लखनऊ : लखनऊ का हांटेड हाउस जल्द ही बेहतरीन टूरिस्ट प्लेस बनने वाला है. लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से बटलर पैलेस स्थल का पुनरुद्धार अंतिम चरण में है. इसमें शामिल हैं, बटलर पैलेस बुक कैफे और म्यूजियम ब्लॉक.बटलर झील का एक टापू वाला रेस्तरां, उद्यान और पैदल पथ के साथ यहां बहुत कुछ खास होने वाला है. बटलर पैलेस के मुख्य प्रवेश द्वार का नवीनीकरण किया जा रहा है. कभी इस इमारत को भूतों की हवेली कहा जाता था मगर अब यहां एक पर्यटक स्थल का निर्माण किया जा रहा है. इस स्थल को रमणीक बनाया रहा है.बटलर पैलेस और बटलर पैलेस झील मार्च 2025 तक आम दर्शकों के लिए खोल दिए जाएंगे.
15 करोड़ से हो रहा रेनोवेशन: लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि लगभग 15 करोड़ की लागत से बटलर पैलेस का रेनोवेशन किया जा रहा है.यह मार्च 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा. इसमें न केवल बटलर पैलेस का रिनोवेशन होगा, इसको एक नया स्वरूप दिया जाएगा, वह भी इसकी आर्कियोलॉजिकल वैल्यू को कायम रखते हुए. इसके साथ ही बटलर पैलेस में एक लखनऊ आधारित लाइब्रेरी भी होगी. इसके जरिए शहर को जानने में लोगों को मदद मिलेगी. बाहर एक शानदार गेट होगा जहां से बटलर पैलेस के लिए लोग एंट्री करेंगे. बटलर पैलेस के ठीक पीछे एक झील है, जिसको विकसित किया जा रहा है.यहां एक टापू रेस्टोरेंट का भी निर्माण किया जा रहा है. जहां बैठ कर लोग झील का नजारा ले सकेंगे.
बटलर झील को मिलेगा नए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से पानी: बटलर पैलेस झील गोमती नदी से कनेक्ट है. जब जब घूमती में पानी कम होता है झील सूख जाती है. इसलिए झील में पानी लाने का नया विकल्प तलाश किया गया है. इस झील में पानी लाने के लिए जियामऊ मैं निर्माण अधीन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से साफ पानी लिया जाएगा. इस पानी के जरिए इस झील को भरा जाएगा. सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के शुरू होने का इंतजार किया जा रहा है.
बटलर पैलेस कभी हांटेड हाउस कहा जाता था: बटलर पैलेस झील के अलावा साल 1909 में यहां राजा महमूदाबाद ने बटलर पैलेस के नाम से एक महल का निर्माण शुरू कराया था.इस महल के निर्माण के दौरान काफी काम पूरा हो चुका था और कही बाकी था. इसी बीच लखनऊ में साल 1921 की बड़ी बाढ़ आ गई. इस वजह से यहां काम रुका तो ऐसा रुक की इसके बाद कभी नहीं हो सका. बाद में इस संपत्ति को शत्रु संपत्ति में शामिल किया गया. ऐसे लोग जो अपनी संपत्ति छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे उनकी संपत्ति को शत्रु संपत्ति कहा गया.
समय बीतने के साथ यहां अवैध कब्जे होने लगे और जमकर अतिक्रमण हो गया. बटलर पैलेस अराजक तत्वों का अड्डा बन गया. यहां शराबियों और नशेड़ियों का जमावड़ा लगा रहता था. यहां कोई आ न सके इसलिए इसको हांटेड होने की अफवाह फैला दी गई. सालों तक यह कहा जाता रहा कि यहां सफेद साड़ी में किसी महिला की आत्मा भटकती है. मगर यहां काम करने वाले लोगों का कहना है कि उन्होंने रात-रात भर काम किया. ऐसा कुछ भी यहां नहीं है और केवल कब्जे कायम रखने के लिए इस अफवाह को फैलाया गया था.
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