संभल : दो लाख रुपये की फिरौती के लिए 14 वर्षीय लड़के के अपहरण के मामले में संभल पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है. पुलिस के अनुसार नाबालिग का अपहरण नहीं हुआ था, बल्कि नाबालिग ने अपने बड़े भाई के साथ मिलकर अपने अपहरण की फर्जी कहानी रची थी. ऑनलाइन गेम में रुपये हारने पर नाबालिग ने भाई के साथ मिलकर परिजनों से पैसे ऐंठने के लिए साजिश रची थी. पुलिस ने दोनों भाइयों को गिरफ्तार कर लिया है. नाबालिग को बाल सुधार गृह भेजा है.
बीते 1 अगस्त को सदर कोतवाली पुलिस में मोहल्ला बेगम सराय निवासी ओम प्रकाश सैनी ने अपने 14 वर्षीय नाबालिग बेटे के अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था. तहरीर के अनुसार 31 जुलाई की शाम नाबालिग बेटा एसडीएम कोर्ट के पास मोमोज लेने गया था. इसी दौरान किसी ई रिक्शा चालक ने नशीला पदार्थ सुंघाकर अपहरण कर लिया और अब फिरौती के रूप में दो लाख रुपये मांग रहा है. फिरौती की रकम इंस्टाग्राम पर मैसेज कर मांगी गई थी. इसके बाद परिजनों ने एक अगस्त को सुबह बताए पते पर डेढ़ लाख रुपये दिए और बेटे को सकुशल बरामद कर लिया.
इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद जांच शुरू की, तो चौंकाने वाली कहानी सामने आई. पुलिस अधीक्षक कुलदीप सिंह गुनावत ने बताया कि नाबालिग का अपहरण नहीं हुआ था, बल्कि उसने अपने बड़े भाई लवकुश उर्फ लकी के साथ मिलकर अपहरण की फर्जी स्क्रिप्ट तैयार की थी. जांच के दौरान दोनों भाइयों से जब कड़ाई के साथ पूछताछ की गई, तो सच्चाई सामने आ गई.
एसपी के अनुसार ओम प्रकाश के नाबालिग बेटे को ऑनलाइन गेम खेलने की आदत थी. इसमें वह 50 हजार रुपये हार गया था. इन रुपयों को चुकाने के लिए उसे पैसे की जरूरत थी. इसलिए अपने बड़े भाई लव कुश उर्फ लकी का सहारा लिया. लवकुश को एक दुकान लेनी थी. इसलिए उसे एक लाख रुपये की आवश्यकता थी. इसके बाद दोनों ने योजना के तहत परिजनों से पैसे ऐंठने के लिए अपहरण की साजिश रच डाली. आरोपी भाइयों ने फिरौती की रकम घर में ही छुपा कर रखी थी. जो बरामद कर ली गई है.