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यूपी के सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, वेतन-पेंशन को लेकर योगी सरकार ने लिया अब ये फैसला - up government employees

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 14, 2024, 8:39 AM IST

Updated : Jul 16, 2024, 6:20 AM IST

यूपी के सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है. वेतन और पेंशन को लेकर पेश आने वाली दिक्कतों को योगी सरकार जल्द दूर करने जा रही है. आखिर सरकार ने क्या फैसला लिया है चलिए जानते हैं.

up government employees salary pension problems solve by yogi government
योगी सरकार कर्मचारियों की समस्याएं करेगी दूर. (photo credit: etv bharat)

लखनऊ: राज्य कर विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों को वेतन विसंगति से अब बहुत अधिक समय तक परेशान नहीं होना पड़ेगा और न ही उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ेगा. वेतन विसंगति अब राज्य कर विभाग में हर वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले ही दूर किए जाने के दिशा निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा सेवानिवृत होने वाले कर्मचारियों की पेंशन प्रक्रिया भी पहले से ही पूरी कर ली जाएगी। जिससे रिटायरमेंट के बाद उन्हें परेशान नहीं होना पड़ेगा और विभाग के चक्कर लगाने से उन्हें छुटकारा मिल जाएगा.


इसके अलावा विभाग अध्यक्षों को यह शपथ पत्र देना होगा कि उनके अधीन काम करने वाले कर्मचारियों की वेतन विसंगति संबंधी कोई भी मामला अब विभाग में विचाराधीन नहीं है. इसके बाद भी इस तरह का मामला सामने आने पर संबंधित विभाग अध्यक्ष को इसके लिए जवाब देना पड़ेगा. शासन स्तर पर जारी गाइडलाइंस के बाद राज्य कर विभाग के अपर आयुक्त लेखा महा मिलिंद लाल ने वेतन विसंगति और पेंशन योजना को लेकर एक आदेश जारी किया है. जारी आदेश में विभागीय अधिकारियों को पत्र भेज कर कहा गया है कि सभी कर्मचारियों के सेवानिवृत वाले देयको का समयबद्ध व प्राथमिकता पर भुगतान करने के लिए शासन स्तर से समय-समय पर दिशा निर्देश दिए जाते हैं.


इसके बावजूद कई पटल पर कर्मचारियों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है यह स्थिति ठीक नहीं है. सेवानिवृत हो रहे कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका का परीक्षण किए जाने पर यह देखने में आ रहा है कि वेतन निर्धारण आदेश में कुछ ना कुछ खामियां रह जा रही हैं, जो यह दर्शाता है कि विभाग अध्यक्षों के स्तर पर कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करने के ठीक से प्रयास नहीं किए गए.


इसके अलावा जारी आदेश में कहा गया है की अंतिम वेतन निर्धारित किए जाने में अनावश्यक देरी होती है जिससे अवकाश नगदीकरण का भुगतान न होने पर मामला न्यायालय में जाता है और विभाग की इससे छवि खराब होती है इसलिए कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के आठ माह पहले ही सेवा पुस्तिका का अवलोकन कर लिया जाए और इसमें किसी भी तरह की कमी होने पर उसे पहले से ही ठीक कराया जाएगा. इसके अलावा कर्मचारियों के वेतन निर्धारण का काम हर वित्तीय वर्ष में पूरा कराया जाएगा जिससे लेट लतीफे से बचाव होगा और मामला ना तो कोर्ट तक जाएंगे और ना ही कर्मचारी जो अभी तक विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे थे उन्हें परेशान होना पड़ेगा. इससे विभाग की छवि भी और बेहतर हो सकेगी.


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लखनऊ: राज्य कर विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों को वेतन विसंगति से अब बहुत अधिक समय तक परेशान नहीं होना पड़ेगा और न ही उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ेगा. वेतन विसंगति अब राज्य कर विभाग में हर वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले ही दूर किए जाने के दिशा निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा सेवानिवृत होने वाले कर्मचारियों की पेंशन प्रक्रिया भी पहले से ही पूरी कर ली जाएगी। जिससे रिटायरमेंट के बाद उन्हें परेशान नहीं होना पड़ेगा और विभाग के चक्कर लगाने से उन्हें छुटकारा मिल जाएगा.


इसके अलावा विभाग अध्यक्षों को यह शपथ पत्र देना होगा कि उनके अधीन काम करने वाले कर्मचारियों की वेतन विसंगति संबंधी कोई भी मामला अब विभाग में विचाराधीन नहीं है. इसके बाद भी इस तरह का मामला सामने आने पर संबंधित विभाग अध्यक्ष को इसके लिए जवाब देना पड़ेगा. शासन स्तर पर जारी गाइडलाइंस के बाद राज्य कर विभाग के अपर आयुक्त लेखा महा मिलिंद लाल ने वेतन विसंगति और पेंशन योजना को लेकर एक आदेश जारी किया है. जारी आदेश में विभागीय अधिकारियों को पत्र भेज कर कहा गया है कि सभी कर्मचारियों के सेवानिवृत वाले देयको का समयबद्ध व प्राथमिकता पर भुगतान करने के लिए शासन स्तर से समय-समय पर दिशा निर्देश दिए जाते हैं.


इसके बावजूद कई पटल पर कर्मचारियों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है यह स्थिति ठीक नहीं है. सेवानिवृत हो रहे कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका का परीक्षण किए जाने पर यह देखने में आ रहा है कि वेतन निर्धारण आदेश में कुछ ना कुछ खामियां रह जा रही हैं, जो यह दर्शाता है कि विभाग अध्यक्षों के स्तर पर कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करने के ठीक से प्रयास नहीं किए गए.


इसके अलावा जारी आदेश में कहा गया है की अंतिम वेतन निर्धारित किए जाने में अनावश्यक देरी होती है जिससे अवकाश नगदीकरण का भुगतान न होने पर मामला न्यायालय में जाता है और विभाग की इससे छवि खराब होती है इसलिए कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के आठ माह पहले ही सेवा पुस्तिका का अवलोकन कर लिया जाए और इसमें किसी भी तरह की कमी होने पर उसे पहले से ही ठीक कराया जाएगा. इसके अलावा कर्मचारियों के वेतन निर्धारण का काम हर वित्तीय वर्ष में पूरा कराया जाएगा जिससे लेट लतीफे से बचाव होगा और मामला ना तो कोर्ट तक जाएंगे और ना ही कर्मचारी जो अभी तक विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे थे उन्हें परेशान होना पड़ेगा. इससे विभाग की छवि भी और बेहतर हो सकेगी.


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Last Updated : Jul 16, 2024, 6:20 AM IST
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