लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती के लिए 18 फरवरी को परीक्षा थी. इसी दौरान एक अभ्यर्थी के पास पर्ची मिली, जिसमें कुछ उत्तर लिखे थे. पूछताछ में उसके मोबाइल के वाट्सएप पर एक-एक उत्तर पुस्तिका की कॉपी चार घंटे पहले ही भेज दी गई थी. जब इन उत्तरों का मिलान एग्जाम सेंटर में बांटे गए प्रश्न पत्र से किया गया तो सभी प्रश्नों के उत्तर अभ्यर्थी के मोबाइल में मिले. ऐसे में कहा जा सकता है कि यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती का सुनियोजित तरीके से पेपर लीक किया गया है.
यह किसी सोशल मीडिया पर किसी अभ्यर्थी या यूट्यूबर नहीं बल्कि यूपी पुलिस के एक इंस्पेक्टर ने एफआईआर में दावा किया है, जो 19 फरवरी को लखनऊ के कृष्णानगर थाने में दर्ज कराई गई है. ऐसे में अब यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड के इन दावों पर सवाल उठ रहा है, जिसमें वह पेपर लीक का खण्डन कर रहे हैं.
यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड ने शुक्रवार की शाम 6 बजे तक लोगों से कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के पेपर लीक होने से जुड़े सबूतों को ई-मेल करने के लिए कहा है. लेकिन उससे पहले लखनऊ के कृष्णा नगर थाने में दर्ज एक एफआईआर से बड़ा खुलासा हुआ है. ये एफआईआर यूपी पुलिस के एक इंस्पेक्टर ने दर्ज कराई है. हालांकि जब यह एफआईआर दर्ज हुई थी, उसके बाद भी भर्ती बोर्ड और यूपी पुलिस मुख्यालय पेपर लीक होने के दावों को अफवाह बताते हुए खंडन कर रही थी.
शाम की पाली का पेपर दोपहर में ही हो गया था लीक: कृष्णानगर थाने में लखनऊ के मोहनलाल गंज थाने में तैनात पुलिस इंस्पेक्टर राम बाबू सिंह ने एफआईआर दर्ज कराते हुए बताया कि 18 फरवरी 2024 को अलीनगर सुनहरा स्थित सिटी मॉडर्न अकेडमी स्कूल में पुलिस भर्ती परीक्षा हो रही थी. परीक्षा की दूसरी पाली में केंद्र पर वो, जूनियर इंजिनियर सिंचाई विभाग स्टेटिक मैजिस्ट्रेट अम्बरीश कुमार वर्मा, जूनियर इंजिनियर लोक निर्माण विभाग लखनऊ स्टेटिक मैजिस्ट्रेट सौरभ यादव और केंद्र व्यवस्थापक प्रियंका सोनी ड्यूटी पर थी.
युवक के पास 12 बजे पहुंच गया था पेपर: शाम करीब 4:55 बजे कक्ष संख्या-24 निरीक्षक वंदना कनौजिया और विश्वनाथ सिंह ने सूचना दी कि परीक्षार्थी सत्य अमन कुमार पर्ची से नकल कर ओएमआर शीट भर रहा था. इस सूचना पर जब परीक्षार्थी का तलाशी ली गई तो उसके पास से विभिन्न सवालों की पर्चियां बरामद हुईं. जब उससे कड़ी पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसे 12 बजे के आसपास ही उसके एक जानकार युवक नीरज ने उत्तर उसके व्हाट्सएप पर भेजे थे, जिसे उसने एक पर्ची में लिख लिए थे. उसी से वह नकल कर रहा था.
सुनियोजित तरीके से लीक हुआ पेपर: इंस्पेक्टर राम बाबू के मुताबिक, जब एग्जाम सेंटर के स्ट्रॉन्ग रूम में रखे अभ्यर्थी के मोबाइल को चेक किया गया तो उसके वाट्सएप पर 12: 56 बजे नीरज के नंबर से हाथ से लिखे गए उत्तर भेजे गए थे. जब इसका मिलान सेंटर पर बंटे प्रश्न पत्र से कराया गया तो सभी यह देख कर हैरान हो गए कि वाट्सएप पर भेजे गए सभी उत्तर प्रश्न पत्र से मिलान हो रहे थे. दिन में भेजे गए उत्तर, शाम की पाली के प्रश्न पत्र की संख्या से तो अलग अलग थे, लेकिन सभी प्रश्न उत्तर से मिल रहे थे. ऐसे में 18 फरवरी की दूसरी पाली में हुई परीक्षा का यह पेपर सुनियोजित तरीके से लीक किया गया है.
दो दिनों तक सख्त पहरे में हुई परीक्षा, DGP खुद रख रहे थे नजर: उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में पुलिस भर्ती परीक्षा 17 और 18 फरवरी को आयोजित की गई थी, जिसमें करीब 43 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे. यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड ने दावा किया कि दोनों दिन शांतिपूर्ण तरीके से परीक्षा संपन्न हुई. यूपी पुलिस इतिहास की सबसे बड़ी भर्ती के लिए सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए थे. पारम्परिक पुलिसिंग के साथ ही सीसीटीवी, ड्रोन कैमरों, जैमर और बायोमैट्रिक का इस्तेमाल कर फर्जी अभ्यर्थियों, पेपर लीक और सॉल्वर गैंग पर नजर रखी गई. यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार खुद कई सेंटर पर पहुंचे थे.
दोनो दिन शाम की पाली का पेपर लीक होने की सूचना हुई थी वायरल: 17 फरवरी को दूसरी पाली खत्म होते ही सोशल मीडिया पर कई अभ्यर्थी और टीचर दावा करने लगे कि यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा का 17 फरवरी को दूसरी पाली का पेपर लीक हो गया है. इसे लेकर कई स्क्रीनशॉट भी शेयर किए गए. भर्ती बोर्ड ने सफाई दी कि पेपर लीक के सभी दावे फर्जी हैं और यह एक गलत धारणा है जो सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही है. बोर्ड ने कहा कि परीक्षा सुचारू रूप से चल रही है और अभ्यर्थी ऐसी किसी भी गलत सूचना पर ध्यान न दें. उसके दूसरे दिन यानी कि 18 फरवरी को एक बार फिर दूसरी पाली से पहले ही एक और उत्तर पुस्तिका वायरल हुई, जिसमें दूसरी पाली की परीक्षा के प्रश्नों के उत्तर थे.
भर्ती बोर्ड ने दूसरे दिन भी पेपर लीक होने का किया खंडन: यूपी पीआरपीबी ने एक बार फिर से सफाई दी और कहा कि, प्रारंभिक जांच में पाया गया कि अराजकतत्वों की तरफ से टेलीग्राम की एडिट सुविधा का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी करने और सोशल मीडिया पर पेपर लीक के बारे में अफवाह फैलाने के लिए किया जा रहा है. पेपर लीक की खबरें पूरी तरह से अफवाह हैं. इतना ही नहीं कई ऐसे लोगों की गिरफ्तारी भी की गई, जिन्होंने सोशल मीडिया में यह दावा किया था कि पेपर लीक हुआ है.