वाराणसीः बनारस में जल्द ही यूपी रोडवेज (UP Roadways) की बसों का सफर और सुविधाजनक होने जा रहा है. कुछ माह में ही बनारस (Banaras) के ऐसे रूटों के लिए भी बस मिलनी शुरू हो जाएगी जिनके लिए यात्रियों को काफी परेशान होना पड़ता है. रोडवेज ने ऐसे नए रूटों को खोजकर उनके लिए बसों का भी इंतजाम कर लिया है. जल्द ही इन नए रूटों पर बसें दौड़ने लगेंगी.
विभाग ने 1540 नए रूट किए निर्धारितः एआरएम परशुराम पांडेय बताते हैं कि परिवहन विभाग ने गांव से शहर की कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए 1,540 नए रूट निर्धारित किए हैं, जिससे शहर व गांव की कनेक्टिविटी को बढ़ाया जा सके. इसी क्रम में 96 रूट पर बसों का संचालन किया जाएगा, जिसमें निगम की व अनुबंधित बसें शामिल होंगी. इसमें शहरों और ग्रामीण अंचल की अलग-अलग रूटों को निर्धारित किया गया है. इसके लिए 80 से अधिक बसों का संचालन किया जाएगा. हमारा प्रयास है कि अधिक से अधिक ग्रामीण क्षेत्र की कनेक्टिविटी शहरी क्षेत्रों तक बढ़ाई जाए.
बनारस में रोडवेज ने की बड़ी तैयारी. (photo credit: etv bharat) 'पहले फेज में 25 रूटों पर होगा बसों का संचालन': उनका कहना है कि, पहले फेज में 25 रूटों पर बसों का संचालन किया जाएगा. इसके बाद एक महीने के भीतर सभी 96 रूटों पर ग्रामीण अंचलों और शहरी क्षेत्रों में नई बसों की सुविधा बढ़ाई जाएगी. वाराणसी-बाबातपुर मंगारी रूट की बात करें तो गंगापुर, चिन्तावनपुर, घोधधरी, नईकोट, जगदीशपुर, गजेन्द्रा, बैढवां, बैकुन्ठपुर, घमाहापुर, अहरक, बरही के लिए बसों का संचालन हो रहा है. इन रूटों को वाराणसी से जोड़ने का प्रयास किया गया है और निर्धारित समय पर बसें चलाई जा रही हैं.बनारस में यूपी रोडवेज ने किया महाइंतजाम. (video credit: etv bharat) 'ग्रामीण अंचलों में भेजी जा रहीं व्यवस्थित बसें': विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, वाराणसी-गोपीगंज-ज्ञानपुर-सुरियावा रूट पर रामपुर चौथार, चकश्रीदत्त, शिवरामपुर, दशरथपुर, रामपुरकेशी, असमानपुर, पूरेमटुका, हरिहरपुरशानी, अकोढ़ा, भिदिउरा, भगवानपुर, कलाखुर्द, श्रीपुर, भुड़की, घराव, अराजी, जैतपट्टी, अइनछ, मीनापुर, तालओदरा-20 के लिए बसों का संचालन किया जा रहा है. इन रूटों पर भी समयबद्ध तरीके से बसें चलाई जा रही हैं. एआरएम परशुराम पांडेय का कहना है कि, यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए व्यवस्थित बसें ही भेजी जा रही हैं.बनारस में हर दस मिनट में यात्रियों को मिलेंगी बसें. (photo credit: etv bharat) 'हर 10 मिनट पर गांव के लिए मिल रहीं बसें': अंकुर यादव बताते हैं कि, वाराणसी डिपो से लगभग यह जगह के लिए बसें मिल जाती हैं. प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर, जौनपुर जैसे शहरों के लिए बसें मिलती ही रहती हैं. यहां से हर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भी बसें जाती हैं. ग्रामीण क्षेत्रों के लिए निगम व अनुबंधित बसें चलाई जा रही हैं. हर 10 मिनट पर गांवों के साथ ही हर जगह के लिए बसें मिल जाती हैं. यात्री बताते हैं कि, सरकार के द्वारा अनुबंधित बसें शुरू की गई हैं, जो काफी बेहतर और सुविधाजनक हैं. बसों और रोडवेज परिसर में बेहतर हो साफ-सफाई: यात्री बताते हैं कि, गंतव्य तक जल्दी पहुंचने से लेकर आसान सफर काफी अच्छा अनुभव देने वाला रहता है. शहरी हो या ग्रामीण क्षेत्र, हमें कहीं भी जाने के लिए अब समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है. कुछ यात्रियों का ये भी कहना है कि रोजवेज परिसर और बसों में साफ-सफाई की और अधिक व्यवस्था रखनी चाहिए. कुछ बसें तो बहुत ही अच्छी तरीके से संचालित हो रही हैं, जबकि कुछ बसों में अभी भी पुराना हाल ही है. सरकार इसे अच्छा कर सकती है.बीते 7 वर्ष में 3 हजार से अधिक गांव जुड़े: एआरएम परशुराम पांडेय का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए ग्रामीण अंचलों की कनेक्टिविटी लगातार बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है. साल 2017 से पहले सिर्फ 6,904 गांवों को बसों की सेवाओं से जोड़ा गया था. वहीं, साल 2017 के बाद 3,711 गांवों से और कनेक्टिविटी बढ़ाई गई है. उन्होंने कहा, 'हमारा उद्देश्य है कि अधिक से अधिक गांवों को बसों की सुविधा से जोड़ा जा सके, जिसके लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं.'ये भी पढ़ें: यूपी रोडवेज की बनारस से अयोध्या-पटना, छत्तीसगढ़ तक चलेंगी 150 AC इलेक्ट्रिक बसें, सफर होगा आसान