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केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति कैबिनेट मिनिस्टर आशीष पटेल शिक्षक भर्ती घोटाले में घिरे - UP TEACHER RECRUITMENT SCAM

बुलंदशहर से बीजेपी विधायक मीनाक्षी सिंह ने यूपी सीएम योगी से की शिकायत, पटेल बोले- 'पीएम मोदी कहेंगे तो सेकेंड में दे दूंगा इस्तीफा'

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मंत्री आशीष पटेल. (Photo Credit; ETV Bharat Archive)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 3 hours ago

Updated : 35 seconds ago

लखनऊ: यूपी के कैबिनेट मंत्री और अपना दल(एस) के कार्यवाहक अध्यक्ष ने खुद पर लगे घूस लेकर प्रमोशन करने के आरोपों के बाद इस्तीफा देने की बात कही है. उन्होंने सोशल मीडिया साइट X पर लिखा है कि उनकी राजनितिक हत्या करवाने की कोशिश की जा रही है. उन पर लगे आरोपों की सीएम योगी आदित्यनाथ सीबीआई जांच करवा लें. पीएम मोदी जिस दिन आदेश करेंगे तुरंत इस्तीफा दे दूंगा.

दरअसल, आशीष पटेल पर आरोप है कि उन्होंने प्रावधिक शिक्षा कॉलेजों में घूस लेकर प्रमोशन कर लेक्चरर्स को विभागाध्यक्ष बना दिया. जिससे आरक्षित वर्ग के लेक्चरर्स विभागाध्यक्ष बनने से चूक गए. यह आरोप सत्ताधारी दल की बुलंदशहर से विधायक मीनाक्षी सिंह ने मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजकर लगाए हैं.

आरोप लगाया है कि प्राविधिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेजों में विभागाध्यक्ष की नियुक्ति नियमों को ताक पर रख कर की गई है. विभागाध्यक्षों की नियुक्ति सीधी भर्ती के तौर पर होनी थी. जबकि कॉलेजों में कार्यरत लेक्चरर्स की प्रोन्नती कर उन्हें विभागाध्यक्ष बनाया गया. आरोप यह लगा है कि इससे 177 लेक्चरर्स को मिलने वाला आरक्षण नहीं मिल सका.

वहीं अपना दल कमेरावाद की नेता व सिराथु की विधायक पल्लवी पटेल ने भी आरोप लगाया है कि प्राविधिक शिक्षा विभाग में विभागाध्यक्ष के पदों पर नियुक्तियों में हेरफेर की गई. वर्तमान सेवा नियमावली को ताक पर रखकर पुरानी नियमावली के आधार पर भर्ती करके घोटाला किया गया.

वर्ष 2017 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से उत्तर प्रदेश चयन सेवा आयोग के तहत भर्ती होती है. लेकिन, अभ्यर्थियों की हकमारी कर पदोन्नति के आधार पर पद भर दिए गए. इतना ही नहीं प्रत्येक व्यक्ति से 25-25 लाख रुपए की धनउगाही की गई. इस धांधली से सरकार को 50 करोड़ अतिरिक्त वार्षिक बोझ भी अयोग्य कर्मियों को देना पड़ रहा है.

भर्ती में घोटाले के आरोप लगने पर मंत्री आशीष पटेल ने सोशल मीडिया में अपनी बात कही. एक्स पर उन्होंने 5 पोस्ट किए. आशीष पटेल ने लिखा कि, 'मीडिया और सोशल मीडिया पर मेरी राजनीतिक हत्या करने के लिए साजिश के तहत तथ्यहीन और अनर्गल आरोप लगाए जा रहे हैं. मेरे मंत्रित्व काल में प्राविधिक शिक्षा विभाग में वंचित वर्ग से आने वाले कार्मिको के हितों की रक्षा के बारे में पूरे उत्तर प्रदेश को पता है.

सांच को आंच क्या! मुख्यमंत्री जी अगर आवश्यक समझें तो आरोपों की सीबीआई से जांच करा लें. मैं तो यहां तक कहता हूँ कि दूध का दूध और पानी का पानी करने के लिए लगे हाथ बतौर मंत्री अब तक मेरे द्वारा लिए गए एक-एक निर्णय की भी सीबीआई से जांच करा लें. सब को पता है कि इसके पीछे कौन है. आगे और भी ऐसे आरोप लगेंगे.

ऐसे मिथ्या आरोपों से डरने वाले कोई और होंगे. अपना दल (एस) वंचितों के हक की लड़ाई से पीछे नहीं हटने वाला. सामाजिक न्याय की जंग के लिए अपना दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और गृहमंत्री अमित शाह के सानिध्य में 2014 में NDA का अंग बना था. प्रधानमंत्री का जिस दिन आदेश होगा बिना एक सेकेंड देरी के मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा.' मालूम हो कि आशीष पटेल केंद्र की मोदी सरकार में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति हैं.

दिल्ली में इलाज कराकर मिर्जापुर लौटे मंत्री आशीष पटेल: दिल्ली के अपोलो अस्पताल में ऑपरेशन के बाद आज अपना दल (एस) के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष व प्राविधिक शिक्षा एवं उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री आशीष पटेल का सांसद जनसंपर्क कार्यालय पटेल चौक पर आगमन हुआ. जानकारी होने पर स्वास्थ्य का हाल जानने के लिए समर्थकों की भीड़ उमड़ पड़ी.

जनपद के वरिष्ठ गणमान्य लोगों के साथ-साथ समर्थक व पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं ने मंत्री से मुलाकात कर उनके स्वस्थ लाभ की शुभकामनाएं दी. इस दौरान मंत्री आशीष पटेल ने सभी का हृदय से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आप सभी ने मेरे लिए इतनी चिंता की आप सब की दुआओं और आप सब की शुभकामनाओं के कारण मैं पुनः धीरे-धीरे स्वस्थ हो रहा हूं.

ये भी पढ़ेंः उत्तर प्रदेश का विधानसभा सत्र आज से, इन रास्तों पर लागू रहेगा डायवर्जन, घर से निकलने से पहले जरूर जानिए

लखनऊ: यूपी के कैबिनेट मंत्री और अपना दल(एस) के कार्यवाहक अध्यक्ष ने खुद पर लगे घूस लेकर प्रमोशन करने के आरोपों के बाद इस्तीफा देने की बात कही है. उन्होंने सोशल मीडिया साइट X पर लिखा है कि उनकी राजनितिक हत्या करवाने की कोशिश की जा रही है. उन पर लगे आरोपों की सीएम योगी आदित्यनाथ सीबीआई जांच करवा लें. पीएम मोदी जिस दिन आदेश करेंगे तुरंत इस्तीफा दे दूंगा.

दरअसल, आशीष पटेल पर आरोप है कि उन्होंने प्रावधिक शिक्षा कॉलेजों में घूस लेकर प्रमोशन कर लेक्चरर्स को विभागाध्यक्ष बना दिया. जिससे आरक्षित वर्ग के लेक्चरर्स विभागाध्यक्ष बनने से चूक गए. यह आरोप सत्ताधारी दल की बुलंदशहर से विधायक मीनाक्षी सिंह ने मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजकर लगाए हैं.

आरोप लगाया है कि प्राविधिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेजों में विभागाध्यक्ष की नियुक्ति नियमों को ताक पर रख कर की गई है. विभागाध्यक्षों की नियुक्ति सीधी भर्ती के तौर पर होनी थी. जबकि कॉलेजों में कार्यरत लेक्चरर्स की प्रोन्नती कर उन्हें विभागाध्यक्ष बनाया गया. आरोप यह लगा है कि इससे 177 लेक्चरर्स को मिलने वाला आरक्षण नहीं मिल सका.

वहीं अपना दल कमेरावाद की नेता व सिराथु की विधायक पल्लवी पटेल ने भी आरोप लगाया है कि प्राविधिक शिक्षा विभाग में विभागाध्यक्ष के पदों पर नियुक्तियों में हेरफेर की गई. वर्तमान सेवा नियमावली को ताक पर रखकर पुरानी नियमावली के आधार पर भर्ती करके घोटाला किया गया.

वर्ष 2017 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से उत्तर प्रदेश चयन सेवा आयोग के तहत भर्ती होती है. लेकिन, अभ्यर्थियों की हकमारी कर पदोन्नति के आधार पर पद भर दिए गए. इतना ही नहीं प्रत्येक व्यक्ति से 25-25 लाख रुपए की धनउगाही की गई. इस धांधली से सरकार को 50 करोड़ अतिरिक्त वार्षिक बोझ भी अयोग्य कर्मियों को देना पड़ रहा है.

भर्ती में घोटाले के आरोप लगने पर मंत्री आशीष पटेल ने सोशल मीडिया में अपनी बात कही. एक्स पर उन्होंने 5 पोस्ट किए. आशीष पटेल ने लिखा कि, 'मीडिया और सोशल मीडिया पर मेरी राजनीतिक हत्या करने के लिए साजिश के तहत तथ्यहीन और अनर्गल आरोप लगाए जा रहे हैं. मेरे मंत्रित्व काल में प्राविधिक शिक्षा विभाग में वंचित वर्ग से आने वाले कार्मिको के हितों की रक्षा के बारे में पूरे उत्तर प्रदेश को पता है.

सांच को आंच क्या! मुख्यमंत्री जी अगर आवश्यक समझें तो आरोपों की सीबीआई से जांच करा लें. मैं तो यहां तक कहता हूँ कि दूध का दूध और पानी का पानी करने के लिए लगे हाथ बतौर मंत्री अब तक मेरे द्वारा लिए गए एक-एक निर्णय की भी सीबीआई से जांच करा लें. सब को पता है कि इसके पीछे कौन है. आगे और भी ऐसे आरोप लगेंगे.

ऐसे मिथ्या आरोपों से डरने वाले कोई और होंगे. अपना दल (एस) वंचितों के हक की लड़ाई से पीछे नहीं हटने वाला. सामाजिक न्याय की जंग के लिए अपना दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और गृहमंत्री अमित शाह के सानिध्य में 2014 में NDA का अंग बना था. प्रधानमंत्री का जिस दिन आदेश होगा बिना एक सेकेंड देरी के मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा.' मालूम हो कि आशीष पटेल केंद्र की मोदी सरकार में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति हैं.

दिल्ली में इलाज कराकर मिर्जापुर लौटे मंत्री आशीष पटेल: दिल्ली के अपोलो अस्पताल में ऑपरेशन के बाद आज अपना दल (एस) के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष व प्राविधिक शिक्षा एवं उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री आशीष पटेल का सांसद जनसंपर्क कार्यालय पटेल चौक पर आगमन हुआ. जानकारी होने पर स्वास्थ्य का हाल जानने के लिए समर्थकों की भीड़ उमड़ पड़ी.

जनपद के वरिष्ठ गणमान्य लोगों के साथ-साथ समर्थक व पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं ने मंत्री से मुलाकात कर उनके स्वस्थ लाभ की शुभकामनाएं दी. इस दौरान मंत्री आशीष पटेल ने सभी का हृदय से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आप सभी ने मेरे लिए इतनी चिंता की आप सब की दुआओं और आप सब की शुभकामनाओं के कारण मैं पुनः धीरे-धीरे स्वस्थ हो रहा हूं.

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