अलीगढ़: यूपी में उपचुनाव की सरगर्मियों के बीच प्रदेश सरकार ने एक अहम घोषणा की है. प्रदेश के गन्ना एवं चीनी उद्योग मंत्री और अलीगढ़ जिले के प्रभारी मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण सिंह ने सोमवार को खैर में प्रेस वार्ता करके बताया कि सरकार अहेरिया और बघेलिया समाज को अनुसूचित जाति (एससी) कोटे में शामिल करने की प्रक्रिया जल्द शुरू करेगी.
गन्ना मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने कहा कि खैर विधानसभा में अहेरिया और बघेलिया समाज के लोगों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को समर्थन देने का भरोसा जताया है. लंबे समय से चली आ रही इन जातियों की मांग को अब सरकार ने स्वीकार कर लिया है. कैबिनेट में इसकी चर्चा भी हो चुकी है.
उन्होंने बताया कि चुनाव बाद इन समाजों को एससी श्रेणी में शामिल करने का काम तेजी से पूरा किया जाएगा और सर्टिफिकेट बनाया जाएगा. 1949 में अहेरिया , खटिक, कौल, वारुल समाज को अनुसूचित जाति की सूची से बाहर कर दिया गया था. हालांकि, 1950 में अहेरिया समाज को छोड़कर बाकी तीन जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल कर लिया गया.
लेकिन, अहेरिया समाज को अनुसूचित जाति के आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाया. इसके बाद से अहेरिया जाति ने बार-बार अपने हक की मांग उठाई. सरकार अब उनकी पुरानी मांगों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्धता दिखा रही है.
चौधरी लक्ष्मी नारायण ने यह भी बताया कि सरकार उपचुनाव के बाद तत्काल प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजेगी और पैरवी करेगी. केंद्र की स्वीकृति के बाद इन जातियों के लिए अनुसूचित जाति कोटे के तहत जाति प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे. यह कदम अलीगढ़ जिले समेत पूरे उत्तर प्रदेश में इन जातियों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव साबित होगा.
खैर विधानसभा सीट के उपचुनाव से ठीक पहले यह घोषणा राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मानी जा रही है. खैर में अहेरिया समाज के लोग रहते हैं. भाजपा सरकार का यह फैसला अहेरिया और बघेलिया समाज के वोटों को साधने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. इस घोषणा ने चुनावी माहौल को गरमा दिया है.
सरकार की इस पहल से अहेरिया और बघेलिया समाज को शैक्षिक और रोजगार के क्षेत्र में बड़ी राहत मिलेगी. अनुसूचित जाति में शामिल होने के बाद इन जातियों को आरक्षण का लाभ मिलेगा, जिससे उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीद है.
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