मेरठ: यूपीएसआरटीसी को हर दिन लाखों रूपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है. हालांकी, परिवहन निगम के जिम्मेदारों के लिए ये बुरी खबर है. लेकिन वहीं जो यात्री हैं उनकी दिनचर्या में कोई खास परिवर्तन नहीं हुआ है. निगम को हर दिन लाखों का फटका मेरठ और दिल्ली के बीच यात्रा करने वाले हजारों यात्री लगा रहे हैं. इतना ही नहीं विभाग इसका कोई तोड़ भी नहीं निकाल पा रहा है.
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की तरफ से दावा किया जाता है, कि सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं. यात्रियों के सफर को सुविधाजनक बनाने को प्रयत्न हो रहे हैं. लेकिन अगर पश्चिमी यूपी के मेरठ की बात करें तो यहां के अफसर पिछले दो महीने से टेंशन में हैं. जहां अकेले दिल्ली और मेरठ के बीच बसों का संचालन करके विभाग अच्छी खासी कमाई कर रहा था, वहीं अब बीते दो माह 12 दिन पहले मेरठ वासियों को नमो भारत रेपिड ट्रेन की सौगात क्या मिली कि परिवहन निगम के अफसरों के चेहरे से चिंता की लकीरें साफ दिखाई देती हैं. इसकी वजह विभाग रेपिड ट्रेन के संचालन को बता रहे हैं.
नमो भारत रेपिड ट्रेन से बसों का संचालन कम: बता दें, कि इसी साल रक्षाबंधन पर मेरठ वासियों को बड़ा तोहफा मिला था. भारत की पहली रैपिड रेल नमो भारत ट्रेन का संचालन अब मेरठ दक्षिण तक हो रहा है. मेरठ दक्षिण से साहिबाबाद तक की दूरी को महज 30 मिनट में पूरा किया जा सकता है. 17 अगस्त 2024 तक जहां मोदीनगर से साहिबाबाद के बीच संचालन हो रहा था, उसके बाद 18 अगस्त से अब साहिबाबाद से मेरठ साऊथ तक कुल 42 किलोमीटर का सफर 160 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से महज 30 मिनट में पूरा हो जाता है. ऐसे में यात्री भी खुश हैं. वहीं यात्रियों में भी नमो भारत को लेकर उत्साह है. इस उत्साह ने लेकिन यूपी रोडवेज की मुसीबत बढ़ा दी है.
नमो भारत ट्रेन मेरठ साउथ से मोदीनगर नॉर्थ, मोदीनगर साउथ, मुरादनगर, दुहाई स्टेशन, गाजियाबाद और वहां से साहिबाबाद पहुंचती है. इस ट्रेन के चलने से मेरठ वासी भी बेहद खुश नजर हैं. लोगों का कहना है कि बस में जितना किराया लगता है और समय भी काफी ज्यादा. मेरठ से गाजियाबाद या दिल्ली पहुंचने में अधिक लगता है, तो फिर बेहतर ऑप्शन नमो भारत रेपिड ट्रेन ही है.
बसों से मेरठ दिल्ली हुआ कम: क्षेत्रीय प्रबंधक संदीप नायक का कहना है, कि लगभग 20 हजार यात्री हर दिन मेरठ से दिल्ली की यात्रा करते थे. अगस्त माह में रेपिड ट्रेन की शुरुआत हुई है जिससे प्रभाव पड़ा है.क्योंकि रेपिड ट्रेन मेरठ से अब संचालित हो रही है और क्योंकि बहुत से लोग नौकरी करने मेरठ मोदीनगर मुरादनगर से दिल्ली नौकरी करने या अपना व्यवसाय करने जाते हैं.
पहले परिवहन निगम की बसों से यात्री जो दिल्ली या गाजियाबाद की यात्रा करते थे, उनकी संख्या लगभग 20 हजार थी. यानी हर दिन मेरठ से परिवहन निगम की बसों में 20 हजार यात्री मेरठ से दिल्ली की ओर आवाजाही करते थे, जबकि अब इसमें काफी गिरावट आई है. अब हर दिन लगभग 16 हजार यात्री ही परिवहन निगम की बसों से मेरठ दिल्ली के बीच का सफर तय कर रहे हैं. चार हजार यात्री अब हर दिन कम हो गये हैं. यानी कह सकते हैं, कि लगभग 4 हजार यात्रियों का यूपी रोडवेज की बसों से मोहभंग हो गया है.
बसों के किराए की बढ़ती किमत जिम्मेदार: आर एम का कहना है, कि लगभग 4000 यात्रियों का हर दिन नुकसान हो रहा है. हालांकि वह यह भी कहते हैं कि अगस्त से शादी विवाह आदि समारोह भी नहीं हो रहे हैं तो भी हो सकता है कि यात्रियों की संख्या में कमी आई हो. आर एम के मुताबिक जब तक रेपिड नमो भारत ट्रेन का संचालन मोदीनगर तक हो रहा था, तब इतना प्रभाव नहीं पड़ा था. इस नुकसान की भरपाई करने के लिए अन्य जो रूट हैं उन रूट पर बसों को बढ़ाने की बात जिम्मेदार कर रहे हैं.
परिवहन निगम के जिम्मेदार अधिकारी तो यहां तक भी मानते हैं, कि अगर मेरठ तक रैपिड आ जाएगी, तो निश्चित ही इससे उन्हें उम्मीद है कि फिर लोग जो दिल्ली या गाजियाबाद में नौकरी करते हैं और रहते हैं. रेपिड के चलने से वह हर दिन अगर होम स्टे करेंगे तो, संभावना है कि परिवहन निगम को उससे लाभ हो सके. वर्तमान में लगभग ढाई सौ बसें मेरठ से अकेले दिल्ली गाजियाबाद की ओर जाती हैं.
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