लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की हजारों बसें अपनी आयु पूरी करने के कगार पर हैं. यह बसें बीच रास्ते ही खराब हो जाती हैं, इससे यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ती है. एक बार बस खराब हुई तो इसे वापस वर्कशॉप तक लाने के लिए अभी तक काफी समय लगता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. अब परिवहन निगम की बस अगर बीच रास्ते खराब हुई तो तत्काल यूपीएसआरटीसी की क्रेन बस उठाने पहुंच जाएगी और वर्कशॉप ले आएगी. इसके बाद बस को तत्काल दुरुस्त करके फिर से सड़क पर उतार दिया जाएगा. इससे यात्रियों को समय पर बस मिल सकेगी.
दरअसल, वर्तमान में उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के पास अपनी एक भी क्रेन नहीं है. जितनी क्रेन थीं वह अपनी आयु पूरी कर चुकी हैं. हर बार निगम को किराए पर क्रेन लेनी पड़ती है. जब क्रेन समय पर नहीं मिलती तो बस जहां खराब होती है वहीं कई कई दिनों तक खड़ी रह जाती है. अब इस समस्या का समाधान हो गया है. उत्तर प्रदेश शासन की तरफ से कुंभ मेले को देखते हुए परिवहन निगम को 20 क्रेन खरीदने के लिए साढ़े 10 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए गए हैं. इन क्रेनों को खरीदने का टेंडर हो गया है. जल्द ही 20 नई क्रेन परिवहन निगम के साथ जुड़ेंगी. इससे किराए पर क्रेन लेने का झंझट खत्म होगा. बस खराब होने पर तत्काल मौके पर क्रेन भेज दी जाएगी.
परिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रदेश भर में कुल 20 रीजन हैं. हर रीजन को एक-एक क्रेन उपलब्ध करा दी जाएगी, जिससे प्रदेश भर में सभी रीजन के पास अपनी क्रेन हो जाएगी. इससे काफी फायदा मिलेगा.
खरीदे जाएंगे 42 स्टोर ट्रक : परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक (प्राविधिक) अजीत कुमार सिंह बताते हैं कि 20 क्रेनों के अलावा परिवहन निगम 42 स्टोर ट्रक भी खरीदेगा. सभी रीजन को दो-दो स्टोर ट्रक उपलब्ध कराए जाएंगे और दो स्टोर ट्रक मुख्यालय स्थित केंद्रीय कार सेक्शन को दिए जाएंगे. इन स्टोर ट्रक्स को खरीदे जाने के बाद यह सुविधा हो जाएगी कि परिवहन निगम की बसों की मरम्मत के लिए जो भी पार्ट्स और टायर आते हैं वह समय पर कार्यशाला में पहुंच सकेंगे. जब स्पेयर पार्ट्स समय पर वर्कशॉप में उपलब्ध होंगे तो बसों का मेंटेनेंस भी समय पर हो सकेगा. बसें डिपो में खड़े रहने के बजाय सड़क पर यात्रियों के लिए समय पर उपलब्ध होंगी.
साढ़े 11 हजार बसों का है बेड़ा : रोडवेज के बस बेड़े में वर्तमान में कुल साढ़े 11 हजार बसें हैं. इन बसों से हर रोज 16 लाख से लेकर 17 लाख यात्री सफर करते हैं. जब बस बीच रास्ते खराब होती है तो यात्रियों को दूसरी बस भेजकर उनकी मंजिल के लिए रवाना किया जाता है.