लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अधिकारियों की मनमानी का एक उदाहरण सामने है. इस बार मामला ट्रांसफर पॉलिसी से जुड़ा है. एक माह का समय गुजरने के बाद भी तबादले के दायरे में आए एआरएम फाइनेंस जाने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. यह अधिकारी तबादला आदेश वापस लेने के लिए परिवहन निगम मुख्यालय के चक्कर काट रहे हैं.
UPSRTC के एमडी मासूम अली सरवर ने ट्रांसफर पॉलिसी के तहत 25 से 30 जून के बीच 10 एआरएम वित्त का तबादला आदेश जारी किया था. एक माह गुजरने के बाद सिर्फ एक एआरएम वित्त ने कार्यभार ग्रहण किया है. बाकी नौ एआरएम वित्त ने पदभार ग्रहण नहीं किया है. इस सूची में बिरला सिंह को अयोध्या से परिवहन निगम मुख्यालय, अजय सिन्हा परिवहन निगम मुख्यालय से अयोध्या, राजेश शर्मा आजमगढ़ से परिवहन निगम मुख्यालय, एसपी शुक्ला लखनऊ से गोरखपुर, मुकेश अग्रवाल मेरठ से इटावा, संतोष कुमार निगम परिवहन निगम मुख्यालय से आजमगढ़, सुरेश कुमार निगम मुख्यालय से मेरठ क्षेत्र जाना था. लेकिन ये अधिकारी अपनी नई तैनाती पर नहीं पहंचे. अब परिवहन निगम के प्रवक्ता अजीत सिंह ने बताया कि ट्रांसफर पॉलिसी के तहत जो भी ट्रांसफर हुए थे, प्रमुख सचिव की बैठक में उसकी समीक्षा होगी. माना जा रहा है कि आदेश के बावजूद पदभार ग्रहण नहीं करने वाले इन अफसरों के खिलाफ निगम एक्शन लेगा.
आरएम ने किया निरीक्षण : यूपीएसआरटीसी की बसों को वर्कशॉप में 13 बिंदुओं पर जांच करने और बस स्टेशन पर फैली गंदगी को दूर करने के लिए लखनऊ परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी ने गुरुवार को निरीक्षण किया. क्षेत्रीय प्रबंधक और सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (वित्त) ने चारबाग और उपनगरीय (हैदरगढ़) डिपो कार्यशाला का निरीक्षण किया. इस बीच ड्यूटी पर मौजूद सीनियर फोरमैन और जूनियर फोरमैन को डिपो में खड़ी ऑफ रोड बसों को ऑनरोड करने के निर्देश दिए. बसों की साफ-सफाई कराने के भी निर्देश जारी किए.