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यूपी में बारिश का पैटर्न बदला; जून में तरसाया, जुलाई में तड़पाया, अब सप्ताहभर तेज बरसात का अलर्ट - UP Weather Latest Update - UP WEATHER LATEST UPDATE

बीते कई साल में मानसून सीजन को देखें तो रेनी डे कम हुए हैं. इसके अलावा रिमझिम बारिश के बजाय एक्सट्रीम इवेंट्स ज्यादा देखने को मिले हैं. बारिश में कमी का एक कारण सिस्टम का न बनना भी है. बारिश को मानसून ट्रफ की स्थिति, मानसून लो प्रेशर और मानसून डिप्रेशन प्रभावित करते है.

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लखनऊ में मंगलवार को हुई झमाझम बारिश. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 25, 2024, 10:25 AM IST

लखनऊ: जलवायु परिवर्तन का असर अब मॉनसून पर भी साफ नजर आने लगा है. शहर में मॉनसून सीजन की बात करें तो जून से लेकर 24 जुलाई तक महज 21 दिन ही बारिश हुई. बचे हुए 31 दिन सूखे ही गुजर गए. मौसम विज्ञानियों से मिली जानकारी के मुताबिक बारिश के पैटर्न में परिवर्तन हो रहा है.

इस साल शहर में जून में महज 6 दिन और जुलाई में 15 दिन बारिश हुई है. शहर समेत प्रदेश में लगातार रेनी डेज घट रहे है और इसके उलट सूखे दिनों में बढ़त हो रही है. नतीजतन पारा भी बढ़ता जा रहा है. जुलाई में बीते एक हफ्ते में दिन का पारा 36 डिग्री से लेकर 37.2 डिग्री सेल्सियस वहीं रात का पारा 26 डिग्री से लेकर 29.7 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया है.

कम दबाव के क्षेत्र डिप्रेशन में नहीं बदल रहे: अमौसी स्थित मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि बीते कई साल में मानसून सीजन को देखें तो रेनी डे कम हुए हैं. इसके अलावा रिमझिम बारिश के बजाय एक्सट्रीम इवेंट्स ज्यादा देखने को मिले हैं. बारिश में कमी का एक कारण सिस्टम का न बनना भी है. बारिश को मानसून ट्रफ की स्थिति, मानसून लो प्रेशर और मानसून डिप्रेशन प्रभावित करते है.

चार महीने में औसत 7-8 सिस्टम विकसित होने चाहिए. कम से कम दो सिस्टम हर महीने बनने चाहिए. अभी तक शहर समेत प्रदेश में बारिश का मुख्य कारण मॉनसून ट्रफ की सामान्य स्थिति ही है. बहुत प्रभावी सिस्टम एक से अधिक देखने को नहीं मिला है. यही नहीं कम दबाव के क्षेत्र का डिप्रेशन में पहुंचना भी जरूरी होता है लेकिन बीते कई साल से यह ट्रेंड बदला है. कम दबाव का क्षेत्र डिप्रेशन में नहीं बदल रहा, यह भी कम बारिश का एक बड़ा कारण है.

इस सप्ताह होगी अच्छी बारिश: बीते कई दिनों से उमस भरी गर्मी से परेशान शहरवासियों के लिए बीते मंगलवार कुछ राहत भरा रहा था. वहीं बुधवार को हल्की बारिश हुई. सुबह से बादलों की आवाजाही के बीच शाम होते-होते मौसम का रुख बदला और हल्की बारिश हुई. शहर के कई इलाको में हुई बारिश ने उमस से कुछ राहत दी. दिन का पारा 38.5 जबकि रात का पारा 29.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ.

मौसम विभाग ने 0.4 मिमी बारिश रेकॉर्ड की है. मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एम दानिश ने बताया कि बारिश फिलहाल जारी रहेगी. यह भी बताया कि शहर में आगामी चार दिन बादल छाए रहेंगे और बारिश भी हो सकती है. इस दौरान मौसम विभाग के वैज्ञानिकों ने कहा कि प्रदेश के कई जिलो में भारी बारिश हो सकती है. विभाग ने चेतावनी जारी की है.

अगले सप्ताह रहेगा उमस: वरिष्ठ वैज्ञानिक दानिश ने बताया कि यह हफ्ता मिला-जुला रहेगा. हल्की धूप के साथ बारिश भी होती रहेगी. जबकि, आने वाला सप्ताह काफी उमस भरा रहेगा. जिस तरह से इस बार मानसून की शुरुआत हुई वह काफी अच्छी रही है. इसलिए उम्मीद है कि इस बार बारिश अच्छी ही होगी. फिलहाल अभी उमस के साथ हल्की बारिश होती रहेगी.

ये भी पढ़ेंः गर्मी से मिलेगी राहत, यूपी में 29 जुलाई तक सक्रिय रहेगा मानसून, 28 जिलों में आज भी बारिश-बिजली का अलर्ट

लखनऊ: जलवायु परिवर्तन का असर अब मॉनसून पर भी साफ नजर आने लगा है. शहर में मॉनसून सीजन की बात करें तो जून से लेकर 24 जुलाई तक महज 21 दिन ही बारिश हुई. बचे हुए 31 दिन सूखे ही गुजर गए. मौसम विज्ञानियों से मिली जानकारी के मुताबिक बारिश के पैटर्न में परिवर्तन हो रहा है.

इस साल शहर में जून में महज 6 दिन और जुलाई में 15 दिन बारिश हुई है. शहर समेत प्रदेश में लगातार रेनी डेज घट रहे है और इसके उलट सूखे दिनों में बढ़त हो रही है. नतीजतन पारा भी बढ़ता जा रहा है. जुलाई में बीते एक हफ्ते में दिन का पारा 36 डिग्री से लेकर 37.2 डिग्री सेल्सियस वहीं रात का पारा 26 डिग्री से लेकर 29.7 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया है.

कम दबाव के क्षेत्र डिप्रेशन में नहीं बदल रहे: अमौसी स्थित मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि बीते कई साल में मानसून सीजन को देखें तो रेनी डे कम हुए हैं. इसके अलावा रिमझिम बारिश के बजाय एक्सट्रीम इवेंट्स ज्यादा देखने को मिले हैं. बारिश में कमी का एक कारण सिस्टम का न बनना भी है. बारिश को मानसून ट्रफ की स्थिति, मानसून लो प्रेशर और मानसून डिप्रेशन प्रभावित करते है.

चार महीने में औसत 7-8 सिस्टम विकसित होने चाहिए. कम से कम दो सिस्टम हर महीने बनने चाहिए. अभी तक शहर समेत प्रदेश में बारिश का मुख्य कारण मॉनसून ट्रफ की सामान्य स्थिति ही है. बहुत प्रभावी सिस्टम एक से अधिक देखने को नहीं मिला है. यही नहीं कम दबाव के क्षेत्र का डिप्रेशन में पहुंचना भी जरूरी होता है लेकिन बीते कई साल से यह ट्रेंड बदला है. कम दबाव का क्षेत्र डिप्रेशन में नहीं बदल रहा, यह भी कम बारिश का एक बड़ा कारण है.

इस सप्ताह होगी अच्छी बारिश: बीते कई दिनों से उमस भरी गर्मी से परेशान शहरवासियों के लिए बीते मंगलवार कुछ राहत भरा रहा था. वहीं बुधवार को हल्की बारिश हुई. सुबह से बादलों की आवाजाही के बीच शाम होते-होते मौसम का रुख बदला और हल्की बारिश हुई. शहर के कई इलाको में हुई बारिश ने उमस से कुछ राहत दी. दिन का पारा 38.5 जबकि रात का पारा 29.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ.

मौसम विभाग ने 0.4 मिमी बारिश रेकॉर्ड की है. मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एम दानिश ने बताया कि बारिश फिलहाल जारी रहेगी. यह भी बताया कि शहर में आगामी चार दिन बादल छाए रहेंगे और बारिश भी हो सकती है. इस दौरान मौसम विभाग के वैज्ञानिकों ने कहा कि प्रदेश के कई जिलो में भारी बारिश हो सकती है. विभाग ने चेतावनी जारी की है.

अगले सप्ताह रहेगा उमस: वरिष्ठ वैज्ञानिक दानिश ने बताया कि यह हफ्ता मिला-जुला रहेगा. हल्की धूप के साथ बारिश भी होती रहेगी. जबकि, आने वाला सप्ताह काफी उमस भरा रहेगा. जिस तरह से इस बार मानसून की शुरुआत हुई वह काफी अच्छी रही है. इसलिए उम्मीद है कि इस बार बारिश अच्छी ही होगी. फिलहाल अभी उमस के साथ हल्की बारिश होती रहेगी.

ये भी पढ़ेंः गर्मी से मिलेगी राहत, यूपी में 29 जुलाई तक सक्रिय रहेगा मानसून, 28 जिलों में आज भी बारिश-बिजली का अलर्ट

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