जोधपुर: आज के समय में एजुकेशन के क्षेत्र में भी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग हर स्तर पर हो रहा है. इसमें अब सीए की पढ़ाई भी शामिल हो गई है. इंस्टीट्यूट आफ चार्टड अकाउंटेट ऑफ इंडिया ने नवाचार करते हुए सीए करने वाले स्टूडेंट्स और प्रोफेशनल्स दोनों के लिए एआई का उपयोग करते हुए सीएजीपीटी और एकाउंटिंग स्टैंडर्ड जीपीटी नाम से पोर्टल बनाए हैं. सीए जीपीटी के पोर्टल पर स्टूडेंट्स को काफी मेटेरियल पढ़ने को मिलता है, जबकि एस-जीपीटी पर प्रोफेशनल्स के लिए कई सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं, जिससे वर्किंग स्मार्ट हो सके और काम तेज हो सके.
आईसीएआई की जोधपुर ब्रांच अध्यक्ष पूजाधूत राठी ने बताया कि हमारे काउंसिल मेंबर्स काफी जागरूक हैं. उन्होंने सीए के कोर्स, सेलेबस और पैर्टन को भी बदला है. इसके आगे बढ़कर अब सीएजीपीटी के नाम से पोर्टल और एप बनाया गया है, जहां पर स्टूडेंट्स दस साल पुराने पेपर्स के पैर्टन को सेकेंडों में देख सकते हैं. इसमें जटिल प्रश्न और उनके उत्तर भी उपलब्ध करवाए गए हैं, जो उनके लिए काफी मददगार साबित हो रहे हैं, जबकि पहले इसके लिए स्टूडेंट्स को काफी मशक्कत करनी पड़ती थी. इसे लगातार अपडेट भी किया जा रहा है. इसके अलावा मैंबर्स के लिए भी एकाउंटिंग स्टेंडर्ड जीपीटी में ऑडिट के दौरान की तकनीकी जानकारियां उपलब्ध करवाई गई हैं. सीए जीपीटी के लिए https://ai.icai.org/ की वेबसाइट पर जाकर एक्टिवेशन करना होता है.
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टॉपिक रिपीट का आसानी से चलेगा पता : सीए जीपीटी स्टूडेंट्स के लिए खास तौर से इस बात को लेकर मददगार साबित हो रहा है कि इसमें वे यह जान सकते हैं कि कौन सा प्रश्न या टॉपिक कब-कब कितने समय के बाद रिपिट हो रहा है. पेपर पैटर्न कैसे बदल रहा है. इससे उनकी पढ़ाई और ज्यादा सटीक हो जाएगी. इसके अलावा आईसीएआई अब सीए फाइनल का रिजल्ट भी परीक्षा के दो से तीन दिनों में जारी करने की तैयारी कर रहा है, जिससे असफल होने पर स्टूडेंट्स का समय खराब ना हो और वो लगातार पढ़ाई से जुड़े रहे और अगले अटेंप्ट की तैयारी में जुट जाएं.
अब साल में चार अटेंप्ट : आईसीएआई ने सीए फाइनल के अवसर भी बढ़ा दिए हैं. छात्रों को जहां पहले साल में दो बार परीक्षा देने का अवसर मिलता था. वहीं, अब इसे बढ़ाकर चार कर दिया गया है. आईसीएआई का यह मानना है कि जितने ज्यादा अवसर मिलेंगे उतना ज्यादा स्टूडेंटस के लिए फायदेमंद होगा. वे लगातार अपडेट रहेंगे और रिजल्ट में भी सुधार होगा. बता दें कि सीए फाइनल के रिजल्ट में बीस प्रतिशत के करीब ही स्टूडेंट्स पास होते हैं. अब चार बार परीक्षा होने से इसमें सुधार होने की उम्मीद है.