देहरादून: पूरे देश भर में भारतीय जनता पार्टी ने नए सदस्य बनाने का अभियान शुरू किया था. उत्तराखंड में भी इसकी शुरुआत 3 सितंबर को हुई थी. पार्टी ने यह लक्ष्य रखा था कि उत्तराखंड के 47 विधायक अपनी अपनी विधानसभा सीट में 10,000 कार्यकर्ता बनाएंगे. पार्टी की पापुलैरिटी को देखते हुए राज्य भाजपा ने यह आंकड़ा अपने विधायकों के लिए सेट किया था. इस अभियान का आज 23 सितंबर को 21वां दिन हैं. 16 सितंबर तक के जो आंकड़े सामने आए हैं, वह यह बताते हैं कि कई विधायक और पार्टी के बड़े नेता इतने दिनों में अपने विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ता का आंकड़ा डबल डिजिट से ऊपर नहीं बढ़ा पाए हैं.
उत्तराखंड बीजेपी का सदस्यता अभियान: हालांकि ऐसा नहीं है कि पार्टी ने चेहरा देखकर यह आंकड़ा तय किया हो. मुख्यमंत्री की विधानसभा सीट हो, या फिर किसी दूसरे विधायक का विधानसभा क्षेत्र, सभी को यह आंकड़ा समान दिया गया था. 14 दिन बीत जाने के बाद 7 लाख से अधिक कार्यकर्ता बीजेपी ने जोड़ लिए हैं. ऐसा दावा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट कर रहे हैं. 16 सितंबर तक बीजेपी ने जो लिस्ट तैयार की है, उसके मुताबिक सबसे कम कार्यकर्ता जोड़ने वालों की लिस्ट में जो विधायक हैं, उनमें रानीखेत के विधायक प्रमोद नैनवाल सबसे नीचे हैं. 16 सितंबर तक प्रमोद नैनवाल सिर्फ 1,711 सदस्य ही जोड़ पाएं.
इन विधानसभा क्षेत्रों में बहुत ढीला है बीजेपी का सदस्यता अभियान: अल्मोड़ा के सल्ट विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक महेश जीना भी 16 सितंबर तक सदस्य बनाने में कोई खास काम नहीं कर पाए. उनके द्वारा सिर्फ 1,977 सदस्य ही अभी तक जोड़े गए हैं. द्वाराहाट विधानसभा क्षेत्र से विधायकी का चुनाव लड़े महेश नेगी भी अभी तक मात्र 2,181 ही कार्यकर्ता जोड़ पाए हैं. पौड़ी जनपद से यमकेश्वर विधायक रेनू बिष्ट भी अभी अपने आंकड़े से बेहद दूर दिखाई दे रही हैं. उनके द्वारा अभी तक मात्र 2,236 कार्यकर्ता जोड़े गए हैं. वहीं टिहरी गढ़वाल जिले की घनसाली विधानसभा सीट से विधायक शक्तिलाल शाह महज 2,311 कार्यकर्ताओं को ही जोड़ पाए हैं. पौड़ी के लैंसडाउन क्षेत्र के विधायक दिलीप रावत भी अब तक मात्र 2,390 कार्यकर्ता ही जोड़ सके हैं. कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल का सदस्यता अभियान भी ठंडा चल रहा है. मंत्री उनियाल अपनी नरेंद्र नगर विधानसभा सीट पर मात्र 2,488 कार्यकर्ताओं को ही भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता दिला पाए हैं.
इन विधायकों की कार्यकर्ता जोड़ने की रफ्तार से बीजेपी चिंतित: वहीं यमुनोत्री विधानसभा क्षेत्र के विधायक संजय डोभाल भी अब तक मात्र 2,980 सदस्य ही बना पाए हैं. BJP के विधायक जहां पर हैं उन कई विधानसभा क्षेत्रों में भी सदस्यता अभियान ढीला चल रहा है. हरिद्वार जिले की झबरेड़ा विधानसभा सीट पर अब तक सिर्फ 3,500 सदस्य ही बीजेपी जुड़े हैं. देहरादून जिले की चकराता विधानसभा सीट पर 3,820 सदस्य अब तक बीजेपी के साथ जुड़ पाए हैं. बाकी विधानसभा सीटों की बात करें तो बीजेपी के अमूमन विधायक 4000 कार्यकर्ता से अधिक जोड़ने में कामयाब रहे हैं. हालांकि बीजेपी का यह मानना है कि आने वाले तीन दिनों में आंकड़ा लगभग हर विधायक का 7000 से अधिक पहुंच जाएगा.
इस महिला विधायक ने बनाए सबसे ज्यादा सदस्य: वहीं अगर लिस्ट की बात करें तो सबसे अधिक 3 सितंबर से लेकर 16 सितंबर तक जिन विधायकों ने रिकॉर्ड तोड़ कार्यकर्ता बनाए हैं, उनमें देहरादून की कैंट विधानसभा सीट से विधायक सविता कपूर सबसे आगे हैं. सविता ने अब तक 27,000 से अधिक सदस्य बीजेपी से जोड़े हैं. ये संख्या तय लक्ष्य 10 हजार से करीब तिगुनी है. हरिद्वार से विधायक मदन कौशिक दूसरे नंबर पर हैं. उन्होंने अब तक 19,000 से अधिक सदस्य बीजेपी से जोड़ें हैं. सहसपुर से बीजेपी के विधायक सहदेव पुंडीर ने 18,600 से अधिक कार्यकर्ता अब तक पार्टी से जोड़े हैं. रानीपुर से विधायक आदेश चौहान भी इस लिस्ट में हैं. आदेश ने 15,000 से अधिक कार्यकर्ता जोड़ने में कामयाबी हासिल की है.
सीएम धामी और महेंद्र भट्ट के सदस्यता अभियान का हाल: बीजेपी के लिए चिंता की बात यह है कि ऐसी लगभग 10 विधानसभा सीटें हैं, जहां पर आम जनता विधायकों के साथ नहीं जुड़ पाई है. इसको लेकर बीजेपी में चिंता भी बनी हुई है. हालांकि बात अगर प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट की विधानसभा सीट बदरीनाथ की करें तो 16 सितंबर तक उनकी विधानसभा सीट में भी कम से कम 9000 लोग बीजेपी की सदस्यता ले चुके हैं. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की विधानसभा सीट चंपावत में 16 सितंबर तक 6,278 कार्यकर्ता ही जुड़ पाए हैं. उत्तराखंड बीजेपी के अध्यक्ष महेंद्र भट्ट कहते हैं कि हमें उम्मीद है कि 25 तारीख तक ये आंकड़ा अच्छा खासा पहुंच जाएगा. पार्टी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अब तक यानी 20 सितंबर तक 750,000 कार्यकर्ता पूरे प्रदेश में जोड़ लिए गए हैं और दिन पर दिन इनकी संख्या बढ़ती जा रही है.
संख्या बल को देखते हुए प्रदेश अध्यक्ष करने जा रहे हैं यह काम: सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि पूर्ण बहुमत की सरकार वाली बीजेपी को आखिरकार कई विधानसभा सीटों में क्यों इतनी जद्दोजहद करनी पड़ रही है. लोकसभा चुनाव के साथ-साथ विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने प्रदेश में अच्छा खासा प्रदर्शन किया था. सदस्य जोड़ने और जहां उनकी संख्या कम है उसकी लिए अब प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट हर विधानसभा क्षेत्र की तहसील स्तर तक बैठक करने जा रहे हैं. इसके लिए वो पूरे प्रदेश का भ्रमण करेंगे.
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