लखनऊः अप्रैल आते ही गर्मी ने प्रचंड रूप धारण करना शुरू कर दिया है. पारा तेजी से चढ़ने लगा है और इसका सीधा सा बिजली की डिमांड पर पड़ने लगा है. बढ़ती गर्मी में बिजली की मांग भी लगातार बढ़ती जा रही है और ऐसे में बिजली सप्लाई करना अभी से पावर कारपोरेशन के लिए टेढ़ी खीर साबित होने लगा है. यूपीएसएलडीसी यानी राज्य भार प्रेषण केंद्र की तरफ से अभी से सभी कंट्रोल को बिजली (up electricity) कटौती से संबंधित आदेश भेज दिया गया है. इसमें लखनऊ समेत मध्यांचल के तमाम जिलों में ढाई-ढाई घंटे रोजाना बिजली कटौती करने का आदेश दिया गया है. यह कटौती एक अप्रैल से लेकर 30 अप्रैल तक जारी रहेगी. यानी हर रोज लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के करीब 18 से ज्यादा जिलों को ढाई घंटे बिजली कटौती का सामना करना पड़ेगा. अघोषित बिजली कटौती अलग से होगी.
राज्य भार प्रेषण केंद्र (यूपीएसएलडीसी) की तरफ से प्रदेश के सभी तहसील मुख्यालय और नगर पंचायत को एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक बिजली कटौती का सामना करना पड़ेगा.इन जिलों में होगी कटौती
जिन जिलों में कटौती होनी है उनमें लखनऊ, हरदोई, अयोध्या, बरेली, बलरामपुर, अमेठी, सुल्तानपुर, श्रावस्ती, रायबरेली, अंबेडकर नगर, बहराइच, बाराबंकी, बदायूं, गोंडा, लखीमपुर, खीरी, पीलीभीत, शाहजहांपुर, सीतापुर और उन्नाव जिले शामिल हैं.
रोज कितनी देर गुल रहेगी
तहसील मुख्यालय की बिजली कटौती की अवधि रोजाना सुबह 6:10 से लेकर 7:10 तक और शाम को 4:30 बजे से लेकर 6:00 तक रहेगी जबकि नगर पंचायत की कटौती अवधि भी सुबह 6:00 बजे से लेकर 7:30 बजे तक और शाम को 4:15 से लेकर 5:15 तक कटौती जारी रहेगी.
यूपीएसएलडीसी के अधीक्षण अभियंता (प्रणाली नियंत्रण) ने बताया कि केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग नई दिल्ली के वर्तमान आदेशों और ग्रिड सुरक्षा के परिप्रेक्ष्य तक सामान्य अवस्था में ये आदेश लागू रहेंगे. बिजली कटौती का पूरा अधिकार प्रणाली नियंत्रण के अधीन सुरक्षित होगा. अगर कंट्रोल सिस्टम को यह लगता है कि बिजली कटौती किए बिना ही काम चल सकता है तो इसकी आवश्यकता नहीं है, लेकिन अगर बिजली कटौती की आवश्यकता लगे तो इसी समय पर बिजली कटौती की जाए. इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि ताज ट्रेपीजियम क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले तहसील और ग्रामीण स्तरीय क्षेत्रों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति जारी रहेगी.
बड़ी चुनौती है विभाग के लिए
बता दें कि गर्मी के दौरान प्रदेशवासियों को बिजली कटौती का सामना न करना पड़े इसके लिए पावर कारपोरेशन ने सर्दी के दौरान मेंटेनेंस के काम पूरे कराए हैं. ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाई है. नए वायर भी लगाए हैं. अन्य उपकरण भी चेंज किए हैं. अब इस गर्मी में पावर कॉरपोरेशन के काम का भी टेस्ट होगा. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक इस बार गर्मी कहीं ज्यादा पड़ने वाली है. ऐसे में बिजली की डिमांड भी बहुत ज्यादा बढ़ेगी.