ETV Bharat / state

बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टो करेंसी बनाकर 150 करोड़ ठगने के आरोपी को जमानत

UP News: 150 करोड़ के क्रिप्टोकरेंसी घोटाले के आरोपी को कोर्ट से मिली जमानत. 20 दिन पहले ही एसटीएफ ने लखनऊ से किया था गिरफ्तार.

up lucknow bitcoin like fraud ruby ​​cryptocurrency makers sameer kesari cbi court grants bail
क्रिप्टोकरेंसी से घोटाले की पोल ऐसे खुली. (photo credit: etv bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 26, 2024, 7:57 AM IST

लखनऊ: 150 करोड़ के बहुचर्चित क्रिप्टोकरेंसी (Crypto Currency) घोटाले में आरोपी समीर केसरी को सीबीआई कोर्ट ने जमानत दे दी है. 20 दिन पहले समीर को यूपी एसटीएफ ने समीर को लखनऊ से गिरफ्तार किया था. समीर केसरी को सी.बी.आई-3 कोर्ट लखनऊ ने जमानत दी है. यूपी STF कोर्ट में समीर के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं पेश कर सकी लिहाजा समीर के वकीलों की दलील को सुनते हुए कोर्ट ने उसे जमानत दे दी है. दरअसल, यूपी STF ने बताया था कि समीर केसरी ने हजारों निवेशकों को रूबी कॉइन में इनवेस्ट कराकर 150 करोड़ की धोखाधड़ी की थी.

खुद की वर्चुअल कॉइन बना ठगी करने का था आरोपः डिप्टी एसपी दीपक सिंह ने समीर की गिरफ्तारी के बाद बताया था कि वह मूल रूप से पश्चिम बंगाल के मालदा का रहने वाला था और लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी में किराए के मकान में रह रहा था. उसने अपने साथियों के साथ मिलकर कूटरचित वर्चुअल कॉइन (रूबी कॉइन) बनाकर प्रदेश और देश के अलग-अलग हिस्सों से निवेशकों की गाढ़ी कमाई के 150 करोड़ रुपये निवेश कराए थे. उसने निवेशकों को मोटी कमाई का झांसा दिया था.

एमपी-छत्तीसगढ़ में शुरू किया था ठगी का खेल : Stf ने बताया था कि वह कोलकाता में एंजेला एग्रोटेक कंपनी में काम करता था. जहां सेल्स स्किल अच्छी होने के कारण उसे जल्द ही कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में शामिल कर लिया गया. हालांकि वर्ष 2016 में वह फर्जीवड़े के मामले में दुर्ग मध्यप्रदेश से जेल गया था. जेल से छूटने के बाद वह छतीसगढ़ के रायपुर में रहने लगा. उसने रूबी कॉइन नाम की वर्चुअल कॉइन की शुरुआत की. धीरे-धीरे उसने प्रचार-प्रसार करना शुरू किया. इससे लोग उसके लोकलुभावने वादों में फंसते चले गए.

कंपनी की नेटवर्थ बढ़ाता चला गया: इससे कंपनी की नेटवर्थ बढ़ती चली गई. समीर व उसके साथी रूबी क्वाइन में लोगों का पैसा इन्वेस्ट कराते थे. लोगों को लोक लुभावने वादे देते थे. कहते थे कि यह एक सुरक्षित निवेश है. इसमें निवेशक की मूल पूंजी हमेशा सुरक्षित रहेगी. यदि निवेशक अपना पैसा वापस लेना चाहे तो तीन वर्ष के बाद पूर्व सूचना देकर अपनी क्वाइन के बदले पैसा अपने बैंक खाते में ले सकता है. निवेशक की पूरी निवेश पूंजी के उपयोग करने का अधिकार समीर के पास रहेगा और निवेशक को निवेशित पूंजी के बदले विभिन्न पर्यटन स्थलों का टूर पैकेज दिया जाता रहेगा.

निवेशकों को दिखाता था फेक बैलेंसः यूपी STF के मुताबिक, समीर इतना शातिर था कि निवेशकों को हल्का सा भी शक न हो इसके लिए अपनी क्वाइन को स्वयं द्वारा बनाए गए क्वाइन एक्सचेंज CTS cola का ऑफिस दुबई में होना बताता था. वह क्वाइन की पूरी हैंडलिंग लोकल सर्वर द्वारा करवाता था, जिसका एडमिन राईट समीर केशरी अपने पास ही रखता था. रूबी कॉइन की साइट के माध्यम से निवेशकों की डिटेल लेकर उनका खाता खोला जाता था, जिस पर निवेशकों की निवेशित रकम के बदले रूबी क्वाइन को अपने अनुसार दिखाया जाता था. खोले गए फर्जी खाता नंबरों को साइट के माध्यम से निवेशित धनराशि का लाभ दिखाने के लिए किया जाता है लेकिन बैकएंड पर कोई इस तरह के एक्सचेंज सिस्टम को संचालित करते हुए केवल निवेशकों को रूबी कॉइन का फेक बैलेंस दिखाता था.

ऐसे करता था खेल: इसके कुछ समय बाद बैलेंस को लोगों के खाते में न दिखाते हुए उसे प्रिंसिपल अकाउंट में ऐड करना बता दिया जाता था. बाद में अपने ही अंतर्गत सर्वर व साइट का एडमिन राइट होने से उसे नियंत्रित करते हुए जिन खातों की देनदारी अधिक हो जाती है. उसे डीएक्टिवेट करके निवेशकों को झूठी जानकारी दी जाती थी. पैसा मांगने पर सर्वर अपडेट, सॉफ्टवेर अपडेट आदि बहाने बताकर भुगतान को लंबित रखा जाता था. डिप्टी एसपी ने बतााय कि समीर धोखे से कमाई गई रकम को क्रिप्टो करंसी में बदलकर विदेश भागने की फिराक में था. इसका इनपुट मिलने पर टीम गठित कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

ये भी पढ़ेंः 38 लाख किराया, महल जैसा क्रूज, 51 दिन में 27 नदियों का सफर...बनारस पहुंचे इस लग्जरी Ship के क्यों दीवाने हैं विदेशी

लखनऊ: 150 करोड़ के बहुचर्चित क्रिप्टोकरेंसी (Crypto Currency) घोटाले में आरोपी समीर केसरी को सीबीआई कोर्ट ने जमानत दे दी है. 20 दिन पहले समीर को यूपी एसटीएफ ने समीर को लखनऊ से गिरफ्तार किया था. समीर केसरी को सी.बी.आई-3 कोर्ट लखनऊ ने जमानत दी है. यूपी STF कोर्ट में समीर के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं पेश कर सकी लिहाजा समीर के वकीलों की दलील को सुनते हुए कोर्ट ने उसे जमानत दे दी है. दरअसल, यूपी STF ने बताया था कि समीर केसरी ने हजारों निवेशकों को रूबी कॉइन में इनवेस्ट कराकर 150 करोड़ की धोखाधड़ी की थी.

खुद की वर्चुअल कॉइन बना ठगी करने का था आरोपः डिप्टी एसपी दीपक सिंह ने समीर की गिरफ्तारी के बाद बताया था कि वह मूल रूप से पश्चिम बंगाल के मालदा का रहने वाला था और लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी में किराए के मकान में रह रहा था. उसने अपने साथियों के साथ मिलकर कूटरचित वर्चुअल कॉइन (रूबी कॉइन) बनाकर प्रदेश और देश के अलग-अलग हिस्सों से निवेशकों की गाढ़ी कमाई के 150 करोड़ रुपये निवेश कराए थे. उसने निवेशकों को मोटी कमाई का झांसा दिया था.

एमपी-छत्तीसगढ़ में शुरू किया था ठगी का खेल : Stf ने बताया था कि वह कोलकाता में एंजेला एग्रोटेक कंपनी में काम करता था. जहां सेल्स स्किल अच्छी होने के कारण उसे जल्द ही कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में शामिल कर लिया गया. हालांकि वर्ष 2016 में वह फर्जीवड़े के मामले में दुर्ग मध्यप्रदेश से जेल गया था. जेल से छूटने के बाद वह छतीसगढ़ के रायपुर में रहने लगा. उसने रूबी कॉइन नाम की वर्चुअल कॉइन की शुरुआत की. धीरे-धीरे उसने प्रचार-प्रसार करना शुरू किया. इससे लोग उसके लोकलुभावने वादों में फंसते चले गए.

कंपनी की नेटवर्थ बढ़ाता चला गया: इससे कंपनी की नेटवर्थ बढ़ती चली गई. समीर व उसके साथी रूबी क्वाइन में लोगों का पैसा इन्वेस्ट कराते थे. लोगों को लोक लुभावने वादे देते थे. कहते थे कि यह एक सुरक्षित निवेश है. इसमें निवेशक की मूल पूंजी हमेशा सुरक्षित रहेगी. यदि निवेशक अपना पैसा वापस लेना चाहे तो तीन वर्ष के बाद पूर्व सूचना देकर अपनी क्वाइन के बदले पैसा अपने बैंक खाते में ले सकता है. निवेशक की पूरी निवेश पूंजी के उपयोग करने का अधिकार समीर के पास रहेगा और निवेशक को निवेशित पूंजी के बदले विभिन्न पर्यटन स्थलों का टूर पैकेज दिया जाता रहेगा.

निवेशकों को दिखाता था फेक बैलेंसः यूपी STF के मुताबिक, समीर इतना शातिर था कि निवेशकों को हल्का सा भी शक न हो इसके लिए अपनी क्वाइन को स्वयं द्वारा बनाए गए क्वाइन एक्सचेंज CTS cola का ऑफिस दुबई में होना बताता था. वह क्वाइन की पूरी हैंडलिंग लोकल सर्वर द्वारा करवाता था, जिसका एडमिन राईट समीर केशरी अपने पास ही रखता था. रूबी कॉइन की साइट के माध्यम से निवेशकों की डिटेल लेकर उनका खाता खोला जाता था, जिस पर निवेशकों की निवेशित रकम के बदले रूबी क्वाइन को अपने अनुसार दिखाया जाता था. खोले गए फर्जी खाता नंबरों को साइट के माध्यम से निवेशित धनराशि का लाभ दिखाने के लिए किया जाता है लेकिन बैकएंड पर कोई इस तरह के एक्सचेंज सिस्टम को संचालित करते हुए केवल निवेशकों को रूबी कॉइन का फेक बैलेंस दिखाता था.

ऐसे करता था खेल: इसके कुछ समय बाद बैलेंस को लोगों के खाते में न दिखाते हुए उसे प्रिंसिपल अकाउंट में ऐड करना बता दिया जाता था. बाद में अपने ही अंतर्गत सर्वर व साइट का एडमिन राइट होने से उसे नियंत्रित करते हुए जिन खातों की देनदारी अधिक हो जाती है. उसे डीएक्टिवेट करके निवेशकों को झूठी जानकारी दी जाती थी. पैसा मांगने पर सर्वर अपडेट, सॉफ्टवेर अपडेट आदि बहाने बताकर भुगतान को लंबित रखा जाता था. डिप्टी एसपी ने बतााय कि समीर धोखे से कमाई गई रकम को क्रिप्टो करंसी में बदलकर विदेश भागने की फिराक में था. इसका इनपुट मिलने पर टीम गठित कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

ये भी पढ़ेंः 38 लाख किराया, महल जैसा क्रूज, 51 दिन में 27 नदियों का सफर...बनारस पहुंचे इस लग्जरी Ship के क्यों दीवाने हैं विदेशी

ये भी पढ़ेंः 8 महीने, 5 ट्रांसफर; कांस्टेबल ने लखनऊ पुलिस कमिश्नर को भेजा इस्तीफा, लिखा- नौकरी नहीं छोड़ी तो हो जाएगी अप्रिय घटना

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.