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यूपी निर्माण निगम को जारी होगा नोटिस, भुगतान वापस नहीं होने पर FIR होगी दर्ज, जानें पूरा मामला

यूपी राजकीय निर्माण निगम के खिलाफ सरकार बड़ा एक्शन लेने जा रही है. गुणवत्तापूर्वक निर्माण कार्य न होने पर नोटिस जारी किया जाएगा.

Notice to UPRNN
सचिवालय में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में व्यय वित्त समिति की बैठक हुई. (PHOTO- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 9 hours ago

देहरादूनः उत्तराखंड में आईटीआई भवनों के निर्माण को लेकर गुणवत्ताहीन कार्यों पर उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम को जल्द ही नोटिस जारी होने जा रहा है. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस संदर्भ में आदेश जारी किए. इस दौरान प्रदेश में पेयजल निगम को भी निर्माण कार्यों से जुड़े विभिन्न प्रोजेक्ट्स पर दिशा निर्देश जारी किए गए.

उत्तराखंड में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निर्माण कार्यों को लेकर सख्त रवैया अपनाते हुए उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं. मुख्य सचिव ने प्रदेश में आईटीआई भवनों के निर्माण में गुणवत्ताहीन कार्यों पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए अफसर को निर्माण एजेंसी को भुगतान वापसी का नोटिस जारी करने के लिए कहा है.

खास बात यह है कि इस नोटिस का अनुपालन नहीं करने की स्थिति में एजेंसी के खिलाफ प्राथमिकी रिपोर्ट दर्ज करने के भी सख्त निर्देश दिए गए हैं. प्रदेश में कई आईटीआई भवनों का काम आधा अधूरा होने और इन कामों का भी गुणवत्ताहीन होने को लेकर शासन ने सख्त रुख अपनाया है. जिसके चलते निर्माण एजेंसी पर अब सख्ती बरतने का फैसला लिया गया है.

मुख्य सचिव रतूड़ी ने बैठक के दौरान उत्तराखंड के पेयजल निगम को भी सख्त हिदायत दी है. दरअसल उत्तराखंड में आईटीआई सुरक्षा निर्माण सहित दूसरे निर्माण कार्यों को पेयजल निगम द्वारा किया जा रहा है. जिसके चलते पेयजल निगम को विभिन्न कार्यों को दीर्घ अवधि के विजन के साथ और होलिस्टिक अप्रोच के साथ काम करने के लिए कहा गया है. पेयजल निगम को आईटीआई में सुरक्षा निर्माण कार्यों के साथ ड्रेनेज सिस्टम और बाउंड्री वॉल पर भी काम करने के निर्देश दिए गए हैं.

उत्तराखंड सचिवालय में आज मुख्य सचिव की अध्यक्षता में व्यय वित्त समिति की बैठक आहूत की गई थी. जिसमें आईटीआई नारसन में सुरक्षा निर्माण कार्यों के लिए 187.30 लाख रुपए के प्रोजेक्ट लागत पर अनुमोदन दिया गया है. इस दौरान निर्माण कार्यों में गुणवत्ता के साथ ही समयबद्धता पर भी विशेष जोर देने के निर्देश दिए गए हैं. छात्र-छात्राओं की सुरक्षा को लेकर मुख्य सचिव ने इस प्रोजेक्ट को 10 दिन के भीतर सिंचाई विभाग से टेक्निकल परीक्षण करवाने के साथ ही काम को शुरू करने के लिए भी कहा है. कोशिश की जा रही है कि मॉनसून से पहले निर्माण कार्य को पूरा कर लिया जाए.

ये भी पढ़ेंः जल जीवन मिशन योजना का समय विस्तार चाहता है राज्य, जल आपूर्ति पर मुख्य सचिव के ये निर्देश

देहरादूनः उत्तराखंड में आईटीआई भवनों के निर्माण को लेकर गुणवत्ताहीन कार्यों पर उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम को जल्द ही नोटिस जारी होने जा रहा है. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस संदर्भ में आदेश जारी किए. इस दौरान प्रदेश में पेयजल निगम को भी निर्माण कार्यों से जुड़े विभिन्न प्रोजेक्ट्स पर दिशा निर्देश जारी किए गए.

उत्तराखंड में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निर्माण कार्यों को लेकर सख्त रवैया अपनाते हुए उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं. मुख्य सचिव ने प्रदेश में आईटीआई भवनों के निर्माण में गुणवत्ताहीन कार्यों पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए अफसर को निर्माण एजेंसी को भुगतान वापसी का नोटिस जारी करने के लिए कहा है.

खास बात यह है कि इस नोटिस का अनुपालन नहीं करने की स्थिति में एजेंसी के खिलाफ प्राथमिकी रिपोर्ट दर्ज करने के भी सख्त निर्देश दिए गए हैं. प्रदेश में कई आईटीआई भवनों का काम आधा अधूरा होने और इन कामों का भी गुणवत्ताहीन होने को लेकर शासन ने सख्त रुख अपनाया है. जिसके चलते निर्माण एजेंसी पर अब सख्ती बरतने का फैसला लिया गया है.

मुख्य सचिव रतूड़ी ने बैठक के दौरान उत्तराखंड के पेयजल निगम को भी सख्त हिदायत दी है. दरअसल उत्तराखंड में आईटीआई सुरक्षा निर्माण सहित दूसरे निर्माण कार्यों को पेयजल निगम द्वारा किया जा रहा है. जिसके चलते पेयजल निगम को विभिन्न कार्यों को दीर्घ अवधि के विजन के साथ और होलिस्टिक अप्रोच के साथ काम करने के लिए कहा गया है. पेयजल निगम को आईटीआई में सुरक्षा निर्माण कार्यों के साथ ड्रेनेज सिस्टम और बाउंड्री वॉल पर भी काम करने के निर्देश दिए गए हैं.

उत्तराखंड सचिवालय में आज मुख्य सचिव की अध्यक्षता में व्यय वित्त समिति की बैठक आहूत की गई थी. जिसमें आईटीआई नारसन में सुरक्षा निर्माण कार्यों के लिए 187.30 लाख रुपए के प्रोजेक्ट लागत पर अनुमोदन दिया गया है. इस दौरान निर्माण कार्यों में गुणवत्ता के साथ ही समयबद्धता पर भी विशेष जोर देने के निर्देश दिए गए हैं. छात्र-छात्राओं की सुरक्षा को लेकर मुख्य सचिव ने इस प्रोजेक्ट को 10 दिन के भीतर सिंचाई विभाग से टेक्निकल परीक्षण करवाने के साथ ही काम को शुरू करने के लिए भी कहा है. कोशिश की जा रही है कि मॉनसून से पहले निर्माण कार्य को पूरा कर लिया जाए.

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