लखनऊ: उत्तर प्रदेश कि ज्यादातर जिलों में भीषण गर्मी का कहर जारी है. हीट वेव कंडीशन मंगलवार को भी उत्तर प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में जारी रही. वहीं तापमान में भी अत्यधिक वृद्धि होने के कारण रात में भी गर्मी की स्थिति बनी रही.
देश के दक्षिणी हिस्सों में बादलों की आवाजाही एवं आंधी के साथ हुई बारिश के प्रभाव से तापमान में आई कमी और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में जोरदार हवा चलने तथा हल्की बारिश होने से कुछ इलाकों में लू से प्रचंड लू की स्थिति से राहत मिली है. उत्तर प्रदेश के मध्यवर्ती व दक्षिणी भागों में हीट वेव कंडीशन में हल्की कमी दर्ज की गई. आगामी तीन से चार दिन तक हीट वेव कंडीशन जारी रहने की संभावना है.
प्रदेश भर में 25-35 किमी/घंटे की रफ्तार से चल रही शुष्क और गर्म पछुआ हवाओं तथा तेज धूप के कारण प्रदेश के उत्तरी तराई क्षेत्रों के तापक्रम में हुई वृद्धि के परिणामस्वरूप मंगलवार को उत्तर प्रदेश के ज्यादातर स्थानों (>75% स्टेशनों) पर लू के साथ-साथ कुछ स्थानों पर प्रचंड लू की स्थिति बनी रही. इसके अतिरिक्त न्यूनतम तापमान भी सामान्य से 5-7 डिग्री सेल्सियस अधिक रहने से प्रदेश में कुछ स्थानों पर रातें गर्म रहीं.
उरई रहा सबसे अधिक गर्म जिला: 46.4°C अधिकतम तापमान के साथ उरई में जहां प्रदेश का सबसे गर्म दिन रहा वहीं 35.3°C न्यूनतम तापमान के साथ कानपुर की रात प्रदेश में सबसे गर्म रही.
लखनऊ में रात के तापमान का 25 वर्षों का टूटा रिकॉर्ड: यूपी की राजधानी लखनऊ में भीषण लू से गर्म रातों की स्थितियां मंगलवार को भी बनी रहीं. इसके आगामी 3-4 दिनों के दौरान कमी के साथ जारी रहने की सम्भावना है. वर्ष 1998 के बाद जून महीने में लखनऊ में रात इतनी गर्म हुई. 32.6°C तापमान के साथ बीती रात राजधानी लखनऊ के प्रेक्षण इतिहास (1950-2024) में जून महीने की तीसरी सबसे गर्म रात रही.
लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर, वाराणसी में टूटा रिकॉर्ड: लखीमपुर खीरी में 54 साल बाद मंगलवार को रात्रि का तापमान 33 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया. जबकि 1969 में लखीमपुर खीरी में 33 डिग्री सेल्सियस राधिका तापमान पहुंचा था. शाहजहांपुर में मंगलवार को 33 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकार्ड किया गया. इससे पहले 1977 में 33 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकार्ड किया गया था. वहीं, वाराणसी में 1969 के बाद रात का तापमान 33.6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया.
इन जिलों में भीषण लू चलने की संभावना: बांदा, चित्रकूट, कौशाम्बी, फतेहपुर, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव, मथुरा, हाथरस, एटा, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, जालौन, हमीरपुर, महोबा, झांसी, ललितपुर एवं आस पास के क्षेत्र. प्रयागराज, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, संत रवि दास नगर, जौनपुर, गाजीपुर, हरदोई, फर्रुखाबाद, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, अलीगढ़, कासगंज एवं आस पास के क्षेत्र. आजमगढ़, मऊ, बलिया, बाराबंकी, अयोध्या, अंबेडकर नगर, बागपत, गाजियाबाद, हापुर, गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर, संभल, बदायूं एवं आस पास के क्षेत्र.
इन जिलों में रातें रहेंगी गर्म: बांदा, चित्रकूट, कौशाम्बी, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, संत रवि दास नगर, जौनपुर, देवरिया, गोरखपुर, संत कबीर नगर, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थ नगर, गोंडा, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुर, गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, कासगंज, एटा, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल, बदायूं, जालौन, हमीरपुर, महोबा, झांसी, ललितपुर एवं आस पास के क्षेत्र.
37 जिलों में गरज चमक के साथ बारिश का अलर्ट: मेघ गर्जन एवं वज्रपात के साथ तेज झोकेदार हवाएं (30-40 कि.मी/घंटा) चलने की संभावना है. प्रयागराज, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, संत रवि दास नगर, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुर, गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल एवं आस पास के क्षेत्र. बांदा, चित्रकूट, कौशाम्बी, गाजीपुर, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थ नगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, बदायूं, महोबा एवं आस पास के क्षेत्र.
मौसम वैज्ञानिक डॉ. अतुल सिंह ने बताया कि वर्तमान मौसमी परिदृश्य में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव तथा पुरवा के साथ प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप उत्तरी तराई इलाकों में तड़ित झंझावात के साथ 19 जून से शुरू होने वाली हल्की से मध्यम बारिश के दौर से उत्तरी तराई इलाकों में लू से प्रचंड लू की स्थिति से राहत मिलने जबकि मध्यवर्ती व दक्षिणी हिस्सों में तीव्रता में उत्तरोत्तर कमी के साथ आगामी 3-4 दिनों तक जारी रहने की सम्भावना है.
मानसून के लिए दो दिन का और इंतजार: मौसम वैज्ञानिक डॉ. अतुल सिंह ने बताया कि आगामी 2-3 दिनों के दौरान महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश और उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों तथा गंगीय पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल के शेष हिस्सों और बिहार, झारखण्ड के कुछ हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं. बिहार-झारखण्ड में आगे बढ़ने के उपरान्त ही मानसून के उत्तर प्रदेश में आगे बढ़ने के सम्बन्ध में स्थिति स्पष्ट होगी.