आगरा: ताजनगरी में देहली गेट स्थित रवि वुमन हॉस्पिटल एक बार फिर सुर्खियों में है. कोर्ट के आदेश पर हरिपर्वत थाना पुलिस ने हॉस्पिटल संचालक डॉ. रविंद्र मोहन पचौरी, डॉ. रजनी पचौरी, डॉ. पल्लवी भटनागर और एकाउंटेंट अंशुल सिंह के खिलाफ मुकदमा लिखा गया है. मुकदमा गर्भपात, धोखाधड़ी, रंगदारी, गाली गलौज, जान से मारने की धमकी, अमानत में खयानत और आपराधिक षड्यंत्र की गंभीर धाराओं में लिखा गया है.
आगरा में IVF के नाम पर धोखाधड़ी (FIR against hospital owner doctor) के मामले में हरीपर्वत थाना प्रभारी निरीक्षक आलोक सिंह ने बताया कि, मुकदमे दर्ज करके जांच शुरू कर दी है. जबकि, पहले ही शिकायत पर इस मामले की सीएमओ की टीम ने जांच की थी. इसमें चिकित्सकों को क्लीनचिट दी थी. कमांडर कालोनी, मधुनगर निवासी प्रियंका ने मुकदमा दर्ज कराया है.
प्रियंका ने बताया कि, मैं 17 अक्तूबर 2020 को डॉ. रजनी पचौरी और डॉ. पल्लवी भटनागर से गर्भधारण का इलाज कराने गई थीं. डॉक्टर ने उन्हें बताया कि 2.70 लाख रुपये का पैकेज है. आईवीएफ प्रक्रिया के लिए तीन चांस दिए जाएंगे. जिस पर मैं सहमत हो गई. मैंने 2.70 लाख रुपये जमा करा दिए.
गर्भपात कराया, दस लाख रपये वसूले: पीड़िता प्रियंका का आरोप है कि, चिकित्सकों ने उसे बुलाकर झूठ बोलकर डराया. कई बार अलग अलग तरीके से रुपये जमा कराए. पहली जांच गड़बड़ होने पर दूसरे चांस के लिए अलग से रुपये जमा कराए. मेरा गर्भपात किया गया. इस तरह से आरोपियों ने मुझसे करीब 10 लाख रुपये वसूल लिए.
फिर, 24 जुलाई 2023 को एकाउंटेंट अंशुल ने फोन करके बताया कि, मैडम आपका इलाज नहीं करेंगी. अगले दिन फोन करके एकाउंटेंट ने उन्हें फोन पर गालियां दीं. इसके साथ ही मुझे कारगिल पेट्रोल पंप पर बुलाकर जान से मारने की धमकी दी. पीड़िता के अधिवक्ता संदीप परमार ने बताया कि, साक्ष्यों के आधार पर मुकदमा दर्ज कराया है. जिसमें ठोस पैरवी की जाएगी.
तथ्य छिपाकर कराया मुकदमा: इस संबंध में डॉ. रवि पचौरी का कहना है कि, इस मामले में सीएमओ की जांच हो चुकी है. तथ्यों को छिपाकर मुकदमा दर्ज कराया है. जो जांच के बाद खारिज हो जाएगा. इस मामले में पुलिस अपनी जांच कर रही है. (UP Crime News)