रायपुर: यूपीएससी परीक्षा परिणाम 2023 में लखनऊ के कुणाल रस्तोगी ने ऑल इंडिया में 15वां रैंक हासिल किया है. कुणाल भारतीय प्रशासनिक सेवा को प्राथमिकता दे रहे हैं. कुणाल की सफलता को लेकर ईटीवी भारत ने उनसे खास बातचीत की. बातचीत के दौरान कुणाल ने बताया कि इस परीक्षा को पास करने के लिए लगन और निरंतरता की सबसे ज्यादा जरूरत होती है. लोगों को किसी भी असफलता से हताश होने की जरुरत नहीं है, हालांकि उन्होंने यह माना कि परीक्षा में धैर्य रखने की जरूरत है. कहीं कोई असफलता मिलती है तो हौसला न खोएं.
टास्क पूरा करना था लक्ष्य: ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कुणाल ने बताया कि, "परीक्षा की तैयारी के लिए समय का कोई बंधन नहीं होता है. आपको अपने लिए टास्क तय करने की जरूरत है कि आप कौन सा सब्जेक्ट किस टास्क के साथ पूरा करना चाहते हो. वह टास्क पूरा हो जाए. चाहे जितना भी समय लगे. मैंने अपने लिए घंटों पढ़ाई नहीं की. मैं टास्क लेकर तैयारी करता था.जब तक वह टास्क पूरा नहीं होता था, तब तक मैं अपनी पढ़ाई जारी रखता था. कई बार वह दो घंटे में भी पूरा हो जाता था. कई बार 10 घंटे भी उसे पूरा करने में लग जाते थे, लेकिन मेरा संकल्प यही था कि जब तक टास्क पूरा नहीं होता था मैं पढ़ाई बंद नहीं करता था.
टास्क पूरा होने पर खाता था पिज्जा: आगे कुणाल ने बताया कि, "जब तक मैं अपना टास्क पूरा नहीं करता, तब तक मैं पिज्जा नहीं खाता था. मैंने तय कर रखा था कि टास्क पूरा कर लूंगा उसके बाद मैं पिज्जा खाऊंगा, क्योंकि पिज्जा मेरा फेवरेट खाना है. परिस्थितियों और परिवेश दोनों काफी मायने रखते हैं. मैं अपने पिताजी को बतौर आईपीएस, अफसर काम करते देखा है, जो सम्मान मिलता है, वह मेरे मन में था, लेकिन यह तमाम चीजें तैयारी में किसी तरह की सहायता नहीं करती है. तैयारी के लिए आपको लगातार लगे रहना होगा. उसमें निरंतरता बनाए रखना होगा."
विषय पर पकड़ जरूरी: यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए कुणाल ने कहा कि, "विषय पर पकड़ और अपना टास्क दोनों तैयार करके अगर कोई तैयारी करे, तो निश्चित तौर पर उसे सफलता मिल सकती है, लेकिन इसके लिए टास्क को मजबूती से तय करना होगा. उसके लिए अध्ययन ज्यादा जरूरी है.मैं तीसरे प्रयास में सफल हुआ हूं.पहले प्रयास में मैं इंटरव्यू तक गया था, लेकिन सेलेक्ट नहीं हुआ. दूसरे प्रयास में मैं प्रारंभिक परीक्षा ही नहीं निकल पाया. यही से एक भटकाव की बात भी शुरू हो जाती है, लेकिन उसके बाद भी मैं खुद को जोड़ा और तीसरे प्रयास में मैं इस परीक्षा में सफल हुआ. कुणाल ने आगे कहा कि, "कई बार मन में भटकाव भी होता है, लेकिन खुद को और अपने मन को संगठित करने की जरूरत होती है.अपने टास्क को पूरा करने के लिए भी ऐसा करना होता है."
आपको बता दें कि कुणाल के पिता भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हैं. वर्तमान में एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस सशस्त्र सीमा बल के पद पर कार्यरत हैं. कुणाल के पिता छत्तीसगढ़ में नक्सल ऑपरेशन के प्रमुख रहे हैं. वर्तमान समय में चुनाव को लेकर उनका तबादला दिल्ली हुआ है. कुणाल अभी रायपुर में हैं. अब उनका पूरा परिवार रायपुर से दिल्ली के लिए शिफ्ट करेगा.