मेरठ : यूपी पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में मेरठ एसटीएफ ने हरियाणा के जींद से सॉल्वर गैंग के एक सक्रिय सदस्य को गिरफ्तार किया है. पकड़े गये अभियुक्त के विरुद्ध मुकदमा दर्ज था और वह पकड़ से दूर चल रहा था. वहीं, यह भी खुलासा हुआ है कि हरियाणा में एक हजार से ज्यादा युवकों को एक रिसोर्ट में यूपी पुलिस कांस्टेबल परीक्षा का पेपर पढ़कर सुनाया गया था.
हरियाणा के जींद से एक आरोपी गिरफ्तार : यूपी पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में STF ने हरियाणा के जींद से एक आरोपी को बुधवार को गिरफ्तार किया है. पकड़े गये अभियुक्त पर आरोप है कि उसने पेपर सॉल्वर गैंग समेत अन्य जिलों के सॉल्वर्स की मुलाकात दिल्ली पुलिस में तैनात हेड कांस्टेबल से कराई थी. STF के मुताबिक, जब 18 फरवरी को सेकेंड शिफ्ट के पेपर को लीक करने की योजना दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल विक्रम पहल के द्वारा बनाई गई थी. इस मामले में एक रिसॉर्ट में सॉल्वर और अभ्यर्थियों की बड़ी मीटिंग भी हुई. अफसरों की मानें तो तब कर रिसोर्ट में एक हजार से भी अधिक अभ्यर्थी थे, जिन्हें पूरा पेपर पढ़कर सुनाया गया था.
मनमाने दामों में बेचा गया था पेपर : STF की तरफ से जारी की गई विज्ञप्ति के मुताबिक, इस मामले में अभिषेक शुक्ला, रवि अत्री गैंग का नाम भी उजागर हुआ है. इस गैंग पर आरोप है कि कई राज्यों में यूपी पुलिस भर्ती का पेपर मनमाने दामों में बेचा गया था. STF के एसपी ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि बुधवार को आरोपी महेंद्र को टीम पकड़कर मेरठ लाई है. वहीं, STF आरोपी विक्रम की तलाश में जुटी हुई है. टीम का दावा है कि उसे जल्द ही पकड़ लिया जाएगा.
STF ने 6 लोगों को मेरठ से किया था गिरफ्तार : गौरतलब है कि इससे पूर्व मेरठ STF ने 6 लोगों को मेरठ के कंकरखेड़ा से गिरफ्तार किया था, उन 6 लोगों से पुलिस और STF ने पूछताछ की थी. पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि उन्हें हरियाणा से किसी महेंद्र नाम के आदमी ने पेपर दिया था. जिस वजह से महेन्द्र को तलाशा जा रहा था. बता दें कि महेंद्र जींद के बराह खुर्द के रहने वाला है, उसे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ब्रांच के बेसमेंट में बनी एक दुकान से STF ने गिरफ्तार किया है.
स्क्रीन शॉट और वीडियो मिला : मेरठ STF के अधिकारियों ने बताया कि पकड़े गए आरोपी महेंद्र के मोबाइल में पेपर लीक कराने का स्क्रीन शॉट और वीडियो मिला है. इतना ही नहीं उसके पास से 18 फरवरी को सेकेंड शिफ्ट में हुए पेपर की आंसर की भी बरामद की गई है. अब तक हुई पूछताछ में महेंद्र ने यह भी जानकारी दी है कि वह जींद में काम करता था. वहीं, उसकी मुलाकात उसके ही गांव के रहने वाले विक्रम पहल पुत्र कंवर सिंह से हुई थी. आरोपी विक्रम की जब जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि वह दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल है. उसी ने महेंद्र को पेपर बिक्री करके पैसे कमाने का आइडिया दिया था. एसटीएफ के अफसरों का कहना है कि इस पूरे मामले में अभी और भी कई लोग रडार पर हैं और माना जा रहा है कि जल्द ही वह भी पकड़े जाएंगे.