आगरा: यूपी के पहले रेल कोच रेस्टोरेंट छह माह बंद हो गया है. ये रेल कोच रेस्टोरेंट और हेरिटेज पार्क आगरा कैंट स्टेशन के पास बना था. रेलवे ने आगरा में अपनी आमदनी बढ़ाने और लोगों को नया अनुभव देने के लिए पीपीपी मॉडल पर रेल कोच रेस्टोरेंट और रेल हेरिटेज पार्क का प्रोजेक्ट तैयार किया था. रेल कोच रेस्टोरेंट कोच को मॉडीफाई करके लग्जरी ट्रेन महाराजा के लुक में तैयार किया गया था.
इससे आने वाले हर व्यक्ति को अलग ही अहसास हो. पांच साल के करार के साथ फरवरी 2024 में शुरुआत हुई थी. मगर, जिस तरह से रेल कोच रेस्टोरेंट और रेल हेरिटेज पार्क बंद हुआ है. उससे रेलवे की प्लानिंग और कंपनी के साथ किए गए करार पर सवाल उठ रहे हैं. इससे रेलवे के दूसरे स्टेशन पर खुलेने वाले दूसरे रेल कोच रेस्टोरेंट को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. जबकि, रेलवे के अधिकारी अब दोबारा से टेंडर की प्रक्रिया करके जल्द रेल कोच रेस्टोरेंट और रेल हेरिटेज पार्क शुरू करने की बात कह रहे हैं.
दरअसल, अप्रैल 2023 में उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के आगरा मंडल ने प्रदेश के पहले रेल कोच रेस्टोरेंट और रेल हेरिटेज पार्क की प्लानिंग की. इसके तहत आगरा कैंट रेलवे स्टेशन रोड पर ईदगाह बस स्टैंड जाने वाले चौराहा पर रेलवे की खाली जमीन चिन्हित की गई. रेल कोच रेस्टोरेंट और रेल हेरिटेज पार्क करीब दो हजार वर्ग मीटर जमीन पर बनाया गया है. रेल कोच रेस्टोरेंट के लिए रेल पटरी बिछाकर उस पर एक ट्रेन कोच खड़ा करके ट्रेन कोच को हेरिटेज और महाराजा ट्रेन जैसा लुक दिया गया. ट्रेन कोच में एंटिक लाइट भी लगाई गईं थीं.
फरवरी 2024 में हुआ था उद्घाटन: आगरा कैंट स्टेशन से करीब 500 मीटर की दूरी पर रेल कोच रेस्टोरेंट और रेल हेरिटेज पार्क का उद्घाटन फरवरी 2024 को हुआ था. इसके मुख्य अतिथि आगरा के सासंद व केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल और भाजपा विधायक डॉ. जीएस धर्मेश थे. रेल कोच रेस्टोरेंट में 84 लोगों के बैठने की सुविधा थी. इसमें कोच में 42 और ओपन पार्क में 42 सीटें थीं. रेल कोच रेस्टोरेंट में चाइनीज, उत्तर और दक्षिण भारत के प्रसिद्ध 92 तरह के व्यंजन और पेय के साथ ही पेठे की स्टॉल भी लगायी गयी थी. रेल कोच रेस्टोरेंट दोपहर 12:30 से रात 12 बजे तक संचालित होता था.
रेलवे ने नहीं किया सपोर्ट: रेल कोच रेस्टोरेंट और हेरिटेज पार्क के प्रमोटर दीपक शर्मा ने बताया कि ये रेलवे के साथ ज्वाइंट वेंचर था. रेलवे को जिस तरह से मेरा सपोर्ट करना चाहिए था. उस तरह से सपोर्ट नहीं किया गया. तमाम ऐसी अड़चन खड़ी की गईं, जिससे रेल रेस्टोरेंट चलाना मुश्किल हो रहा था. इसके लिए कई बार रेलवे के जिम्मेदार अधिकारियों से उन्होंने पत्राचार भी किया, लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ. इस बारे में 17 जुलाई को रेल मंत्री से मुलाकात करके उनके सामने अपना पक्ष रखा था.
- आगरा कैंट स्टेशन से रेल कोच रेस्टोरेंट 500 मीटर से अधिक दूर होने की वज़ह से यात्री नहीं पहुंच रहे थे.
- रेल कोच रेस्टोरेंट में फूड आइटम्स के साथ ही पानी की बोतल तक महंगी थी.
- रेल कोच रेस्टोरेंट का प्रचार प्रसार नहीं किया गया. इस वजह से भी लोग कम पहुंच रहे थे.
- रेल कोच रेस्टोरेंट में पानी और बिजली के कनेक्शन को लेकर समस्या बनी हुई थी.
- रेल कोच रेस्टोरेंट के लिए ऑपरेशनल क्लीरियंस नहीं मिल रही थी.
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