जयपुर. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का आदिवासियों के डीएनए टेस्ट को लेकर दिए बयान पर विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. 16वीं विधानसभा के बजट सत्र के प्रश्नकाल के दौरान गुरुवार को एक फिर शिक्षा मंत्री के जवाब पर विपक्ष ने आपत्ति दर्ज करते हुए सदन में जमकर हंगामा किया. विपक्ष ने शिक्षा मंत्री से माफी मांगने की मांग करते हुए सदन में नारेबाजी की. विपक्ष के हंगामे के बीच प्रश्नकाल की कार्यवाही जारी रही. वहीं, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने साफ कर दिया कि वो किसी भी सूरत में माफी नहीं मांगेंगे.
यूं हुआ सदन में हंगामा: विधानसभा बजट सत्र के दौरान गुरुवार को सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई. प्रश्न काल के दौरान भाजपा विधायक संदीप शर्मा ने खुले में स्कूल चलने का सवाल उठाया, तो उसके जवाब में जैसे ही शिक्षा मंत्री मदन दिलावर जवाब देने के लिए खड़े हुए. वैसे ही तैयार बैठे विपक्ष ने दिलावर के जवाब पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि जब तक शिक्षा मंत्री आदिवासी समाज के डीएनए वाले बयान पर माफी नहीं मांग लेते जब तक शिक्षा मंत्री का जवाब नहीं सुना जाएगा. विपक्ष ने हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी.
विपक्ष के हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने शिक्षा मंत्री को जवाब ले लिए कहा. विपक्ष हंगामा करता रहा और शिक्षा मंत्री ने जवाब दिया. बता दें कि पिछले दिनों दिलावर ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि वह (आदिवासी) हिंदू हैं कि नहीं, ये अपने पूर्वजों से पूछेंगे. हमारे यहां वंशावली लिखने वालों से पूछेंगे. वह कौन हैं यदि वह हिंदू नहीं हैं तो उनका डीएनए टेस्ट कराएंगे कि क्या वह लोग अपने पिता की औलाद है या नहीं. दिलावर ने ये टिप्पणी आदिवासी नेताओं के अपने आप को हिन्दू नहीं माने के बयान पर थी. दिलावर के बयान के बाद आदिवासी समाज एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन में उतराया था. इसके साथ विपक्ष भी लगातार विधानसभा में मंत्री दिलावर से मांफी मांगने पर अड़ा हुआ है.
माफी मांगने सवाल नहीं : उधर, सदन में हुए हंगामा के बाद शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हिंदुओं का अपमान किया है. हम उस मुद्दे को उठा रहे हैं. यही कारण है कि आदिवासियों का बहाना लेकर मामले को कांग्रेस भटका रही है. आदिवासियों पर अपने बयान पर माफी मांगने की बात पर दिलावर ने कहा कि माफी मांगने का कोई सवाल नहीं उठता है. वैसे भी माफी मांगनी है या नहीं इसका फैसला मेरे नेता करेंगे, न कि कांग्रेस के नेता.