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साइबर अपराध रोकेंगे यूपी पुलिस के स्पेशल कमांडो; IIT कानपुर में दी जा रही 38 जवानों को ट्रेनिंग

देश में तैयार किए जाएंगे 5000 साइबर योद्धा, पुलिस वालों के एक बैच की 5 माह चलेगी ट्रेनिंग, साइबर फ्रॉड-फॉरेंसिक का भी मिलेगा ज्ञान.

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साइबर अपराध रोकेंगे यूपी पुलिस के स्पेशल कमांडो. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 8, 2024, 2:09 PM IST

Updated : Oct 8, 2024, 2:24 PM IST

कानपुर: देश और दुनिया में जो अपराध हो रहे हैं उनमें अब सबसे ज्यादा संख्या साइबर क्राइम से जुड़े मामले सामने आ रहे हैं. साइबर क्राइम पर नियंत्रण रखने के लिए पुलिस की ओर से कवायद तो की जा रही है मगर अभी ऑफिसर्स को बहुत हद तक सफलता नहीं मिल रही.

अब केंद्र सरकार की ओर से ही देश भर को साइबर कमांडो मुहैया कराने के लिए कवायद शुरू हो चुकी है. इसी कड़ी में आईआईटी कानपुर में साइबर कमांडो तैयार किए जाएंगे. आईआईटी कानपुर के सीथ्रीआई हब में मौजूदा समय में 38 पुलिसकर्मी विभिन्न राज्यों से (यूपी, उत्तराखंड,महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, हरियाणा समेत अन्य) पहुंच गए हैं, जिन्हें अब पांच माह तक साइबर अपराध पर नियंत्रण के लिए विभिन्न तरीकों की जानकारी दी जाएगी.

सीथ्रीआई हब के प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रो. संदीप शुक्ला ने दी जानकारी. (Video Credit; ETV Bharat)

साइबर फ्रॉड-फॉरेंसिक की मिलेगी जानकारी: सीथ्रीआई हब के प्रोजेक्ट डायरेक्टर व आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ प्रोफेसर संदीप शुक्ला ने ईटीवी भारत संवाददाता से खास बातचीत में बताया कि पुलिस वालों को हम साइबर फ्रॉड साइबर फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन साइबर फॉरेंसिक समेत कई अन्य जानकारियां देंगे जो कहीं ना कहीं पूरी तरीके से साइबर क्राइम से ही जुड़ी होती हैं.

आईआईटी कानपुर तैयार कर रहा साइबर योद्धा: उन्होंने यह भी बताया कि जो पुलिसकर्मी आए हैं, उनमें अधिकतर सब इंस्पेक्टर हेड कांस्टेबल आदि अन्य शामिल हैं. आईआईटी कानपुर में इन पुलिस कर्मियों को स्पेशल किट भी दी गई है. सभी को टैबलेट भी दिए गए हैं. इन्हीं टैबलेट पर वह पांच माह तक लगातार 8 घंटे की क्लास अटेंड करेंगे. इसके बाद जब वह अपने अपने राज्यों में थानों पर पहुंचेंगे तो वह वहां पर एक साइबर योद्धा के तौर पर काम करेंगे.

देश में तैयार होंगे 5000 साइबर योद्धा: प्रोफेसर संदीप शुक्ला का यह भी कहना है कि ये पहला चरण है. इसी तरीके से आईआईटी कानपुर में अब लगातार यह ट्रेनिंग प्रोग्राम जारी रहेगा. इसके जरिए देश में 5000 साइबर योद्धा तैयार किए जाने हैं. उसमें आईआईटी कानपुर भी अपनी अहम भूमिका निभाएगा.

साइबर फ्रॉड के तरीके: आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ प्रोफेसर संदीप शुक्ला ने बताया कि आमजन के बीच जो साइबर फ्रॉड की घटनाएं हो रही हैं, उनमें मुख्य रूप से डिजिटल अरेस्ट, क्रिप्टो करेंसी, ऑनलाइन गैम्बलिंग, ईमेल फ्रॉड, एसएमएस फ्रॉड, डाटा स्टलिंग, रैनसमवेयर अटैक समेत कई अन्य फ्रॉड के तरीके शामिल हैं. आईआईटी कानपुर में पुलिस कर्मियों को साइबर योद्धा बनाने के दौरान 100 तरीके के साइबर फ्रॉड की जानकारी दी जाएगी. जिससे भविष्य में अगर उनके राज्यों में किसी तरीके का साइबर फ्रॉड होता है तो साइबार योद्धा उस फ्रॉड को पूरी तरीके से खत्म करके जो भी दोषी हो उन तक पहुंच सकें.

ये भी पढ़ेंः क्या है बुजुर्गों को जवान बनाने का झांसा देकर ठगने की कहानी; एक कबाड़ मशीन से कैसे ठगे 35 करोड़ रुपए

कानपुर: देश और दुनिया में जो अपराध हो रहे हैं उनमें अब सबसे ज्यादा संख्या साइबर क्राइम से जुड़े मामले सामने आ रहे हैं. साइबर क्राइम पर नियंत्रण रखने के लिए पुलिस की ओर से कवायद तो की जा रही है मगर अभी ऑफिसर्स को बहुत हद तक सफलता नहीं मिल रही.

अब केंद्र सरकार की ओर से ही देश भर को साइबर कमांडो मुहैया कराने के लिए कवायद शुरू हो चुकी है. इसी कड़ी में आईआईटी कानपुर में साइबर कमांडो तैयार किए जाएंगे. आईआईटी कानपुर के सीथ्रीआई हब में मौजूदा समय में 38 पुलिसकर्मी विभिन्न राज्यों से (यूपी, उत्तराखंड,महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, हरियाणा समेत अन्य) पहुंच गए हैं, जिन्हें अब पांच माह तक साइबर अपराध पर नियंत्रण के लिए विभिन्न तरीकों की जानकारी दी जाएगी.

सीथ्रीआई हब के प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रो. संदीप शुक्ला ने दी जानकारी. (Video Credit; ETV Bharat)

साइबर फ्रॉड-फॉरेंसिक की मिलेगी जानकारी: सीथ्रीआई हब के प्रोजेक्ट डायरेक्टर व आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ प्रोफेसर संदीप शुक्ला ने ईटीवी भारत संवाददाता से खास बातचीत में बताया कि पुलिस वालों को हम साइबर फ्रॉड साइबर फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन साइबर फॉरेंसिक समेत कई अन्य जानकारियां देंगे जो कहीं ना कहीं पूरी तरीके से साइबर क्राइम से ही जुड़ी होती हैं.

आईआईटी कानपुर तैयार कर रहा साइबर योद्धा: उन्होंने यह भी बताया कि जो पुलिसकर्मी आए हैं, उनमें अधिकतर सब इंस्पेक्टर हेड कांस्टेबल आदि अन्य शामिल हैं. आईआईटी कानपुर में इन पुलिस कर्मियों को स्पेशल किट भी दी गई है. सभी को टैबलेट भी दिए गए हैं. इन्हीं टैबलेट पर वह पांच माह तक लगातार 8 घंटे की क्लास अटेंड करेंगे. इसके बाद जब वह अपने अपने राज्यों में थानों पर पहुंचेंगे तो वह वहां पर एक साइबर योद्धा के तौर पर काम करेंगे.

देश में तैयार होंगे 5000 साइबर योद्धा: प्रोफेसर संदीप शुक्ला का यह भी कहना है कि ये पहला चरण है. इसी तरीके से आईआईटी कानपुर में अब लगातार यह ट्रेनिंग प्रोग्राम जारी रहेगा. इसके जरिए देश में 5000 साइबर योद्धा तैयार किए जाने हैं. उसमें आईआईटी कानपुर भी अपनी अहम भूमिका निभाएगा.

साइबर फ्रॉड के तरीके: आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ प्रोफेसर संदीप शुक्ला ने बताया कि आमजन के बीच जो साइबर फ्रॉड की घटनाएं हो रही हैं, उनमें मुख्य रूप से डिजिटल अरेस्ट, क्रिप्टो करेंसी, ऑनलाइन गैम्बलिंग, ईमेल फ्रॉड, एसएमएस फ्रॉड, डाटा स्टलिंग, रैनसमवेयर अटैक समेत कई अन्य फ्रॉड के तरीके शामिल हैं. आईआईटी कानपुर में पुलिस कर्मियों को साइबर योद्धा बनाने के दौरान 100 तरीके के साइबर फ्रॉड की जानकारी दी जाएगी. जिससे भविष्य में अगर उनके राज्यों में किसी तरीके का साइबर फ्रॉड होता है तो साइबार योद्धा उस फ्रॉड को पूरी तरीके से खत्म करके जो भी दोषी हो उन तक पहुंच सकें.

ये भी पढ़ेंः क्या है बुजुर्गों को जवान बनाने का झांसा देकर ठगने की कहानी; एक कबाड़ मशीन से कैसे ठगे 35 करोड़ रुपए

Last Updated : Oct 8, 2024, 2:24 PM IST
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