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झारखंड से UP STF ने 1 लाख के इनामी अपराधी अंकित यादव को दबोचा, फरवरी में थामा था भाजपा का दामन, सपा से की थी बगावत, खुद चलाता था गैंग - Ankit Yadav Arrested By STF

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 22, 2024, 9:41 PM IST

Updated : Aug 23, 2024, 8:44 AM IST

दशाश्वमेध क्षेत्र में दिनदहाड़े फायरिंग कर तीन लोगों को घायल करने के (UP STF) आरोप में फरार अपराधी को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है. यूपी एसटीएफ ने एक लाख के इनामी अपराधी को झारखंड के जनपद पाकुर से गिरफ्तार किया है.

अंकित यादव को यूपी एसटीएफ ने किया गिरफ्तार
अंकित यादव को यूपी एसटीएफ ने किया गिरफ्तार (Photo credit: UP STF)

वाराणसी : यूपी एसटीएफ ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए 1 लाख रुपए के इनामी अपराधी को गिरफ्तार किया है. टीम ने अपराधी को झारखंड के जनपद पाकुर से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार इनामी अपराधी वाराणसी के लक्ष्मीकुंड थाना लक्सा क्षेत्र का रहने वाला है. गिरफ्तार किए गए अंकित यादव पर दशाश्वमेध क्षेत्र में दिनदहाड़े फायरिंग करने का भी आरोप है. अंकित यादव फरवरी में भाजपा में शामिल हुआ था. उसके पिता भी काशी जेल में बंद रहे थे.

एसटीएफ फील्ड यूनिट वाराणसी के पुलिस उपाधीक्षक शैलेश प्रताप सिंह ने बताया कि अपराधी अंकित यादव के जनपद पाकुर (झारखंड) में छिपकर रहने की सूचना मिली थी. सूचना पर सब इंस्पेक्टर अंगद यादव के नेतृत्व में टीम गठित कर झारखंड भेजा गया था. इस दौरान टीम को सूचना मिली कि 1 लाख का इनामी अपराधी अंकित यादव अन्नपूर्णानगर काॅलोनी के पास मौजूद है. जिसके बाद एसटीएफ की टीम ने अंकित यादव को गिरफ्तार किया है.

थाने में दर्ज हैं कई मुकदमे : पूछताछ में पता चला कि अंकित यादव एक मनबढ़ किस्म का दबंग अपराधी है. इसने अपने क्षेत्र के कुछ मनबढ़ किस्म के लड़कों का एक गैंग बनाया है. यह गैंग आस-पास को लोगों से वसूली आदि का काम करता है. आस-पास के लोगों में इसका इतना भय है कि लोग इसकी शिकायत पुलिस से करने में डरते थे. इसके विरूद्ध मारपीट आदि के कई मुकदमें पंजीकृत हैं.

सोशल मीडिया पर दी थी पार्टी में शामिल होने की जानकारी.
सोशल मीडिया पर दी थी पार्टी में शामिल होने की जानकारी. (Photo Credit; Social media)

फायरिंग के मामले में था फरार : दरअसल, 30 जून 2024 को वाराणसी के थाना दशाश्वमेध क्षेत्रान्तर्गत अंकित यादव ने अपने गैंग के साथियों के साथ मिलकर दिन-दहाड़े अपने प्रतिद्वंदी दिनेश यादव के घर पर अंधाधुंध फायरिंग की थी. जिसमें दिनेश यादव सहित कुल तीन लोग बुरी तरह से घायल हो गये थे. जिसके बाद मामले में थाना दशाश्वमेध में मुकदमा पंजीकृत हुआ था. मामले में पुलिस ने अंकित यादव के कई साथियों को गिरफ्तार कर लिया था. वहीं मुख्य अभियुक्त अंकित घटना के बाद से फरार चल रहा था. जिसके बाद पुलिस ने अंकित पर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था.

सपा से बगावत के बाद 2017 में बना था पहली बार पार्षद : यूपी एसटीएफ ने झारखंड से वाराणसी में समाजवादी पार्टी के नेता के घर पर चढ़कर जानलेवा हमले के मामले में फरार चल रहे एक लाख के इनामी अंकित यादव को झारखंड से गिरफ्तार किया है. सबसे बड़ी बात यह है कि झारखंड से गिरफ्तार अंकित यादव बीजेपी का नेता है और फरवरी के महीने में ही उसने वाराणसी के एक भाजपा विधायक के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली थी. अंकित 2017 में समाजवादी पार्टी से बगावत करके निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव जीतने वाला सबसे कम उम्र का प्रत्याशी भी रहा, लेकिन पार्षद बनने के बाद अंकित ने न सिर्फ राजनीति में सक्रिय होने के लिए सत्ता की शरण ली, बल्कि अपराधिक दुनिया में भी अपने को मजबूत करने में जुट गया.

यही वजह है कि 30 जून को दशाश्वमेध क्षेत्र के मीरघाट इलाके में विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र के निकट हाईली सेंसेटिव एरिया में अंकित ने तीन दर्जन लड़कों के साथ मिलकर अपने प्रतिद्वंदी दिनेश यादव के घर पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थीं. जिसमें तीन लोग जख्मी हुए थे. इस मामले में पुलिस अंकित को तलाश रही थी और एसटीएफ ने उसे झारखंड से गिरफ्तार किया, लेकिन गिरफ्तार अंकित यूपी में सत्ता के करीब रहकर अपने को बचाने के प्रयासों में लगा रहा. यही वजह है कि 30 जून की घटना के बाद अंकित बनारस छोड़कर फरार था और लगभग डेढ़ महीने के बाद उसकी गिरफ्तारी संभव हो सकी.

लोकसभा चुनाव के दौरान भी रहा था सक्रिय.
लोकसभा चुनाव के दौरान भी रहा था सक्रिय. (Photo Credit; ETV Bharat)

सबसे बड़ी बात यह है कि जो अंकित यादव गिरफ्तार हुआ है. वह कभी समाजवादी पार्टी का ही नेता हुआ करता था, लेकिन 2017 के निकाय चुनावों में अंकित यादव को जब समाजवादी पार्टी से टिकट नहीं मिला तो उसने बगावत कर दी और समाजवादी पार्टी के ही प्रत्याशी रवि विश्वकर्मा के खिलाफ चुनाव लड़कर जीत हासिल की. इस बार के निकाय चुनाव में भी अंकित ने अपनी किस्मत आजमाई और उस वक्त के वार्ड नंबर 72 पान दरीबा जो वर्तमान में सूर्य कुंड वार्ड है, वहां से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा, लेकिन इस बार उसे जीत नहीं मिली.

वाराणसी की जिला जेल में बंद रहे थे पिता बंसी यादव : सपा नेता पर हमले के आरोप में जिस अंकित यादव को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है उसके पिता बंसी यादव भी पार्षद रहे और आपराधिक मुकदमों के चलते वाराणसी की जिला जेल में बंद थे. सपा की सरकार में 9 मार्च 2004 को जेल के गेट पर बंशी यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उस वक्त इस घटना में पूर्वांचल के नामी शूटर बाबू यादव और अनु त्रिपाठी का नाम सामने आया था. दोनों मुन्ना बजरंगी के लिए काम करते थे, हालांकि बाद में अनु त्रिपाठी को पुलिस ने जेल भेजा और अनु त्रिपाठी की भी जेल के अंदर बैरक में ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सबसे बड़ी बात यह है कि जिस पिता बंसी यादव की विरासत को आगे बढ़ने के लिए बेटे अंकित ने चुनाव जीत कर पार्षद बनने का सपना देखा वह तो पूरा हुआ, लेकिन राजनीति से अपराध का सफर तय करने में अंकित को ज्यादा वक्त नहीं लगा.

पार्टी पदाधिकारियों के साथ खिंचवाता था तस्वीरें.
पार्टी पदाधिकारियों के साथ खिंचवाता था तस्वीरें. (Photo Credit; ETV Bharat)

खुद गैंग को ऑपरेट करता था अंकित यादव :अंकित पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित था और उसे जब झारखंड से गिरफ्तार किया गया तो पूछताछ में उसने कई राज भी खोले हैं. पुलिस के मुताबिक, सबसे बड़ी बात यह है कि अंकित के पास युवा लड़कों का एक अच्छा खासा गैंग मौजूद था. अंकित इन युवा लड़कों के गैंग को खुद ऑपरेट करता था और अपराध जगत में एक नया और युवा चेहरा बनाकर उबरने का सपना देख रहा था. राजनीति से अपराध की दुनिया में अपनी पैठ बनाने के चक्कर में अंकित ने सपा पार्षद पर हमला भी करवाया था. क्षेत्र में अपना दबदबा कायम करने के लिए अंकित ने जिस तरह से लगभग तीन दर्जन से ज्यादा लड़कों को असलहों के साथ अति संवेदनशील एरिया में भेजकर अपनी दहशत को फैलाने का काम किया था, उसने पूरे महकमे को हिला दिया था.

पिता का भी है आपराधिक इतिहास.
पिता का भी है आपराधिक इतिहास. (Photo Credit; ETV Bharat)

खुल सकते हैं कई और राज : एसटीएफ ने अंकित को झारखंड से गिरफ्तार किया है. माना जा रहा है कि एसटीएफ शुक्रवार को उसे कोर्ट में पेश करके उसकी रिमांड ले सकती है. इसके बाद अंकित की अपराधिक दुनिया के कई और राज खुल सकते हैं. अंकित के अपराधिक दुनिया में आने का सिलसिला पार्षद बनने के बाद से ही शुरू हो गया था. वाराणसी के कोतवाली थाने में 2022 में मारपीट और फायरिंग के मामले में पार्षद अंकित यादव का नाम आया था. जिसमें कोतवाली के रहने वाले श्याम बाबू यादव की तहरीर पर हत्या के प्रयास, मारपीट सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. यह घटना भी अपने आप में काफी चर्चित थी. समाजवादी पार्टी के नेता के साथ पुराने विवाद को लेकर पहले मारपीट हुई और फिर गोलियां भी चलीं, जिसमें तीन लोग जख्मी भी हुए थे. इसके अलावा अंकित पर कैंट थाने, कोतवाली, दशाश्वमेध थाने में मारपीट धमकी, हत्या के प्रयास सहित कई अन्य धाराओं में मुकदमे भी दर्ज हैं.

अंकित यादव फरवरी में भाजपा में शामिल हुआ था.
अंकित यादव फरवरी में भाजपा में शामिल हुआ था. (Photo Credit; ETV Bharat)


समाजवादी पार्टी से निर्दलीय और फिर निर्दलीय से भारतीय जनता पार्टी का सफर अंकित ने अपने राजनीतिक और आपराधिक दोनों जीवन को मजबूत करने के लिए बखूबी किया. फरवरी के महीने में अंकित ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा और लोकसभा चुनाव में उसने प्रधानमंत्री मोदी के लिए जमकर प्रचार भी किया था.

यह भी पढ़ें : लखनऊ में मां-बाप की डांट से नाराज 12वीं का छात्र अवैध असलहे से चला रहा गोलियां, खुद को कमरे में कर लिया है बंद, पुलिस छावनी में तब्दील हुआ घर - Teenager becomes headache

यह भी पढ़ें : श्रवण साहू हत्याकांड में 8 दोषियों को उम्रकैद, लखनऊ में 7 साल पहले गोलियों से कर दिया था छलनी - Shravan Sahu Murder Case

वाराणसी : यूपी एसटीएफ ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए 1 लाख रुपए के इनामी अपराधी को गिरफ्तार किया है. टीम ने अपराधी को झारखंड के जनपद पाकुर से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार इनामी अपराधी वाराणसी के लक्ष्मीकुंड थाना लक्सा क्षेत्र का रहने वाला है. गिरफ्तार किए गए अंकित यादव पर दशाश्वमेध क्षेत्र में दिनदहाड़े फायरिंग करने का भी आरोप है. अंकित यादव फरवरी में भाजपा में शामिल हुआ था. उसके पिता भी काशी जेल में बंद रहे थे.

एसटीएफ फील्ड यूनिट वाराणसी के पुलिस उपाधीक्षक शैलेश प्रताप सिंह ने बताया कि अपराधी अंकित यादव के जनपद पाकुर (झारखंड) में छिपकर रहने की सूचना मिली थी. सूचना पर सब इंस्पेक्टर अंगद यादव के नेतृत्व में टीम गठित कर झारखंड भेजा गया था. इस दौरान टीम को सूचना मिली कि 1 लाख का इनामी अपराधी अंकित यादव अन्नपूर्णानगर काॅलोनी के पास मौजूद है. जिसके बाद एसटीएफ की टीम ने अंकित यादव को गिरफ्तार किया है.

थाने में दर्ज हैं कई मुकदमे : पूछताछ में पता चला कि अंकित यादव एक मनबढ़ किस्म का दबंग अपराधी है. इसने अपने क्षेत्र के कुछ मनबढ़ किस्म के लड़कों का एक गैंग बनाया है. यह गैंग आस-पास को लोगों से वसूली आदि का काम करता है. आस-पास के लोगों में इसका इतना भय है कि लोग इसकी शिकायत पुलिस से करने में डरते थे. इसके विरूद्ध मारपीट आदि के कई मुकदमें पंजीकृत हैं.

सोशल मीडिया पर दी थी पार्टी में शामिल होने की जानकारी.
सोशल मीडिया पर दी थी पार्टी में शामिल होने की जानकारी. (Photo Credit; Social media)

फायरिंग के मामले में था फरार : दरअसल, 30 जून 2024 को वाराणसी के थाना दशाश्वमेध क्षेत्रान्तर्गत अंकित यादव ने अपने गैंग के साथियों के साथ मिलकर दिन-दहाड़े अपने प्रतिद्वंदी दिनेश यादव के घर पर अंधाधुंध फायरिंग की थी. जिसमें दिनेश यादव सहित कुल तीन लोग बुरी तरह से घायल हो गये थे. जिसके बाद मामले में थाना दशाश्वमेध में मुकदमा पंजीकृत हुआ था. मामले में पुलिस ने अंकित यादव के कई साथियों को गिरफ्तार कर लिया था. वहीं मुख्य अभियुक्त अंकित घटना के बाद से फरार चल रहा था. जिसके बाद पुलिस ने अंकित पर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था.

सपा से बगावत के बाद 2017 में बना था पहली बार पार्षद : यूपी एसटीएफ ने झारखंड से वाराणसी में समाजवादी पार्टी के नेता के घर पर चढ़कर जानलेवा हमले के मामले में फरार चल रहे एक लाख के इनामी अंकित यादव को झारखंड से गिरफ्तार किया है. सबसे बड़ी बात यह है कि झारखंड से गिरफ्तार अंकित यादव बीजेपी का नेता है और फरवरी के महीने में ही उसने वाराणसी के एक भाजपा विधायक के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली थी. अंकित 2017 में समाजवादी पार्टी से बगावत करके निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव जीतने वाला सबसे कम उम्र का प्रत्याशी भी रहा, लेकिन पार्षद बनने के बाद अंकित ने न सिर्फ राजनीति में सक्रिय होने के लिए सत्ता की शरण ली, बल्कि अपराधिक दुनिया में भी अपने को मजबूत करने में जुट गया.

यही वजह है कि 30 जून को दशाश्वमेध क्षेत्र के मीरघाट इलाके में विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र के निकट हाईली सेंसेटिव एरिया में अंकित ने तीन दर्जन लड़कों के साथ मिलकर अपने प्रतिद्वंदी दिनेश यादव के घर पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थीं. जिसमें तीन लोग जख्मी हुए थे. इस मामले में पुलिस अंकित को तलाश रही थी और एसटीएफ ने उसे झारखंड से गिरफ्तार किया, लेकिन गिरफ्तार अंकित यूपी में सत्ता के करीब रहकर अपने को बचाने के प्रयासों में लगा रहा. यही वजह है कि 30 जून की घटना के बाद अंकित बनारस छोड़कर फरार था और लगभग डेढ़ महीने के बाद उसकी गिरफ्तारी संभव हो सकी.

लोकसभा चुनाव के दौरान भी रहा था सक्रिय.
लोकसभा चुनाव के दौरान भी रहा था सक्रिय. (Photo Credit; ETV Bharat)

सबसे बड़ी बात यह है कि जो अंकित यादव गिरफ्तार हुआ है. वह कभी समाजवादी पार्टी का ही नेता हुआ करता था, लेकिन 2017 के निकाय चुनावों में अंकित यादव को जब समाजवादी पार्टी से टिकट नहीं मिला तो उसने बगावत कर दी और समाजवादी पार्टी के ही प्रत्याशी रवि विश्वकर्मा के खिलाफ चुनाव लड़कर जीत हासिल की. इस बार के निकाय चुनाव में भी अंकित ने अपनी किस्मत आजमाई और उस वक्त के वार्ड नंबर 72 पान दरीबा जो वर्तमान में सूर्य कुंड वार्ड है, वहां से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा, लेकिन इस बार उसे जीत नहीं मिली.

वाराणसी की जिला जेल में बंद रहे थे पिता बंसी यादव : सपा नेता पर हमले के आरोप में जिस अंकित यादव को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है उसके पिता बंसी यादव भी पार्षद रहे और आपराधिक मुकदमों के चलते वाराणसी की जिला जेल में बंद थे. सपा की सरकार में 9 मार्च 2004 को जेल के गेट पर बंशी यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उस वक्त इस घटना में पूर्वांचल के नामी शूटर बाबू यादव और अनु त्रिपाठी का नाम सामने आया था. दोनों मुन्ना बजरंगी के लिए काम करते थे, हालांकि बाद में अनु त्रिपाठी को पुलिस ने जेल भेजा और अनु त्रिपाठी की भी जेल के अंदर बैरक में ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सबसे बड़ी बात यह है कि जिस पिता बंसी यादव की विरासत को आगे बढ़ने के लिए बेटे अंकित ने चुनाव जीत कर पार्षद बनने का सपना देखा वह तो पूरा हुआ, लेकिन राजनीति से अपराध का सफर तय करने में अंकित को ज्यादा वक्त नहीं लगा.

पार्टी पदाधिकारियों के साथ खिंचवाता था तस्वीरें.
पार्टी पदाधिकारियों के साथ खिंचवाता था तस्वीरें. (Photo Credit; ETV Bharat)

खुद गैंग को ऑपरेट करता था अंकित यादव :अंकित पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित था और उसे जब झारखंड से गिरफ्तार किया गया तो पूछताछ में उसने कई राज भी खोले हैं. पुलिस के मुताबिक, सबसे बड़ी बात यह है कि अंकित के पास युवा लड़कों का एक अच्छा खासा गैंग मौजूद था. अंकित इन युवा लड़कों के गैंग को खुद ऑपरेट करता था और अपराध जगत में एक नया और युवा चेहरा बनाकर उबरने का सपना देख रहा था. राजनीति से अपराध की दुनिया में अपनी पैठ बनाने के चक्कर में अंकित ने सपा पार्षद पर हमला भी करवाया था. क्षेत्र में अपना दबदबा कायम करने के लिए अंकित ने जिस तरह से लगभग तीन दर्जन से ज्यादा लड़कों को असलहों के साथ अति संवेदनशील एरिया में भेजकर अपनी दहशत को फैलाने का काम किया था, उसने पूरे महकमे को हिला दिया था.

पिता का भी है आपराधिक इतिहास.
पिता का भी है आपराधिक इतिहास. (Photo Credit; ETV Bharat)

खुल सकते हैं कई और राज : एसटीएफ ने अंकित को झारखंड से गिरफ्तार किया है. माना जा रहा है कि एसटीएफ शुक्रवार को उसे कोर्ट में पेश करके उसकी रिमांड ले सकती है. इसके बाद अंकित की अपराधिक दुनिया के कई और राज खुल सकते हैं. अंकित के अपराधिक दुनिया में आने का सिलसिला पार्षद बनने के बाद से ही शुरू हो गया था. वाराणसी के कोतवाली थाने में 2022 में मारपीट और फायरिंग के मामले में पार्षद अंकित यादव का नाम आया था. जिसमें कोतवाली के रहने वाले श्याम बाबू यादव की तहरीर पर हत्या के प्रयास, मारपीट सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. यह घटना भी अपने आप में काफी चर्चित थी. समाजवादी पार्टी के नेता के साथ पुराने विवाद को लेकर पहले मारपीट हुई और फिर गोलियां भी चलीं, जिसमें तीन लोग जख्मी भी हुए थे. इसके अलावा अंकित पर कैंट थाने, कोतवाली, दशाश्वमेध थाने में मारपीट धमकी, हत्या के प्रयास सहित कई अन्य धाराओं में मुकदमे भी दर्ज हैं.

अंकित यादव फरवरी में भाजपा में शामिल हुआ था.
अंकित यादव फरवरी में भाजपा में शामिल हुआ था. (Photo Credit; ETV Bharat)


समाजवादी पार्टी से निर्दलीय और फिर निर्दलीय से भारतीय जनता पार्टी का सफर अंकित ने अपने राजनीतिक और आपराधिक दोनों जीवन को मजबूत करने के लिए बखूबी किया. फरवरी के महीने में अंकित ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा और लोकसभा चुनाव में उसने प्रधानमंत्री मोदी के लिए जमकर प्रचार भी किया था.

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Last Updated : Aug 23, 2024, 8:44 AM IST
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