लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में अब यात्रियों का सामान बुक होकर ही जाएगा. चालक-परिचालक बिना बुक हुआ सामान अपने साथ नहीं ले जा सकेंगे. परिवहन निगम ने पार्सल बुकिंग की सुविधा शुरू करने का फैसला लिया है. इसके लिए एक फर्म के साथ परिवहन निगम का एमओयू हुआ है. पांच साल के लिए मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग पर परिवहन निगम के अधिकारियों और फर्म के निदेशक ने हस्ताक्षर किए हैं. इन पांच साल में पार्सल से ही रोडवेज की सवा 25 करोड़ रुपये की आय होगी. इससे रोडवेज का खजाना भरेगा.
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों से कोरियर पार्सल सेवा संचालित करने के लिए टेंडर के माध्यम से दिल्ली की फर्म मेसर्स एवीजी लॉजिस्टिक्स लिमिटेड का चयन किया गया है. इस फर्म के साथ परिवहन निगम का पांच वर्ष के लिए करार हुआ है. गुरुवार को यूपीएसआरटीसी और एवीजी लॉजिस्टिक्स लिमिटेड के बीच अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए.
परिवहन निगम के जनसंपर्क अधिकारी अजीत सिंह ने बताया कि इस अनुबंध के तहत परिवहन निगम को पहले साल में 4.51 करोड़ रुपये की प्राप्ति होगी. हर साल वार्षिक वृद्धि के बाद परिवहन निगम को कुल पांच वर्षों में लगभग सवा 25 करोड़ रुपये का फायदा होगा. अनुबंध पर परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक अशोक कुमार और एवीजी लॉजिस्टिक्स लिमिटेड के निदेशक राजीव अग्रवाल ने हस्ताक्षर किए हैं. परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर से भी फर्म के निदेशक ने मुलाकात की.
बता दें, हाल ही में उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम मुख्यालय में निदेशक मंडल की 248 वीं बैठक में बसों में सामान ले जाने को लेकर प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई थी. इसके तहत बिना बुक किए बस में सामान ले जाते तीन बार लगातार पकड़े जाने पर चालक परिचालक नौकरी से हाथ धो बैठेंगे. अगर बिना बुक भार के साथ लगेज का मालिक बस में यात्रा कर रहा होगा तो टिकट के बराबर जुर्माना वसूला जाएगा. अगर सामान का मालिक बस में यात्रा नहीं कर रहा होगा तो चालक परिचालक से डबल जुर्माना वसूल किया जाएगा. ऐसे में अगर चालक परिचालकों को जुर्माने से बचना है और अपनी नौकरी सुरक्षित रखनी है तो फिर बस में बिना बुक किए सामान नहीं ले जाना ही बेहतर होगा. अब पार्सल बुकिंग के शुरुआत हो रही है तो फिर चालक परिचालक का बस में सामान ले जाने का रास्ता ही बंद हो जाएगा.
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