लखनऊ: उत्तर प्रदेश के नवनियुक्त मनोज कुमार सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में जनसमस्याओं के तेज निस्तारण और जनप्रतिनिधियों की शिकायतों के संज्ञान लेने को लेकर सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं.
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि हमारी प्राथमिकता गुड गवर्नेंस को लोगों तक पहुंचाने की है. लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए जो इंस्टीट्यूशंस हमारी बनी हैं वहां पर जब वह कोई जाए तो वह सही तरीके से निस्तारित हो, सही तरह से एड्रेस हो, न्याय मिले, यही हमारी पहली प्राथमिकता है.
दूसरा यह है कि इन्वेस्टमेंट के लिए हमने जो अपने इन्वेस्टर्स को कमिटमेंट दिए हैं उसको हम पूरा करें. अब उसमें इंसेंटिव देने की बात हो, लैंड एलॉट करने की बात हो, एनओसी इश्यू करने की बात हो, उनको वरीयता पर किया जाएगा.
चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार सिंह ने IGRS पर शिकायतों के फर्जी निस्तारण को लेकर हुए सवाल पर कहा कि आईजीआरएस एक नब्ज की तरह है. पूरे विभाग को इससे आप टटोल सकते हैं, पहचान सकते हैं, कहां क्या इश्यूज हैं तो इसकी जो कंप्लायंस की स्टेट्स है, वह क्वालिटी में इंप्रूव करे.
इसके लिए रोज पांच सैंपल पिक किए जाएंगे, जिसमें क्लोजर है और सेटिस्फेक्शन या कंपलसरी क्लोजर है. स्पेशल क्लोजर है, जिसे हम लोग कहते हैं और उनमें हम लोग फिर नीचे तक ड्रिल डाउन करके देखेंगे कि क्या हकीकत है और उसके हिसाब से फिर कार्रवाई होगी.
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने प्रदेश की कानून व्यवस्था और लगातार हो रहे पेपर लीक को लेकर हुए सवाल पर कहा कि पेपर लीक रोकने के लिए मुख्यमंत्री ने भी बहुत सख्त कानून बनाए हैं. वह एक तरफ है, दूसरी तरफ जो एग्जामिनेशन सेंटर्स जिलों में बनते हैं वह अच्छे प्रेस्टीजियस इंस्टीट्यूशंस में बने जिनकी इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर हो और उसके बाद जब एग्जाम हो तो मजिस्ट्रेट और पुलिस के लोग मिलकर पूरी सेंसिटिविटी के साथ इसको एश्योर करें कि एग्जाम फेयर तरीके से हो कोई लीकेज नहीं हो. हम लोग ऐसी व्यवस्था बना पाएंगे कि आगे पेपर लीक नहीं होगा.
चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार सिंह ने जनप्रतिनिधियों की शिकायतों का अफसरों के स्तर पर ध्यान न दिए जाने के सवाल पर कहा कि जो भी एप्लीकेश हमारे जनप्रतिनिधियों की ओर से दी जा रही है या सुझाव दिए जा रहे हैं, उस पर पूरी गंभीरता से सभी ऑफिसर्स बहुत अटेंटिव होकर कार्रवाई करेंगे. मुख्य सचिव कार्यालय से एश्योर किया जाएगा कि सभी जनप्रतिनिधियों की बात बेहतर तरीके से सुनी जा रही है और सही न्यायोचित कार्रवाई की जा रही है.
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