लखनऊ: छठ पर्व पर पूर्वांचल की तरफ जाने के लिए मंगलवार को बस स्टेशनों पर सबसे ज्यादा भीड़ देखने को मिली. अधिकारियों ने अनुमान लगाया कि लखनऊ परिक्षेत्र से करीब पौने दो लाख यात्रियों ने रोडवेज बस से मंगलवार को देर रात यात्रा की है. पिछले तीन दिनों से लगातार यात्री बढ़ रहे हैं. दूसरी ओर ट्रेनों का हाल अब भी बेहाल है. घर जाने वाले लोगों के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं. दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों के लिए दीपावली के बाद वापसी करने वालों का सिलसिला अब भी जारी है.
छठ पूजा के लिए खास इंतजाम: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को खरना है. ऐसे में लखनऊ से पूर्वांचल के जिलों के लिए सबसे ज्यादा लोग जाते हैं. मंगलवार को भी इसका नजारा देखने को मिला. अधिकारियों ने बताया कि लोगों की आवाजाही को देखते हुए पहले से ही तैयारियां कर ली गई थीं. करीब 400 अतिरिक्त बसों से लोगों को उनके गंतव्य तक रवाना किया गया.
50 अतिरिक्त बसें लगाईंः इतना ही नहीं लखनऊ से दिल्ली जाने वालों की भी भीड़ अब भी है. उनके लिए भी करीब 50 अतिरिक्त बसों का संचालन किया गया है. अधिकारियों ने बताया कि रविवार तक यह क्रम ऐसे ही बने रहने की उम्मीद है. ऐसे में सभी कर्मचारियों और अधिकारियों की छुट्टियां रद कर दी गईं हैं. रोस्टरवार ड्यूटी लगाई गई है. यात्रियों को किसी प्रकार की समस्या न हो, इसे देखते हुए स्टेशन परिसर के बाहर भी कर्मचारियों को तैनात किया गया है जिससे बस पकड़ने में कोई दिक्कत न आए.
सप्ताह भर में 7.37 लाख यात्रियों ने की यात्रा: रोडवेज के अधिकारियों ने बताया कि लखनऊ परिक्षेत्र के आलमबाग, कैसरबाग, चारबाग, अवध, रायबरेली, बाराबंकी, उनगरीय, हैदरगढ़ डिपो से प्रतिदिन करीब 50 हजार लोग यात्रा करते हैं. पिछले एक सप्ताह में यह संख्या दोगुनी से ज्यादा हो गई है. पिछले सात दिनों के आंकड़ों की बात करें तो इन डिपो से 7.37 लाख लोगों ने यात्रा की है. रविवार तक यह संख्या करीब दोगुनी हो जाने की उम्मीद है. अच्छी तादाद में यात्रियों के आवागमन से उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम को काफी राजस्व भी प्राप्त हो रहा है.
ट्रेनों में दुश्वारियां: छठ को देखते हुए थोड़ी दूरी वाले यात्री भी अब घर जाने लगे हैं. हालांकि ये यात्री सबसे अधिक रोडवेज बसों पर निर्भर हैं. दिल्ली, मुंबई, पंजाब जैसे महानगरों से पूर्वांचल और बिहार जाने वाले यात्री ट्रेनों के भरोसे हैं. पिछले एक सप्ताह से घर पहुंचने की जद्दोजहद जारी है. ट्रेनों में यात्रियों को सीटें मिलना मुश्किल हो रहा है. आलम यह है कि शौचालय तक में खड़े होकर लोगों को यात्रा करनी पड़ रही है.
ट्रेनों में बेतहाशा भीड़ः ट्रेनों के रिजर्व कोच में भी वेटिंग और बेटिकट यात्रियों का कब्जा है. इसकी शिकायतें बढ़ गईं हैं. सबसे ज्यादा शिकायतें स्लीपर में देखने को मिल रहीं हैं. टीटीई भीड़ के आगे बेबस हैं. वे अंदर पहुंच ही नहीं पा रहे हैं कि जांच कर सकें. जीआरपी और आरपीएफ की फटकार भी काम नहीं आ रही है. ऐसे में कन्फर्म टिकट लेकर चल रहे यात्रियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं.
ये भी पढ़ेंः UP रोडवेज के 15 बस डिपो निजी कंपनियों के हवाले, लखनऊ का अवध डिपो भी शामिल