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गाय के दूध उत्पादन में यूपी बनेगा नंबर वन, दुधारू गायों की संख्या करीब 0.66 करोड़ - LUCKNOW NEWS

सरकार गोवंश के संरक्षण और संवर्धन का काम लगातार कर रही है. आने वाले समय में यूपी गाय के दूध में नंबर वन होगा.

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गाय दूध उत्पादन में यूपी बनेगा नंबर वन (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 11, 2024, 6:44 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार निराश्रित गो वंश का संरक्षण, गो पालकों को कई तरह की रियायत दे रही है. गोवंश निरोग रहें, इसलिए उनका नियमित टीकाकरण, नस्ल सुधार, इसके जरिए उनकी उत्पादकता बढ़ाने का काम भी सरकार लगातार कर रही है. गोवंश के संरक्षण और संवर्धन का ये सिलसिला जारी रहा तो आने वाले समय में उत्तर प्रदेश गाय के दूध में भी देश में नंबर वन होगा. अभी यह उपलब्धि राजस्थान के नाम पर दर्ज है. उत्तर प्रदेश का स्थान दूसरा है.

वर्तमान आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में दुधारू गायों की संख्या करीब 0.66 करोड़ है. इनसे कुल 5.29 मिलियन टन दूध प्राप्त होता है. प्राप्त दूध में विदेशी नस्ल की गायों का दूध 1.7 मिलियन टन और मिश्रित एवं देशी नस्ल के दूध की मात्रा 4.2 मिलियन टन है. चूंकि देसी नस्ल की गाय का दूध विदेशी नस्ल की गायों से गुणवत्ता में बेहतर होता है. इनका विकास भारतीय जलवायु में हजारों वर्ष के अनुकूलन (कंडीशनिंग) के बाद हुआ है. लिहाजा, भारतीय परिस्थितियों में इनको पालना आसान है.

इसे भी पढ़ें - सीएम योगी ने "भवानी और भोलू" की सेवा कर की गोवर्धन पूजा, जनता दर्शन में सुनी लोगों की समस्याएं

यही वजह है कि योगी सरकार का फोकस देशी गोवंश के संरक्षण और संवर्धन पर है. आने वाले समय में गोरखपुर और भदोही के पशु चिकित्सक महाविद्यालय बन जाने पर देशी गोवंश के संरक्षण और संवर्द्धन को और बढ़ावा मिलेगा. यहां होने वाले शोध का लाभ उत्तर प्रदेश खासकर पूर्वांचल के दो दर्जन जिलों के पशुपालकों को मिलेगा. देशी गोवंश की बढ़ी उत्पादकता के रूप में इसका लाभ मिलेगा. ऐसे में 16% हिस्सेदारी के साथ दूध के उत्पादन में देश में पहला स्थान रखने वाला उत्तर प्रदेश गायों के दूध के उत्पादन मामले में भी देश में पहले स्थान पर पहुंच जाएगा.

मुख्यमंत्री योगी ने पिछले दिनों गोरखपुर में बनने वाले पशु चिकित्सा महाविद्यालय का स्थलीय निरीक्षण कर जरूरी निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि गोरखपुर पशु चिकित्सा महाविद्यालय को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में विकसित किया जाए. महाविद्यालय में पशुओं के रखने, चारागाह के लिए हो पर्याप्त रिजर्व लैंड हो और गौ सरोवर भी बनाएं. गोरखपुर के ताल नदोर में पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय का शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसी साल तीन मार्च को किया था. 80 एकड़ में क्रमवार तीन चरणों मे बन रहे इस महाविद्यालय के निर्माण पर 350 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी. पहले चरण के निर्माण पर 277 करोड़ 31 लाख रुपये खर्च होंगे.

यह भी पढ़ें - सीएम योगी यूपी में 10 नस्ल के गोवंश कराएंगे संरक्षित - Cow Breeding Scheme

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार निराश्रित गो वंश का संरक्षण, गो पालकों को कई तरह की रियायत दे रही है. गोवंश निरोग रहें, इसलिए उनका नियमित टीकाकरण, नस्ल सुधार, इसके जरिए उनकी उत्पादकता बढ़ाने का काम भी सरकार लगातार कर रही है. गोवंश के संरक्षण और संवर्धन का ये सिलसिला जारी रहा तो आने वाले समय में उत्तर प्रदेश गाय के दूध में भी देश में नंबर वन होगा. अभी यह उपलब्धि राजस्थान के नाम पर दर्ज है. उत्तर प्रदेश का स्थान दूसरा है.

वर्तमान आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में दुधारू गायों की संख्या करीब 0.66 करोड़ है. इनसे कुल 5.29 मिलियन टन दूध प्राप्त होता है. प्राप्त दूध में विदेशी नस्ल की गायों का दूध 1.7 मिलियन टन और मिश्रित एवं देशी नस्ल के दूध की मात्रा 4.2 मिलियन टन है. चूंकि देसी नस्ल की गाय का दूध विदेशी नस्ल की गायों से गुणवत्ता में बेहतर होता है. इनका विकास भारतीय जलवायु में हजारों वर्ष के अनुकूलन (कंडीशनिंग) के बाद हुआ है. लिहाजा, भारतीय परिस्थितियों में इनको पालना आसान है.

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यही वजह है कि योगी सरकार का फोकस देशी गोवंश के संरक्षण और संवर्धन पर है. आने वाले समय में गोरखपुर और भदोही के पशु चिकित्सक महाविद्यालय बन जाने पर देशी गोवंश के संरक्षण और संवर्द्धन को और बढ़ावा मिलेगा. यहां होने वाले शोध का लाभ उत्तर प्रदेश खासकर पूर्वांचल के दो दर्जन जिलों के पशुपालकों को मिलेगा. देशी गोवंश की बढ़ी उत्पादकता के रूप में इसका लाभ मिलेगा. ऐसे में 16% हिस्सेदारी के साथ दूध के उत्पादन में देश में पहला स्थान रखने वाला उत्तर प्रदेश गायों के दूध के उत्पादन मामले में भी देश में पहले स्थान पर पहुंच जाएगा.

मुख्यमंत्री योगी ने पिछले दिनों गोरखपुर में बनने वाले पशु चिकित्सा महाविद्यालय का स्थलीय निरीक्षण कर जरूरी निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि गोरखपुर पशु चिकित्सा महाविद्यालय को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में विकसित किया जाए. महाविद्यालय में पशुओं के रखने, चारागाह के लिए हो पर्याप्त रिजर्व लैंड हो और गौ सरोवर भी बनाएं. गोरखपुर के ताल नदोर में पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय का शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसी साल तीन मार्च को किया था. 80 एकड़ में क्रमवार तीन चरणों मे बन रहे इस महाविद्यालय के निर्माण पर 350 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी. पहले चरण के निर्माण पर 277 करोड़ 31 लाख रुपये खर्च होंगे.

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