लखनऊः उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से दो सबसे हाई प्रोफाइल सीटों में शामिल रायबरेली और अमेठी सीट पर गांधी परिवार चुनाव लड़ेगा या नहीं. इसको लेकर बीते कई दिनों से चर्चाओं का बाजार गर्म है. शनिवार को इन दो सीटों पर प्रत्याशियों के चयन के लिए कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में हुई. इस बैठक में उत्तर प्रदेश के प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे, प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, यूपी विधानसभा कि विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा "मोना" सहित उत्तर प्रदेश के कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मौजूद थे.
बैठक के दौरान उत्तर प्रदेश के नेताओं ने रायबरेली और अमेठी सीट से राहुल और प्रियंका गांधी के नाम का प्रस्ताव रखा. काफी देर की चर्चा के बाद सभी नेताओं ने राष्ट्रीय अध्यक्ष पर दोनों सीटों के अंतिम निर्णय लेने का फैसला छोड़ दिया है. बैठक में मौजूद सभी सदस्यों ने राहुल और प्रियंका गांधी के अमेठी और रायबरेली से चुनाव लड़ने की वकालत की.
देश में दो चरणों का चुनाव हो चुका है लेकिन अभी तक अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट पर गांधी परिवार के रुख को लेकर देश की राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले लोगों की निगाहें टिकी है. कांग्रेस ने अभी तक प्रत्याशियों का ऐलान नहीं किया है. अमेठी लोकसभा सीट 2019 तक कांग्रेस की थी लेकिन भाजपा की स्मृति ईरानी ने उन्हें उस चुनाव में हरा दिया था. वही रायबरेली की सीट 2019 में कांग्रेस ने जीत ली थी पर सोनिया गांधी के राज्यसभा जाने के कारण यह सीट पर अभी तक उनका उत्तराधिकारी कौन होगा इसकी घोषणा नहीं की है.
हालांकि अमेठी सीट को लेकर प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा जाहिर कर चुके हैं. जब की रायबरेली सीट को लेकर पार्टी के नेताओं की तरफ से प्रियंका गांधी के उम्मीदवार बनाए जाने की मांग है पर प्रियंका गांधी की तरफ से लगातार चुनाव नहीं लड़ने की बात कही जा रही है. ऐसे में एक धार विधायक आराधना मिश्रा के इस सीट से प्रत्याशी बनाने की मांग कर रहा है. इससे पहले दिन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की तरफ से एक बयान जारी कर कहा गया था कि अगले कुछ दिनों में रायबरेली और अमेठी सीट पर पार्टी उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर देगी. अभी बीते दिनों गाजियाबाद चुनाव प्रचार के सिलसिले में पहुंचे राहुल गांधी ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान अमेठी से चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा था कि यह निर्णय पार्टी के केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में लिया जाएगा अगर वहां से आदेश होगा तो वह जरूर चुनाव लड़ेंगे.