लखनऊः नए सत्र से प्राइवेट स्कूलों में अभिभावकों के जेब पर बोझ डालते हुए इसमें करीब 12% की बढ़ोतरी (up public school fees) कर दी है. स्कूलों की तरफ से सालाना 5% फीस बढ़ोतरी के साथ कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स सीपीआई अधिक होने के कारण करीब 12% फीस में बढ़ोतरी की गई है. ऐसे में प्रतिमाह के साथ दाखिले के एवज में लिया जाने वाला शुल्क भी मंहगा होगा. इसका सीधा असर आपके जेब पर पड़ना तय है. उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से हर साल करीब 10% फीस बढ़ाने का नियम तय किया गया है. पर कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स अधिक होने के कारण फीस में बढ़ोतरी नियमित दर से अधिक हुई है.
पहली अप्रैल से शुरू हुए नये सत्र में दाखिले का वार अभिभावकों की आय पर पड़ने वाला है. बच्चों की किताबें हो स्टेशनरी या फिर ड्रेस इन सभी के मूल्य में मंहगाई तो सरेआम दिख रही है. मंहगाई का एक और असर शुल्क बढ़ोत्तरी के रूप में देखा जा रहा है. अप्रैल माह में शुरू हुए नये शिक्षण सत्र में छात्रों के मासिक शुल्क में 200 से 300 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. सत्र 2024- 25 की नामी-गिरामी विद्यालयों में नर्सरी और यूकेजी कक्षा में प्रवेश लेने वाले बच्चों से लेकर हाईस्कूल व इंटर के छात्रों के शुल्क में अपेक्षाकृत अधिक बढ़ोत्तरी हुई है. यह बात दीगर है कि निजी विद्यालयों में शिक्षा व अन्य व्यवस्थाओं के फीस की दर अलग-अलग है. स्कूल की ओर से बताया कि इस बार दो सौ रुपये प्रतिमाह की फीस बढ़ाई गयी है. पिछले साल जो फीस 2850 थी वह नए सत्र से वहीं 3050 प्रति माह होगी.
जानकीपुरम निवासी विशाल सिंह ने बताया कि बेटे का एडमिशन नर्सरी कक्षा में कराना है. स्कूल को ओर से जानकारी दी गई कि नर्सरी में एडमिशन की फीस 20 हजार से अधिक है. बता दें कि राजधानी में करीब 150 निजी विद्यालय संचालित है, कुछ विद्यालयों में नर्सरी में प्रवेश का शुल्क 20 हजार है जबकि कुछ विद्यालयों में 38 हजार से अधिक है. इसी तरह दसवीं कक्षा में प्रवेश शुल्क 20,500 से 65 हजार रुपये तक है.
गोमती नगर के एक विद्यालय ने नए सत्र का प्रवेश शुल्क की जानकारी वेबसाइट पर दी है. नर्सरी और यूकेजी की प्रवेश फीस 20,200 होगी, पहली और पांचवी कक्षा में प्रवेश की फीस 20,300, छठवी और आठवी की 20,400, नौवीं और दसवी की 20,550 रुपये प्रवेश फीस होगी.
इस बारे में सेंट जोसेफ कालेज के प्रबंधक अनिल अग्रवाल का कहना है कि प्रत्येक साल नियमत करीब पांच से सात फीसदी की शुल्क बढ़ाया जाता है, कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स 5% से ज्यादा होने के कारण फीस में 12% की बढ़ोतरी की गई है. ये बढ़ोतरी सरकार के नियमों के तहत हुआ है. स्कूल में बेहतर शिक्षा का मौहाल हो, इसके लिए विद्याथियों को बेहतर व्यवस्थाए दी जाती है.
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