लखनऊ : सोशल मीडिया में डीजीपी मुख्यालय से जारी एक पत्र वायरल होने से काफी हड़कंप मचा गया है. पत्र आईजी स्थापना प्रभाकर चौधरी की ओर से जारी किया गया है. पत्र के अनुसार पुलिस विभाग में कार्य का लोड बढ़ रहा है. जिस कारण लिपकीय पदों पर भर्ती करना है. प्रदेश पुलिस में सहायक उप निरीक्षक (लिपिक), सहायक उप निरीक्षक (लेखा) कार्मियों द्वारा कार्यालय का काम किया जाता है. इसमें चरित्र पंजिका, रिकार्ड कीपिगं, वेतन, टीए, कार्यालय पत्राचार आदि का काम किया जाता है. ऐसे में आउट सोर्सिंग के माध्यम से सेवाएं लिए जाने पर विचार किया जा रहा है.
पुलिस अफसरों से मांगी गई राय : वायरल पत्र के मुताबिक पुलिस विभाग में लगातार काम में बढ़ोतरी हो रही है. ऐसे में लिपिकों की संख्या कम होने से काम प्रभावित हो रहा है. ऑफिसियल काम जल्द पूरा किया जा सके, इसके लिए लिपिकों की भर्ती जल्द किया जाना आवश्यक है. ऐसे में आउट सोर्सिंग के माध्यम से सेवाएं लिए जाने पर विचार किया जा रहा है. पत्र के माध्यम से सभी जिलों के एसपी, जोनल एडीजी और अन्य विभागों के विभागाध्यक्षों से राय मांगी गई है.
डीजीपी बोले- गलती से जारी हो गया लेटर : हालांकि जब सोशल मीडिया में पुलिस मुख्यालय का यह पत्र वायरल हुआ तो विभाग में हड़कंप मच गया. जिस पर तत्काल डीजीपी प्रशांत कुमार ने सफाई दी. उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया में पुलिस विभाग में आउटसोर्सिंग के संबंध में एक पत्र प्रसारित हो रहा है, उसके संबंध में अवगत कराना है कि यह पत्र त्रुटिवश जारी हो गया है. पुलिस विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की आउटसोर्सिंग की व्यवस्था पूर्व से चल रही है. इसी के संबंध में पत्र जारी किया जाना था जो त्रुटिवश मिनिस्टीरियल स्टाफ के लिए जारी हो गया है. ऐसा कोई प्रस्ताव पुलिस विभाग और शासन स्तर पर विचाराधीन नहीं है. यह पत्र गलत जारी हो गया है जिसे निरस्त कर दिया गया है.