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CM योगी का फरमान: यूपी में 1 जनवरी से ऐसे दौड़ेंगी सरकारी फाइलें, लटका नहीं पाएंगे बाबू, ये नया सिस्टम आ रहा - UP GOVERNMENT NEWS

सीएम योगी की ओर से सभी सरकारी विभागों को जारी किए जा चुके आदेश. सभी विभागों को अनिवार्य रूप से करना होगा पालन.

up government cm yogi adityanath implemented e office system from 1-01-2025 govt latest news.
योगी सरकार ने जारी किए आदेश. (photo credit: etv bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 22, 2024, 11:54 AM IST

Updated : Dec 23, 2024, 6:41 AM IST


लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अब सभी सरकारी फाइलें एक जनवरी 2025 से नए सिस्टम से दौड़ती नजर आएंगी. अब फाइलों को लटकाना आसान नहीं होगा. हर फाइल पर विभागीय अफसरों की नजर और पहुंच आसान हो जाएगी. योगी सरकार की ओऱ से इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं. सभी विभागों को इस आदेश का पालन करने का निर्देश दिया गया है. इस नए सिस्टम की खास बात यह होगी की बाबू अब किसी भी फाइल को रोक नहीं सकेंगे.


क्या है नया आदेशः सभी सरकारी दफ्तरों में फ़ाइलें और पत्र 1 जनवरी 2025 से डिजिटल हस्तांतरित होंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से इस संबंध में सभी सरकारी अधिकारियों को सख्त आदेश जारी किया गया है. इसके तहत नए साल से इस नई व्यवस्था को पूरी तरह से लागू करना अनिवार्य कर दिया गया है. मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एसपी गोयल की ओर से संबंध में आदेश जारी किया गया है.

आदेश न मानने वालों पर सख्त कार्रवाईः जिन विभागों में इस आदेश का पालन नहीं होगा विभाग अध्यक्षों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. सभी विभागों को यह भी कह दिया गया है कि आने वाले समय में ई ऑफिस संबंधित जो भी बजट है उसकी व्यवस्था राज्य के बजट में हो जाए, इसलिए साल 2025 और 26 के वित्त वर्ष के बजट के लिए प्रस्ताव जरूर भेजें.

up government cm yogi adityanath implemented e office system from 1-01-2025 govt latest news
सरकार की ओर से जारी किया गया आदेश. (photo credit: up government latest order.)
up government cm yogi adityanath implemented e office system from 1-01-2025 govt latest news
सरकार की ओर से जारी किए गए आदेश. (photo credit: etv bharat)
  • आदेश जारी कर दिया: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल की ओर से यह आदेश जारी किया गया है. यह सभी विभागों स्थानीय निकायों निगम, सरकारी शैक्षिक संस्थानों के अलावा स्मार्ट सिटी जैसे ऑफिस पर भी लागू होगा. कई बिंदुओं पर आदेश जारी किया गया है इसमें ई ऑफिस के महत्व और उससे जुड़े अधिकांश मुद्दों को विस्तार से बताया गया है.



    इन बिंदुओं पर दिया गया आदेश
  • निदेशालयों के स्तर पर नोडल अधिकारी, सहायक नोडल अधिकारी एवं DA (डिपार्टमेन्ट एडमिन) को सम्मिलित करते हुए एक प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट (PMU) का गठन किया जाए ताकि सम्बन्धित विभागों के मण्डलीय, जनपदीय व अन्य अधीनस्थ कार्यालयों में ई-ऑफिस से सम्बन्धित कठिनाइयों का निराकरण हो सके.

  • निदेशालय स्तर पर डिपार्टमेन्ट एडमिन (DA Admin) मण्डल, जनपद एवं अन्य अधीनस्थ स्तरों पर अपने विभाग के समस्त कार्यालयों में ई-ऑफिस पर कार्य करने वाले कार्मिकों के ईमेल आईडी तत्परता से बनाया जाना सुनिश्चित किया जाए.

  • विभिन्न कार्यालयों में कार्यरत गैर-सरकारी कार्मिकों (कॉन्ट्रैक्ट सर्विस प्रोवाइडर) के लिए भुगतान के आधार पर NIC ईमेल आईडी बनाए जाने के लिए आवश्यक धनराशि सम्बन्धित विभाग द्वारा खर्च किया जाएगा.

  • जिलाधिकारी कार्यालय से इतर अन्य समस्त विभागीय कार्यालयों में ई-ऑफिस लागू करने के लिए 29 जनपदों में आर्गेनाइजेशन यूनिट्स (OU) बनाए जाने की कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है. शेष जनपदों में आर्गेनाइजेशन यूनिट्स (OU) बनाकर ई-ऑफिस प्रणाली अगले पखवाड़े में लागू की जाए.
  • प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों, मेडिकल कॉलेजों / इंजीनियरिंग कालेजों/ कृषि महाविद्यालयों, राजकीय महाविद्यालयों/शैक्षिक संस्थानों एवं स्मार्ट सिटी कार्यालयों को ई-ऑफिस के निदेशालय Instance में सम्मिलित किया जाए.
  • विभागों द्वारा अपने एवं अधीनस्थ समस्त कार्यालयों (निदेशालय / मुख्यालय, मण्डल, जनपद, तहसील, विकास खण्ड आदि) में ई-ऑफिस सफलतापूर्वक लागू किए जाने हेतु हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, कनेक्टिविटी आदि की आवश्यकता का वित्तीय आंकलन करते हुए वित्तीय वर्ष 2025-2026 के बजट में अनिवार्य रूप से मांग प्रस्तुत की जाए.
  • वित्त विभाग द्वारा प्राथमिकता के आधार पर ई-ऑफिस से सम्बन्धित बजटीय मांग को वरीयता प्रदान करते हुए बजट आवण्टन किया जाएगा.



    अब कागज नहीं डिजिटल पर जोरः अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा अपेक्षा की गई है कि प्रत्येक दशा में एक जनवरी, 2025 से प्रदेश के समस्त कार्यालयों (सचिवालय, निदेशालय / मुख्यालय, मण्डल, जनपद, तहसील, विकास खण्ड आदि) में पत्रावलियों का व्यवहरण एवं पत्राचार ई-ऑफिस के माध्यम से ही किया जाए. किसी भी दशा में ऑफलाइन पत्रावलियों का व्यवहरण व पत्राचार स्वीकार न किया जाए.

आखिर डिजिटल पर सरकार का जोर क्यों?: डिजिटली फाइलों को आसानी से न केवल सहेजा जा सकता है बल्कि कोई भी अधिकारी बड़ी आसानी से फाइल पर नजर रख सकता है. सरकारी प्रक्रिया के तहत कागजी फाइलों के रखरखाव से लेकर उनके अफसरों तक पहुंचने की प्रक्रिया बेहद जटिल है. कई बार तो कई दिनों तक फाइलों की तलाश होती है. वहीं, बाबूगिरी सिस्टम भी फाइलों के साथ खेल करता है. इससे आम लोगों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है. योगी सरकार ने इसी समस्या का हल निकालने के लिए डिजिटलाइजेशन पर जोर दिया है. जब ऑनलाइन फाइलें रहेंगी तो अफसर फरियादियों की समस्या सुनकर ऑनलाइन तुरंत देख लेंगे और समस्या को हल करने के लिए आदेश जारी कर सकेंगे. इसके अलावा आम जनता को बाबूगिरी से काफी हद तक निजात मिल सकती है. सबसे बड़ी बात इससे सरकारी खर्च में भी काफी कमी आएगी. अभी फाइलों को बनाने से लेकर उनके रखरखाव तक में सरकार हर साल करोड़ों रुपए खर्च करती है.





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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अब सभी सरकारी फाइलें एक जनवरी 2025 से नए सिस्टम से दौड़ती नजर आएंगी. अब फाइलों को लटकाना आसान नहीं होगा. हर फाइल पर विभागीय अफसरों की नजर और पहुंच आसान हो जाएगी. योगी सरकार की ओऱ से इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं. सभी विभागों को इस आदेश का पालन करने का निर्देश दिया गया है. इस नए सिस्टम की खास बात यह होगी की बाबू अब किसी भी फाइल को रोक नहीं सकेंगे.


क्या है नया आदेशः सभी सरकारी दफ्तरों में फ़ाइलें और पत्र 1 जनवरी 2025 से डिजिटल हस्तांतरित होंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से इस संबंध में सभी सरकारी अधिकारियों को सख्त आदेश जारी किया गया है. इसके तहत नए साल से इस नई व्यवस्था को पूरी तरह से लागू करना अनिवार्य कर दिया गया है. मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एसपी गोयल की ओर से संबंध में आदेश जारी किया गया है.

आदेश न मानने वालों पर सख्त कार्रवाईः जिन विभागों में इस आदेश का पालन नहीं होगा विभाग अध्यक्षों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. सभी विभागों को यह भी कह दिया गया है कि आने वाले समय में ई ऑफिस संबंधित जो भी बजट है उसकी व्यवस्था राज्य के बजट में हो जाए, इसलिए साल 2025 और 26 के वित्त वर्ष के बजट के लिए प्रस्ताव जरूर भेजें.

up government cm yogi adityanath implemented e office system from 1-01-2025 govt latest news
सरकार की ओर से जारी किया गया आदेश. (photo credit: up government latest order.)
up government cm yogi adityanath implemented e office system from 1-01-2025 govt latest news
सरकार की ओर से जारी किए गए आदेश. (photo credit: etv bharat)
  • आदेश जारी कर दिया: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल की ओर से यह आदेश जारी किया गया है. यह सभी विभागों स्थानीय निकायों निगम, सरकारी शैक्षिक संस्थानों के अलावा स्मार्ट सिटी जैसे ऑफिस पर भी लागू होगा. कई बिंदुओं पर आदेश जारी किया गया है इसमें ई ऑफिस के महत्व और उससे जुड़े अधिकांश मुद्दों को विस्तार से बताया गया है.



    इन बिंदुओं पर दिया गया आदेश
  • निदेशालयों के स्तर पर नोडल अधिकारी, सहायक नोडल अधिकारी एवं DA (डिपार्टमेन्ट एडमिन) को सम्मिलित करते हुए एक प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट (PMU) का गठन किया जाए ताकि सम्बन्धित विभागों के मण्डलीय, जनपदीय व अन्य अधीनस्थ कार्यालयों में ई-ऑफिस से सम्बन्धित कठिनाइयों का निराकरण हो सके.

  • निदेशालय स्तर पर डिपार्टमेन्ट एडमिन (DA Admin) मण्डल, जनपद एवं अन्य अधीनस्थ स्तरों पर अपने विभाग के समस्त कार्यालयों में ई-ऑफिस पर कार्य करने वाले कार्मिकों के ईमेल आईडी तत्परता से बनाया जाना सुनिश्चित किया जाए.

  • विभिन्न कार्यालयों में कार्यरत गैर-सरकारी कार्मिकों (कॉन्ट्रैक्ट सर्विस प्रोवाइडर) के लिए भुगतान के आधार पर NIC ईमेल आईडी बनाए जाने के लिए आवश्यक धनराशि सम्बन्धित विभाग द्वारा खर्च किया जाएगा.

  • जिलाधिकारी कार्यालय से इतर अन्य समस्त विभागीय कार्यालयों में ई-ऑफिस लागू करने के लिए 29 जनपदों में आर्गेनाइजेशन यूनिट्स (OU) बनाए जाने की कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है. शेष जनपदों में आर्गेनाइजेशन यूनिट्स (OU) बनाकर ई-ऑफिस प्रणाली अगले पखवाड़े में लागू की जाए.
  • प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों, मेडिकल कॉलेजों / इंजीनियरिंग कालेजों/ कृषि महाविद्यालयों, राजकीय महाविद्यालयों/शैक्षिक संस्थानों एवं स्मार्ट सिटी कार्यालयों को ई-ऑफिस के निदेशालय Instance में सम्मिलित किया जाए.
  • विभागों द्वारा अपने एवं अधीनस्थ समस्त कार्यालयों (निदेशालय / मुख्यालय, मण्डल, जनपद, तहसील, विकास खण्ड आदि) में ई-ऑफिस सफलतापूर्वक लागू किए जाने हेतु हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, कनेक्टिविटी आदि की आवश्यकता का वित्तीय आंकलन करते हुए वित्तीय वर्ष 2025-2026 के बजट में अनिवार्य रूप से मांग प्रस्तुत की जाए.
  • वित्त विभाग द्वारा प्राथमिकता के आधार पर ई-ऑफिस से सम्बन्धित बजटीय मांग को वरीयता प्रदान करते हुए बजट आवण्टन किया जाएगा.



    अब कागज नहीं डिजिटल पर जोरः अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा अपेक्षा की गई है कि प्रत्येक दशा में एक जनवरी, 2025 से प्रदेश के समस्त कार्यालयों (सचिवालय, निदेशालय / मुख्यालय, मण्डल, जनपद, तहसील, विकास खण्ड आदि) में पत्रावलियों का व्यवहरण एवं पत्राचार ई-ऑफिस के माध्यम से ही किया जाए. किसी भी दशा में ऑफलाइन पत्रावलियों का व्यवहरण व पत्राचार स्वीकार न किया जाए.

आखिर डिजिटल पर सरकार का जोर क्यों?: डिजिटली फाइलों को आसानी से न केवल सहेजा जा सकता है बल्कि कोई भी अधिकारी बड़ी आसानी से फाइल पर नजर रख सकता है. सरकारी प्रक्रिया के तहत कागजी फाइलों के रखरखाव से लेकर उनके अफसरों तक पहुंचने की प्रक्रिया बेहद जटिल है. कई बार तो कई दिनों तक फाइलों की तलाश होती है. वहीं, बाबूगिरी सिस्टम भी फाइलों के साथ खेल करता है. इससे आम लोगों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है. योगी सरकार ने इसी समस्या का हल निकालने के लिए डिजिटलाइजेशन पर जोर दिया है. जब ऑनलाइन फाइलें रहेंगी तो अफसर फरियादियों की समस्या सुनकर ऑनलाइन तुरंत देख लेंगे और समस्या को हल करने के लिए आदेश जारी कर सकेंगे. इसके अलावा आम जनता को बाबूगिरी से काफी हद तक निजात मिल सकती है. सबसे बड़ी बात इससे सरकारी खर्च में भी काफी कमी आएगी. अभी फाइलों को बनाने से लेकर उनके रखरखाव तक में सरकार हर साल करोड़ों रुपए खर्च करती है.





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Last Updated : Dec 23, 2024, 6:41 AM IST
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