लखनऊ: मानसून अब विदाई की तरफ है लेकिन विदाई से पहले मानसून अभी अपने तेवर दिखा रहा है. पिछले दिनों पश्चिम बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के क्षेत्रफल के चलते सितंबर के अंतिम सप्ताह में उत्तर प्रदेश में जोरदार बारिश हुई. इसी के चलते मानसून अनुमानित समय सीमा बीतने के बाद भी अभी यूपी में बना हुआ था. 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन से मानसून ने यूपी को छोड़ना शुरू कर दिया है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आगे बढ़ गया है. वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश में अभी मानसून कुछ दिन तक बना रहेगा. कई इलाकों में हल्की बारिश होने की संभावना है.
आज सुबह वाराणसी में अचानक से झमाझम हुई बारिश ने कई इलाकों में जल जमाव की स्थिति पैदा कर दी. वाराणसी के दुर्गा मंदिरों में सुबह बारिश की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. खास तौर पर शहर के वह प्रसिद्ध मंदिर जहां पर सुबह से जबरदस्त भीड़ थी. बारिश की वजह से लोगों को परेशानी हुई और कई इलाकों में पानी भी भर गया. फिलहाल बारिश बंद होने के बाद तीखी धूप एक बार फिर से लोगों को परेशान कर रही है.
यूपी के 14 जिलों में बारिश की संभावना: मौसम विभान ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थ नगर, बस्ती, संत कबीर नगर, महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, मऊ, बलिया व गाजीपुर जिले में आज यानी गुरुवार को बारिश होने की संभावना जताई है. मौसम विभाग के अनुसार उत्तर प्रदेश में सितंबर में अनुमानित बारिश 153 के सापेक्ष 221 मिलीमीटर रिकॉर्ड की गई जो सामान्य से 45% अधिक है.
लखनऊ में आज कैसा रहेगा मौसम: लखनऊ में बुधवार को सुबह के समय आसमान साफ रहा, तेज धूप खिली रही. दोपहर में कुछ स्थानों पर बादलों की आवाजाही देखी गई. अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया जो सामान्य से 2 डिग्री सेल्सियस अधिक है. वहीं न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया जो सामान्य से 2 डिग्री सेल्सियस अधिक है. मौसम में अधिकतम आर्द्रता 92% तथा न्यूनतम आर्द्रता 58% रही. मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार गुरुवार को लखनऊ में बादलों की आवाजाही रहेगी. अधिकतम तापमान 35 व न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है.
यूपी का प्रयागराज जिला रहा सबसे गर्म: बुधवार को उत्तर प्रदेश का प्रयागराज सबसे अधिक गर्म जिला रहा, जहां पर अधिकतम तापमान 36.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से 3 डिग्री सेल्सियस अधिक है. वहीं सबसे कम न्यूनतम तापमान मुजफ्फरनगर जिले में 22.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से 3 डिग्री सेल्सियस अधिक है.
मानसून वापसी का क्या है रूट मैप: मौसम वैज्ञानिक डॉ. अतुल सिंह ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून ने 2 अक्टूबर को अपनी सामान्य तिथि से लगभग 1 सप्ताह विलंब से प्रदेश के पश्चिमी भाग से वापस लौटना आरम्भ कर दिया है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों से पीछे खिसक गया. वर्तमान में मानसून वापसी की अक्ष रेखा पश्चिमी नेपाल से उत्तर प्रदेश के खीरी-लखीमपुर, मध्य प्रदेश के शिवपुरी, राजस्थान के कोटा, उदयपुर और दीसा तथा गुजरात के सुरेन्द्रनगर एवं जूनागढ़ होते हुए अरब सागर तक जा रही है. आगामी 48 घंटों के दौरान दक्षिण-पश्चिम मानसून के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बाकी हिस्सों से भी वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं.
अब ला नीना की परिस्थितियां कराएंगी बारिश: भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र पर तटस्थ अल-नीनो स्थितियों के मानसून ऋतु के बाद धीरे-धीरे ला-नीना परिस्थितयों में बदलने तथा मानसून वापसी में हुए आंशिक विलंब के परिप्रेक्ष्य में अक्टूबर महीने के दौरान प्रादेशिक वर्षा सामान्य से अधिक रहने के कारण अक्टूबर से दिसम्बर तक की मानसून पश्चात ऋतु के दौरान कुल समेकित वर्षा सामान्य से अधिक रहने की संभावना है.
यद्यपि इस ऋतु के दौरान बहुत कम (वार्षिक औसत का मात्र 3%) वर्षा होती है. इसी क्रम में अक्टूबर में प्रदेश के ज्यादातर स्थानों पर न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने जबकि अधिकतम तापमान सामान्य अथवा सामान्य से अधिक रहने के कारण मौसम अपेक्षाकृत गर्म रहने की संभावना है.
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