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'ज्ञानवापी परिसर के अन्य हिस्सों का भी हो ASI सर्वे', कोर्ट में अब 29 अगस्त को होगी सुनवाई - Varanasi Gyanvapi case

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 27, 2024, 9:48 AM IST

Updated : Aug 27, 2024, 8:59 PM IST

ज्ञानवापी परिसर के बाकी बच्चे हिस्सों को भी वैज्ञानिक सर्वे कराने की मांग की गई है. मामला कोर्ट में है. आज इस पर सुनवाई होनी थी. हालांकि अब 29 अगस्त को सुनवाई होगी.

ज्ञानवापी एएसआई सर्वे में आज होनी है सुनवाई.
ज्ञानवापी एएसआई सर्वे में आज होनी है सुनवाई. (Photo Credit; ETV Bharat)

वाराणसी : ज्ञानवापी के बाकी बचे परिसर के एएसआई सर्वे की मांग वाली याचिका कोर्ट में है. मंगलवार को वाराणसी के कोर्ट में सिविल जज सीनियर जज (फास्ट ट्रैक कोर्ट) प्रशांत कुमार सिंह की अदालत में सुनवाई होनी थी. विजय शंकर रस्तोगी की तरफ से दी गई एप्लीकेशन में पूरे परिसर का अतिरिक्त सर्वे कराए जाने की अपील की गई है. इस पर एक पक्ष-बहस कर चुका है, जबकि मुस्लिम पक्ष को इस मामले में अपनी बात कोर्ट के सामने आज रखनी थी, लेकिन सिविल जज के न्यायिक कार्य में व्यस्तता के चलते सुनवाई नहीं हो सकी. अब सुनवाई के लिए 29 अगस्त की तिथि तय की गई है.

दरअसल 1991 के ज्ञानवापी परिसर के मुख्य मुकदमे स्वयंभू आदिविशेश्वर बनाम अंजुमन इंतजामिया के मुख्य वाद में वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने अपील करते हुए पूरे परिसर का अतिरिक्त एएसआई सर्वे कराए जाने की मांग की थी. उन्होंने बताया कि श्रृंगार गौरी मामले परिसर का जो सर्वे कराया गया वह पूर्ण नहीं है. ऐसे में बाकी बचे हिस्सों का भी वैज्ञानिक सर्वे कराया जाना जरूरी है.

उन्होंने अपनी एप्लीकेशन में कहा है कि सर्वे के दौरान कई स्थलों की खोदाई की भी आवश्यकता है. पहले किए गए सर्वे में यह कार्य नहीं हुआ है. खोदाई होने के साथ ही वहां पर मौजूद अवशेषों और अन्य प्रमाणों को तलाशना जरूरी है, जिससे सभी चीजें स्पष्ट हो सकें.

वहीं पिछली तारीख पर हिंदू पक्ष की बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को अपनी बात रखने के लिए समय दिया था. आज मुस्लिम पक्ष अपनी बात रखेगा. इस मामले में इस केस से जुड़े सभी पक्षकारों को आज तलब किया गया है. मुस्लिम पक्ष पिछले सर्वे पर हिंदू पक्ष की बातों का विरोध भी कर चुका है.

फिलहाल सिविल जज सीनियर डिवीजन प्रशांत कुमार की अदालत में ज्ञानवापी के मालिकाना हक से जुड़े 1991 के स्वयंभू भगवान आदिविश्वेश्वर के इस मुकदमे में संपूर्ण परिसर की एएसआई सर्वे करने संबंधी याचिका पर बहस को आगे बढ़ाया जाएगा. इस मुकदमे में तेजी लाने के लिए भी अधिवक्ता लगातार प्रयास कर रहे हैं. हाईकोर्ट ने 1991 के मूलवाद को 6 महीने में समाधान करने का भी आदेश दिया है.

यह भी पढ़ें : रात के 12 बजते ही मथुरा में प्रकट हुए कान्हा, 1008 कमल पुष्प अर्पित, 5 कुंतल पंचामृत से अभिषेक, हजारों मंदिरों में गूंजा 'नंद घर आनंद भयो'

वाराणसी : ज्ञानवापी के बाकी बचे परिसर के एएसआई सर्वे की मांग वाली याचिका कोर्ट में है. मंगलवार को वाराणसी के कोर्ट में सिविल जज सीनियर जज (फास्ट ट्रैक कोर्ट) प्रशांत कुमार सिंह की अदालत में सुनवाई होनी थी. विजय शंकर रस्तोगी की तरफ से दी गई एप्लीकेशन में पूरे परिसर का अतिरिक्त सर्वे कराए जाने की अपील की गई है. इस पर एक पक्ष-बहस कर चुका है, जबकि मुस्लिम पक्ष को इस मामले में अपनी बात कोर्ट के सामने आज रखनी थी, लेकिन सिविल जज के न्यायिक कार्य में व्यस्तता के चलते सुनवाई नहीं हो सकी. अब सुनवाई के लिए 29 अगस्त की तिथि तय की गई है.

दरअसल 1991 के ज्ञानवापी परिसर के मुख्य मुकदमे स्वयंभू आदिविशेश्वर बनाम अंजुमन इंतजामिया के मुख्य वाद में वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने अपील करते हुए पूरे परिसर का अतिरिक्त एएसआई सर्वे कराए जाने की मांग की थी. उन्होंने बताया कि श्रृंगार गौरी मामले परिसर का जो सर्वे कराया गया वह पूर्ण नहीं है. ऐसे में बाकी बचे हिस्सों का भी वैज्ञानिक सर्वे कराया जाना जरूरी है.

उन्होंने अपनी एप्लीकेशन में कहा है कि सर्वे के दौरान कई स्थलों की खोदाई की भी आवश्यकता है. पहले किए गए सर्वे में यह कार्य नहीं हुआ है. खोदाई होने के साथ ही वहां पर मौजूद अवशेषों और अन्य प्रमाणों को तलाशना जरूरी है, जिससे सभी चीजें स्पष्ट हो सकें.

वहीं पिछली तारीख पर हिंदू पक्ष की बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को अपनी बात रखने के लिए समय दिया था. आज मुस्लिम पक्ष अपनी बात रखेगा. इस मामले में इस केस से जुड़े सभी पक्षकारों को आज तलब किया गया है. मुस्लिम पक्ष पिछले सर्वे पर हिंदू पक्ष की बातों का विरोध भी कर चुका है.

फिलहाल सिविल जज सीनियर डिवीजन प्रशांत कुमार की अदालत में ज्ञानवापी के मालिकाना हक से जुड़े 1991 के स्वयंभू भगवान आदिविश्वेश्वर के इस मुकदमे में संपूर्ण परिसर की एएसआई सर्वे करने संबंधी याचिका पर बहस को आगे बढ़ाया जाएगा. इस मुकदमे में तेजी लाने के लिए भी अधिवक्ता लगातार प्रयास कर रहे हैं. हाईकोर्ट ने 1991 के मूलवाद को 6 महीने में समाधान करने का भी आदेश दिया है.

यह भी पढ़ें : रात के 12 बजते ही मथुरा में प्रकट हुए कान्हा, 1008 कमल पुष्प अर्पित, 5 कुंतल पंचामृत से अभिषेक, हजारों मंदिरों में गूंजा 'नंद घर आनंद भयो'

Last Updated : Aug 27, 2024, 8:59 PM IST
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