगी सरकार, जानें इसका जवाब - Religious Travel Authority

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा विकास प्राधिकरण (ईटीवी भारत)

देहरादून: उत्तराखंड चारधाम यात्रा को लेकर के इस साल 80 लाख यात्रियों के पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है. 10 मई से शुरू हुई यात्रा में 27 मई तक के 17 दिनों में चारों धामों में 11.5 लाख से ज्यादा यात्री आ चुके हैं. उत्तराखंड चारधाम यात्रा में लगातार बढ़ रही यात्रियों की संख्या के दबाव को देखते हुए प्रदेश में लगातार एक मजबूत प्रबंधन की मांग लंबे समय से की जा रही है. वर्तमान धामी सरकार भी चारधाम यात्रा के प्रबंधन के लिए यात्रा प्राधिकरण की बात कह रही है. हालांकि, यात्रा प्राधिकरण को लेकर के अभी ज्यादा कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया है. यात्रा प्राधिकरण को लेकर यात्रा से जुड़ी महत्वपूर्ण संस्था बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय का इस पर बयान सामने आया है.

चारधाम यात्रा विकास प्राधिकरण के लिए तैयार की जा रही रिपोर्ट: बदरी केदार मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया सरकार चारधाम यात्रा पर लगातार बढ़ रहे यात्रियों के दबाव को लेकर के बेहद गंभीर है. यात्रा की तमाम व्यवस्थाओं को मजबूत बनाने और सुगम बनाने के लिए लगातार सरकार काम कर रही है. इसी दिशा में एक प्रयास के रूप में यात्रा प्राधिकरण को भी देखा जा रहा है. उन्होंने बताया चारधाम यात्रा विकास प्राधिकरण को लेकर के सरकार लगातार होमवर्क कर रही है. उन्होंने बताया सरकार ने चारधाम यात्रा विकास प्राधिकरण पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए एक टीम का गठन भी किया है. यह टीम जल्द अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी.

त्रिवेंद्र सरकार ने किया था देवस्थानम बोर्ड का गठन: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को लेकर के आ रही चुनौतियों को लेकर के पहली बार पहल नहीं की गई है, इससे पहले भी भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार में बतौर मुख्यमंत्री रहते हैं त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देवस्थानम बोर्ड का गठन किया था. जिसे विधानसभा से भी पारित कर दिया गया था. यह 1 साल तक लागू भी रहा, लेकिन व्यापारियों और चारों धामों के पांडा पुरोहितों के विरोध के बाद देवस्थानम बोर्ड को रद्द कर दिया गया था. हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी इस बात का जिक्र किया था. उन्होंने कहा काफी पहले चारधाम यात्रा पर बढ़ाने वाले इस दबाव का अनुमान लगाया जा चुका था. जिस तरह से प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर पिछले कुछ सालों में बहुत तेज गति से बढ़ा है उसे इसका अंदाजा पहले ही लगा दिया गया था. इसे देखते हुए उत्तराखंड में देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया था.

देवस्थानम बोर्ड vs यात्रा प्राधिकरण: बता दें यात्रा प्राधिकरण में सरकार जो शुरुआती जानकारी दे रही है उसके अनुसार यात्रा प्राधिकरण केवल चारधाम यात्रा नहीं बल्कि उत्तराखंड में होने वाले तमाम बड़े धार्मिक आयोजन जिस तरह की कावड़ यात्रा कुंभ इत्यादि जहां पर भी अत्यधिक संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं उनके प्रबंधन को लेकर के काम करेगा. देवस्थानम बोर्ड मुख्य रूप से चार धाम यात्रा के लिए ही बनाया गया था. इसके अलावा एक मूल सवाल और भी है. क्या यात्रा प्राधिकरण चारधाम यात्रा के दौरान मंदिरों में चढ़ने वाले चढ़ावे पर भी अपना अधिकार रखेगा? जिस पर सरकार ने पहले ही अपना मत स्पष्ट कर दिया है. सरकार ने कहा यात्रा प्राधिकरण का काम केवल यात्रा को व्यवस्थित करने का होगा. जिसमें सभी नोडल विभागों के अधिकारियों को तैनात किया जाएगा. सभी विभागों के आपसी सामंजस्य की जिम्मेदारी यात्रा प्राधिकरण की होगी. देवस्थान बोर्ड की बात करें तो वह केवल चारधाम के प्रबंधन को लेकर समर्पित था.

पढे़ं-चारधाम यात्रा में अव्यवस्था पर याद आ रहा है देवस्थानम बोर्ड, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र बोले व्यवस्थित होती यात्रा - Trivendra Rawat On Chardham Yatra

पढे़ं- तो ऐसे काम करेगा उत्तराखंड की धार्मिक यात्राओं में प्राधिकरण, क्या मंदिरों की व्यवस्था अपने हाथ में लेगी सरकार, जानें इसका जवाब - Religious Travel Authority

Last Updated : May 27, 2024, 8:09 PM IST
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