लखनऊ: अब अपने कनेक्शन का भार बढ़वाने के लिए उपभोक्ताओं को उपकेंद्र के बार-बार चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी. ना ही उन्हें अधिकारियों की गणेश परिक्रमा करने की आवश्यकता होगी. अब उन्हें लोड बढ़ाने की घर बैठे ऑनलाइन सुविधा मिलेगी. उपभोक्ता 20 किलोवाट तक का भार ऑनलाइन ही बढ़ा सकेंगे. उन्हें संबंधित इंजीनियर को आवेदन देने की कोई जरूरत नहीं होगी. पावर कॉरपोरेशन की तरफ से उपभोक्ताओं के लिए यह सुविधा शुरू कर दी गई है.
घर में बिजली का इस्तेमाल बढ़ने के बाद बिजली का लोड बढ़वाना जरूरी होता है. अगर उपभोक्ता ऐसा नहीं करता है तो फिर डिमांड ज्यादा आने लगती है और जुर्माना देना पड़ता है. अभी तक उपभोक्ताओं को अपने कनेक्शन का भार बढ़ाने के लिए संबंधित उपकेंद्र पर जाकर जूनियर इंजीनियर या फिर उपखंड अधिकारी को आवेदन देना होता था.
कई बार इस काम के लिए अधिकारी उपभोक्ताओं को उपकेंद्र के चक्कर लगवाते हैं, लेकिन अब उपभोक्ताओं को इस दिक्कत का सामना करना ही नहीं पड़ेगा. ऊर्जा विभाग ने लोड बढ़ाने की व्यवस्था को ऑनलाइन कर दिया है. इसके लिए आवेदक को www.uppcl online.com पर जाकर लोड बढ़ाने की डिटेल भरनी होगी. यह भी जानकारी देनी होगी कि वर्तमान में लोड कितना है और कितना भार बढ़वाना चाहते हैं.
इसके बाद लोड बढ़ा दिया जाएगा. विभाग के अफसर ऑनलाइन ही इसकी मॉनीटरिंग भी कर सकेंगे. अगर किसी उपभोक्ता के घर का बिजली भार बढ़ाने के बाद मीटर बदलने की आवश्यकता पड़ेगी तो अधिकारी बिलिंग डाटा से चेक करके मीटर बदलने की कार्रवाई करेंगे. उपभोक्ताओं के लिए पावर कॉरपोरेशन की ये सौगात सहूलियत देने वाली साबित होगी.
अब ऑनलाइन बिल जमा कर सकेंगे उपभोक्ता: उत्तर प्रदेश के उपभोक्ता अब नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर सिस्टम यानी एनईएफटी और रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट यानी आरटीजीएस के माध्यम से भी अपना बिल जमा कर सकेंगे. पावर कारपोरेशन ने सभी बिजली कंपनियों को इससे संबंधित सर्कुलर जारी कर दिया है. जारी आदेश में कहा गया है कि बिलिंग प्रणाली में आइसीआइसीआइ बैंक के जरिए यह सुविधा उपभोक्ताओं को मिलेगी.
यह होगी प्रक्रिया: वर्चुअल बैंक अकाउंट नंबर प्राप्त करने के लिए उपभोक्ताओं को उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड की वेबसाइट www.uppcl online.com पर बिल पेमेंट के विकल्प पर क्लिक करना होगा. इसके बाद 10 अंकों के कस्टमर नंबर से पहले संबंधित डिस्कॉम पर क्लिक करना होगा. इसके बाद अपना उपभोक्ता नंबर दर्ज करना होगा. यह प्रक्रिया पूरी करने के बाद 16 अंकों का वर्चुअल अकाउंट नंबर उपलब्ध होगा. आईएफएससी कोड ICIC0000106 के माध्यम से पेमेंट हो सकेगा. जमा हुए बिल की रसीद उपभोक्ता को मोबाइल नंबर या फिर रजिस्टर्ड ईमेल पर प्राप्त हो जाएगी.
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